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अब जिसे चाहे, जहां चाहे उठा लें, ना वारंट-ना बेल, ना सबूत और नहीं सुनवाई, UPSSF के गठन पर अखिलेश ने बोला योगी सरकार पर हमला

  • by: news desk
  • 14 September, 2020
अब जिसे चाहे, जहां चाहे उठा लें, ना वारंट-ना बेल, ना सबूत और नहीं सुनवाई, UPSSF के गठन पर अखिलेश ने बोला योगी सरकार पर हमला

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नए उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल का गठन किया है| इस बल के पास किसी आदेश के बिना तथा बिना वारंट के तलाशी लेने और किसी को भी गिरफ्तार का अधिकार होगा| योगी सरकार के नए उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा, विशेष सुरक्षाबल के जरिए यूपी में ठोक दो संस्कृृति के तहत अब जिसे चाहे, जहां चाहे उठा लें, ना वारंट, ना बेल, ना सबूत और नहीं सुनवाई





समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज कहा कि भाजपा सरकार सत्ता की मदहोशी में संवैधानिक अधिकारों के दमन पर तुल गई है। मानवाधिकारों से उसे चिढ़ है। जहां एक ओर विशेष सुरक्षाबल 2020 के जरिए उ0प्र0 में ठोक दो संस्कृृति के तहत अब जिसे चाहे, जहां चाहे उठा लें, ना वारंट, ना बेल, ना सबूत और नहीं सुनवाई। जिस पर मुख्यमंत्री जी की निगाह टेढ़ी हुई, उसकी शामत आना तय है। 




उन्होंने कहा कि, ''भाजपा सरकार ने आज पूर्व सांसद सीएन सिंह के घर शोक संवेदना प्रकट करने जा रहे समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल तथा उनके साथ अन्य नेताओं को रायबरेली में गिरफ्तार कर अपनी सत्ता की धमक दिखाई है। महोली, सीतापुर में मृृतक कमलेश मिश्रा के घर सांत्वना देने जा रहे विधायक एवं पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय को भी वहां नहीं जाने दिया गया। भाजपा सरकार और पुलिस पूरी तरह अमानवीय और संवेदन शून्य हो गई है। किस अधिकार से अब किसी के दुःख में भी वह किसी को शरीक नहीं होने देगी?





अखिलेश यादव ने कहा है कि,''प्रतापगढ़ में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष पर फर्जी आरोप लगाकर जेल भेजा गया। यह बदले की कार्यवाही है। सरधना नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन के पति एवं पुत्र पर झूठा एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा लगाया गया जबकि सफाई कर्मचारी संघ का कहना है कि मुकदमा फर्जी है। मुख्यमंत्री जी के आदेश पर यह सब हो रहा है। आखिर कब तक वे सुलगते सवालों का जवाब देने से कतराएगंे? अपनी आंख मूंद लेने से दुनिया में अंधेरा नहीं हो जाता है, मुख्यमंत्री जी। 




उन्होंने कहा कि, समाजवादी नेताओं का प्रतापगढ़ जाने का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल बहुखंडी विधायक निवास में रहते है। उनके आवास के बाहर और गेट पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। जब वे बाहर निकलने को हुए पुलिस दल ने उन्हें रोकने की कोशिश की। तभी एमएलसी सुनील यादव साजन भी वहां पहुंच गए। पुलिस ने जब फिर रोकने की कोशिश की तो अपनी गाड़ियां छोड़कर समाजवादी नेताओ ने पैदल ही राजभवन, मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने का एलान कर दिया। कार्यकर्ताओं के साथ वे 1090 चैराहे तक पहंुच भी गए। तब तीखे विवाद के बाद पुलिस ने उन्हें आगे जाने दिया। लेकिन बछरावां टोल पर फिर उन्हे रोकने की कोशिश की गई। पुलिस के रोकने के बावजूद वहां से आगे बढ़ गए तो रायबरेली पहंुचने पर पुलिस ने फिर जबरदस्त घेराबंदी करके गिरफ्तार कर लिया।

    



 रायबरेली में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता में नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि सरकारी दमन और कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न की जानकारी लेने वे प्रतापगढ़ जा रहे थे। उनके साथ एमएलसी उदयवीर सिंह, सुनील यादव साजन, विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री मनोज पाण्डेय, श्री अंबरीष पुष्कर विधायक, पूर्व विधायक रामलाल अकेला तथाआशा किशोर कनौजिया, पूर्व ब्लॉक प्रमुखविवेक पटेल, जय सिहं जयन्त, लखनऊ के जिलाध्यक्ष और रायबरेली के जिलाध्यक्ष इं0 वीरेन्द्र यादव भी मौजूद रहे। समाजवादी नेताओ का कहना था उनकी गिरफ्तारी हो या फिर प्रतापगढ़ जाने दिया जाए।




 नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार समाजवादियों को जनता के बीच जाने से कब तक रोकेगी और सत्ता संरक्षित अपराध को कहां तक बेलगाम होने देगी। उन्हें साथी विधायकों, पार्टी नेताओं के साथ श्रद्धांजलि देने प्रतापगढ़ जाने से जबरन रोका गया। महोबा में व्यापारी की मौत के आरोपी एसपी, डीएम की भी गिरफ्तारी हो। इसके पूर्व सीतापुर महोली में मृृतक कमलेश मिश्रा  के परिवार का दुःख बांटने जा  रहे पूर्व  मंत्री एवं विधायक मनोज पाण्डेय को भी पुलिस बल ने रोक दिया। यह लोकतंत्र की हत्या है।





बता दें कि,''योगी सरकार ने राज्य में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2020 को लागू किया गया है। UP DGP को इस अधिनियम की प्रति 11 सितम्बर, 2020 को भेजते हुए, इस बल के प्रभावी क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए गए हैं| उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल(UPSSF) के गठन पर पुलिस UP DGP द्वारा अपनी सहमति प्रदान की गई है| यह फोर्स उत्तर प्रदेश में मा. उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालय एवं परिसर व तीर्थ स्थल, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक अन्य वित्तीय, शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान आदि की सुरक्षा व्यवस्था करेगी|




यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया,,'बल का कोई सदस्य किसी मजिस्ट्रेट के किसी आदेश के बिना तथा किसी वारण्ट के बिना किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है (इस धारा के अधीन प्रयोग की जाने वाली शक्तियों की रीति इस निमित्त विहित नियमावली द्वारा शासित होगी)| वारण्ट के बिना तलाशी लेने की शक्ति भी इस फोर्स के पास होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस अधिनियम के उपबन्धों को क्रियान्वित करने के लिए अधिसूचना द्वारा नियम बना सकती है।







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