लखनऊ: यूपी के बागपत जिले में बीती रात पुलिस ने बड़ौत में पिछले 40 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों को जबरन हटाकर घर भेज दिया। ये किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर धरना दे रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ा और उनके टेंट भी उखाड़ दिए।
इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने पुलिस की लाठीचार्ज का वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ' उप्र में रात में किसानों पर लाठी चार्ज व उनकी बिजली काटने की ख़बर आई है. जिस प्रकार भाजपा सरकार अपनी चालों से भोलेभाले किसानों के आंदोलन को बदनाम कर रही है और जिस तरह भाजपाई षडयंत्रों का पर्दाफ़ाश हो रहा है उससे आम जनता की सहानुभूति किसान आंदोलन के साथ और भी बढ़ गयी है|
समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया,''बातचीत की आड़ में BJP सरकार ने किसानों की पीठ में छुरा भोंकने का किया काम! बुधवार रात CM के आदेश पर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलित किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज घोर निंदनीय!अन्नदाता के सब्र का इंतिहान लेना बंद करे सरकार। हर लाठी का मिलेगा जवाब। किसानों के साथ खड़े हैं समाजवादी।
यूपी कांग्रेस ने पुलिस की लाठीचार्ज का वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, 'बागपत में कल रात यूपी पुलिस ने किसानों से शांति वार्ता की। इस शांति वार्ता में 20 किसान घायल हो गए और उनका सामान रख लिया गया।' वहीं आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने एक घायल बुजुर्ग किसान की तस्वीर ट्वीट करके लिखा, 'कल देर रात बड़ौत में पुलिस ने सोते हुए किसानों पर लाठियां बरसाई! इस बुजुर्ग किसान को देखो। ये कोई आतंकवादी या अपराधी है क्या?'
26 को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत में चल रहे किसानों के आंदोलन पर भी पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया और बुधवार रात करीब 12 बजे पुलिस धरना स्थल पर पहुंचकर बल प्रयोग कर धरनास्थल खाली करा लिया। पुलिस फोर्स ने लाठियां फटकार कर किसानों को दौड़ा लिया।
बुधवार की रात को बागपत पुलिस ने बड़ौत में धरना दे रहे किसानों को यहां से हटा दिया है| किसानों को हटाए जाने को लेकर यूपी पुलिस ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी के एक नोटिस का हवाला दिया है, जिसमें निर्माण गतिविधि में देरी होने की बात की गई थी| बागपत प्रशासन ने किसी भी तरह के बल प्रयोग से इनकार किया है।
बागपत के एडीएम अमित कुमार ने NHAI के काम का हवाला देते हुए कहा, ''NHAI ने हमें एक लेटर लिखा था, जिसमें यहां पर किसानों के प्रदर्शन के चलते सड़क निर्माण गतिविधि में देरी होने की बात कही गई थी| हमने किसानों को शांतिपूर्वक प्रदर्शनस्थल से हटा दिया है|
UP के ADG(कानून-व्यवस्था) ने कहा, '26 जनवरी को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कुछ किसान संगठनों ने स्वेच्छा से चिल्ला बाॅर्डर,दलित प्रेरणा स्थल से आंदोलन वापस ले लिया। बागपत में लोगों को समझाने के बाद उन्होंने रात में धरना खत्म कर दिया। UP गेट पर अभी कुछ लोग हैं, उनकी संख्या काफी कम हुई है|