लखनऊ: रामचरितमानस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हमला बोला है| केशव प्रसाद मौर्य ने आज मंगलवार को कहा कि, “ एक नए नवेले नेता(स्वामी प्रसाद मौर्य) जो कई घाटों का पानी पीकर सपा में गए हैं वहां अखिलेश यादव के भोंपू बने हुए हैं। इन्होंने रामचरितमानस पर जो बयान दिया उसके बाद अखिलेश यादव का इसपर चुप रहना यूपी के माहौल को खराब करने का एक प्रयास है|
दरअसल,'समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, “मुझे रामचरित्रमानस से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन रामचरित्रमानस के कुछ हिस्सों में रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। मौर्य ने इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
समाजवादी पार्टी ने पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया है, जिन्होंने कहा था कि रामचरितमानस के कुछ छंद सामाजिक भेदभाव को बढ़ावा देते हैं और नफरत फैलाते हैं। सपा के दिग्गज नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा है कि मौर्य की टिप्पणी "अज्ञानता" से की गई थी और यह पार्टी की लाइन नहीं है और समाजवादी पार्टी सभी
धार्मिक ग्रंथों और धर्मों का सम्मान करती है।
सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा, “स्वामी प्रसाद मौर्य (रामचरितमानस पर) द्वारा दिया गया बयान पार्टी का बयान नहीं है और अज्ञानता से दिया गया है। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। उनका बयान पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव तक पहुंच गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी|