मेरठ: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 18वां दिन है। कड़कड़ाती ठंड और घने कोहरे के बीच दिल्ली की तमाम सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं। अपने आंदोलन को तेज करते हुए संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने सिंघु बॉर्डर पर 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा की है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,-किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर भारत की एकता और अखंडता को चुनौती दी जा रही है। किसान भाईयों के कंधों पर बंदूक रखकर देश की सुरक्षा में सेंध लगाने का कार्य किया जा रहा है। ये स्वीकार्य नहीं हो सकता है|
मेरठ में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा,''किसान अन्नदाता है। अपनी फसल और उपज का मालिक भी है। वही तय करेगा कि उसे अपनी फसल को कहां बेचना है। उस पर कोई टैक्स न मण्डी के अंदर न बाहर, कहीं नहीं लगना चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने यही कहा है।उन्होंने कहा,''किसान भाइयों के कंधे पर बंदूक रखकर भारत की एकता और अखंडता को चुनौती दी जा रही है, देश की सुरक्षा में सेंध लगाने का कार्य किया जा रहा है, यह कतई स्वीकार्य नहीं होगा... समाधान संवाद से होगा, संघर्ष से नहीं...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,''हम किसान भाइयों से मिलें तो हमारा संबोधन “राम राम” होना चाहिए और हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले दुराचारियों व अपराधियों की “राम नाम सत्य है” की यात्रा निकलनी चाहिए| योगी ने कहा,''आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने 'किसान सम्मान निधि योजना' का शुभारंभ किया। विपक्ष कहता था कि चुनावी शिगूफा है, लोग कहते थे कि कोरोना कालखण्ड में यह रुक जाएगी। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि मंत्री, सांसद, विधायक का वेतन रुकेगा लेकिन किसान की किसान सम्मान निधि नहीं रुकेगी।