लखनऊ: हाथरस गैंगरेप और 20 साल की पीड़िता की मौत मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में पीड़िता के भाई ने एक हलफनामा दाखिल कर बताया कि इस महीने सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार और उनके वकीलों को धमकियां मिली थीं और उनपर दबाव बनाया जा रहा है| हाईकोर्ट में दाखिल किए गए इस हलफनामे में पीड़िता के भाई ने बताया कि यह घटना हाथरस की स्पेशल कोर्ट में 5 मार्च की सुनवाई के दौरान की है|
इस मामले को लेकर सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि 'यूपी के अति-दुःखद व शर्मनाक हाथरस गैंगरेप के पीड़ित परिवार को धमकाने का मामला बेहद गंभीर है। यह राज्य सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न खड़े करता है। मायावती ने कहा कि,'लोग सोचने को मजबूर कि पीड़ितों को न्याय कैसे मिलेगा?
मायावती ने ट्वीट कर कहा,''यूपी के अति-दुःखद व शर्मनाक हाथरस गैंगरेप के पीड़ित परिवार को न्याय पाने में जिन कठिनाईयों का लगातार सामना है वह जग-जाहिर है, किन्तु उस सम्बंध में जो नए तथ्य अब कोर्ट में उजागर हुए वे पीड़ितों को न्याय दिलाने के मामले में सरकार की कार्यशैली पर पुनः गंभीर प्रश्न खड़े करते हैं।
हाथरस काण्ड में नए तथ्यों का मा. हाईकोर्ट द्वारा संज्ञान लेकर गवाहों को धमकाने आदि की जाँच का आदेश देने से यूपी सरकार फिर कठघरे में है व लोग सोचने को मजबूर कि पीड़ितों को न्याय कैसे मिलेगा? यह आम धारणा कि यूपी में अपराधियों का राज है व न्याय पाना अति-कठिन, क्या गलत है?
बता दें कि,'''हाथरस कांड मामले में सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा है कि वो इस केस के ट्रायल को हाथरस से बाहर भेज सकती है| हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच ने इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि वो इस संभावना पर विचार करेगी कि इस केस को उसी कोर्ट में रखना है या फिर कहीं और ट्रांसफर करना है| कोर्ट ने अपने आदेश में पीड़ित पक्ष की मुख्य कानूनी सलाहकार सीमा कुशवाहा को मिली धमकियों का जिक्र भी किया है|