नई दिल्ली: दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसानों का आंदोलन जारी है | केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का 110वां दिन है| किसान आंदोलन पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा,' केंद्र सरकार को कानूनों को वापस लेना चाहिए। मायावती ने केंद्र सरकार से मृतक किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की मांग की है|
किसान आंदोलन को लेकर मायावती ने कहा कि,''जब देश के किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों से सहमत नहीं हैं तो केंद्र सरकार को कानूनों को वापस लेना चाहिए। जिन किसानों की इस आंदोलन में मृत्यु हुई है उनके परिवारों को केंद्र और राज्य सरकारों को उचित आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देनी चाहिए|
मायावती ने कहा कि,'जब तक केन्द्र व राज्यों में जातिवादी, पुँजीवादी एवं संकीर्ण मानसिकता रखने वाली पार्टियों की सरकारें चलती रहेंगी तो तब तक पूरे देश में इन वर्गों के लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति में सही बदलाव नहीं आ सकता है और ना ही इन ( दलित, शोषित, पिछड़े मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक) वर्गों के लोगों के साथ-साथ यहाँ सर्वसमाज में से गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे व्यापारियों एवं अन्य मेहनतकश लोगों की भी स्थिति में कोई खास बदलाव आ सकता है।
मायावती ने कहा कि,'इतना ही नहीं बल्कि अब तो केन्द्र व राज्यों में कांग्रेस, बीजेपी व अन्य पार्टियों की जो भी सरकारें चल रही है तो वे आयेदिन ऐसे नये-नये नियम व कानून आदि बना रही है, जिसमें इनका ओर ज्यादा पतन हो रहा है जिसके तहत् ही पिछले कई महीनों से देश के किसान केन्द्र सरकार से इनके तीन नये बनाये गये कृषि कानूनों को वापिस लेने के लिए अभी तक भी लगातार आन्दोलित हैं जबकि इस मामले में हमारी पार्टी ने केन्द्र की सरकार से बार-बार यह अनुरोध भी किया है और आज फिर से हमारी पार्टी उनसे यह अनुरोध कर रही है कि जब देश के किसान केन्द्र सरकार के बनाये गये तीन कृषि कानूनों से सहमत नहीं है तो फिर केन्द्र की सरकार को अपने इन तीनों कृषि कानूनों को वापिस ले लेना चाहिये, तो यह उचित होगा और बी.एस.पी. की भी यह मांग है और इस मामले में हमारी पार्टी पूरे तौर से किसानों की इस मांग के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा,'''और हमारी पार्टी यही चाहती है कि केन्द्र की सरकार अपने तीनों कृषि कानूनों को जरुर वापिस ले। इसके साथ-साथ जिन किसानों की इस आन्दोलन के दौरान मृत्यु हो गई है, तो केन्द्र के साथ-साथ राज्यों की सरकारें भी उनके पीडित परिवार को उचित आर्थिक सहायता जरुर प्रदान करें। साथ ही उनके एक सदस्य को इन्हें सरकारी नौकरी भी जरुर देनी चाहिये।
पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों पर मायावती ने कहा कि,''इसके अलावा यहाँ मैं यह भी कहना चाहूंगी कि केन्द्र व उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में व खासकर बीजेपी की सरकारों के चलते यहाँ पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस आदि की बढ़ती कीमतों से आसमान छूती महंगाई व विकराल गरीबी एवं बेरोजगारी से तथा खराब कानून-व्यवस्था आदि के कारण अब देश में गरीब व मेहनतकश लोगों का जीवन दिन-प्रतिदिन अति कठिन होता जा रहा है लेकिन दूसरी तरफ इसके विपरीत कोरोना के संकट काल में भी देश के कुछ पूँजीपतियों व धन्नासेठों के अपार निजी धन में जो भारी बढ़ोत्तरी होती जा रही है, तो यह सरकार की जनहित व जनकल्याण सम्बन्धी नीति व नीयत पर भी काफी सवाल खड़ा करता है और इससे आमजनता का भला नहीं हो पा रहा है|
योगी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा,''' यहाँ उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार में भी एक तरफ हर स्तर पर व्याप्त खराब कानून-व्यवस्था तथा लोगों की आमधारणा के मुताबिक यहाँ ज्यादातर जातिगत एवं द्वेष की भावना से किये गये एनकाऊन्टर व बुलडोजर आदि का इस्तेमाल किये जाने की वजह से तथा दूसरी तरफ विकास के कार्य भी अधिकांश मीडिया में ही प्रचारित होने व जमीनी हकीकत में ना होने के कारण अब इनकी इस कार्यशैली ने भी यहाँ कि जनता को काफी परेशान करके रख दिया है।