लखनऊ: वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को योगी सरकार का पांचवां बजट पेश किया। सीएम योगी ने अपने कार्यकाल के अंतिम बजट (वित्तीय वर्ष 2021-2022) के लिए वित्त मंत्री की सराहना की है। उन्होंने कहा,'''मुझे खुशी है कि आज से हमारी कैबिनेट भी ई-कैबिनेट हो गई है। बजट से पहले ई-कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई थी|
सीएम योगी ने कहा, वर्तमान बजट ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की भावना के अनुरूप है। इसमें हर घर नल, हर गांव सड़क, हर गांव डिजिटल, हर खेत को पानी, हर युवा को रोजगार, तथा हर जुल्मी को जेल का संकल्प छिपा है। उन्होंने कहा,यह बजट प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने तथा हर नागरिक को सशक्त बनाने के संकल्प के साथ लाया गया है।वैश्विक महामारी कोरोना की त्रासदी के मध्य यह बजट आशा, ऊर्जा एवं उत्तर प्रदेश की नई संभावनाओं को नई उड़ान देता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,असंगठित क्षेत्र के हर व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा और प्रदेश सरकार उनको 2 लाख रुपये की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी उपलब्ध कराएगी। साथ ही असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों को मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना में 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा का कवर देंगे| इस बार का बजट 5,50,270.78 करोड़ रुपये का है, ये 2020-21 के बजट से 7.3% अधिक है|
उन्होंने कहा,महिलाओं के लिए कई योजनाएं आरम्भ की गई हैं। इस वर्ष मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना, कुपोषित बच्चों को सुपोषण देने के लिए लाई गई है|
उन्होंने कहा,''बजट में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना को विस्तार दिया गया है। अब किसान के घर के कमाऊ सदस्य, बंटाईदार व अन्य लोग भी मृत्यु जैसी दु:खद स्थिति में ₹05 लाख की आर्थिक सहायता पा सकते हैं| जो किसान परिवार आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा से कवर नहीं थे, उनके लिए इस बजट में मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत ₹05 लाख के नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा का प्रावधान किया गया है|
-₹05 लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख के आकार का वित्तीय वर्ष 2021-22 बजट उत्तर प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित करने तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आमजन को शुद्ध एवं स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने और जापानी इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए प्रदेश में चल रही मुख्यमंत्री आर.ओ. पेयजल योजना के अंतर्गत आर.ओ. वाटर प्यूरीफायर्स की स्थापना के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में ₹22 करोड़ की बजटीय आवंटन प्रस्तावित।
वित्तीय वर्ष 2021-2022 से शहरी स्थानीय निकायों में घरेलू नल कनेक्शन के साथ सर्वसुलभ जल आपूर्ति और अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था की जाएगी स्थापित। योजना के क्रियान्वयन के लिए ₹2,000 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने एवं संचारी रोगों की जांच हेतु विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में लखनऊ में इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी एंड इन्फेक्शस डिजीजेज के अन्तर्गत बायो सेफ्टी लेवल-4 लैब की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित। इसके साथ ही एस.जी.पी.जी.आई., लखनऊ में उन्नत मधुमेह केन्द्र की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है। वित्तीय बजट 2021-22 में असाध्य रोगों से पीड़ित आम जनमानस को आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करने के लिए ₹100 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है|
जनपद अमेठी एवं बलरामपुर में नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु वित्तीय बजट 2021-22 में ₹175 करोड़ की व्यवस्था की गई है। साथ ही, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना हेतु ₹100 करोड़ का आवंटन किया गया है। एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर एवं मीरजापुर में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों में जुलाई, 2021 से शिक्षण सत्र प्रारम्भ किए जाने का लक्ष्य निर्धारित। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ₹960 करोड़ का आवंटन प्रस्तावित किया गया है। प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में पी.पी.पी. मोड में मेडिकल कॉलेज संचालित कराए जाने के लिए ₹48 करोड़ का बजट प्रस्तावित। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिये ₹23 करोड़ के बजट का प्रावधान|
13 जनपदों - बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोण्डा, ललितपुर, लखीमपुर-खीरी, चन्दौली, बुलन्दशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात तथा कौशाम्बी में निर्माणाधीन नए मेडिकल कॉलेजों के लिए वित्तीय बजट 2021-22 में ₹1,950 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ एवं सर्वसुलभ करने के उद्देश्य से प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर लोक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना के लिए ₹77 करोड़ बजटीय प्रावधान प्रस्तावित किया गया है|
प्रदेश की जनता को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए दृढ़संकल्पित प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए ₹54 करोड़ का प्राविधान किया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 12 मंडलों में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं एवं मंडलीय कार्यालयों के निर्माण हेतु ₹50 करोड़ का बजट प्रस्तावित|