● केस्को लिपिक के पुत्र की हत्या का प्रकरण
● थाना नवाबगंज में बहन निशा ने लिखाई थी गुमशुदगी
● एक जुलाई को दोस्त के जन्मदिन में जाने को कहकर गया था
● घटना के कई अहम सुराग लगे पुलिस के हाथ, जल्द खुलासे की उम्मीद
कानपुर: केस्को (Kanpur Electricity Supply Company) में वरिष्ठ लिपिक रमेश चंद्र के पुत्र गोविंद की हत्या के मामले में पुलिस ने सूचना मिलते ही तेजी तो दिखाई लेकिन जब तक पुलिस को सूचना मिली तब तक हत्यारे गोविंद को मौत के घाट उतार चुके थे। घटना की अब तक हुई जांच में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उससे यही बात सामने आ रही है। थाना नवाबगंज और जांच के लिये गठित टीमें अभियुक्तों की तलाश में जुटी हुई हैं। पुलिस को घटना से जुड़े कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं जिससे जल्द ही घटना खुलने की उम्मीद है।
दिनांक 01/02 जुलाई की रात को गोविंद की बहन निशा वर्मा पुत्री रमेश चन्द्र (वरिष्ठ लिपिक केस्को) नि0 258/253/254/ए (2) ख्यौरा मैनावती मार्ग ने थाना नवाबगंज पुलिस को सूचना दी कि उसका भाई गोविन्द वर्मा उम्र करीब 25 वर्ष शुक्रवार की शाम को 04 बजे घर से निकला था और रात्रि लगभग 10 बजे उसका मोबाइल स्विच आफ हो गया। दस बजे के पहले जब उन्होंने गोविंद से बात की तो उसने दस मिनट में आने की बात भी कही थी। इस संबंध में एक लिखित प्रा0 पत्र भी दिया जिसके आधार पर गुमशुदगी जीडी नं0 05 दिनांक 02 जुलाई को दर्ज कर जांच उ0नि0 रानू रमेश चन्द्र चौकी प्रभारी जागेश्वर मंदिर को दी गई।
अब तक की जांच में सामने आया कि 01/02 जुलाई की रात को ही रमेश चन्द्र के मोबाइल पर गोविंद द्वारा तीन बार में बीस हजार रुपये निकालने का मैसेज आया। मैसेज के आधार पर परिवार द्वारा उन्नाव के सिविल लाइंस स्थित एटीएम से फुटेज जुटाए गये और इसके बाद 02/03 जुलाई की रात को निशा वर्मा ने अपने भाई गोविन्द वर्मा द्वारा एकाउण्ट से उन्नाव सिविल लाइन्स के एटीएम से रुपये निकालने (तीन बार में बीस हजार रुपये ) व कुछ अज्ञात व्यक्तियो द्वारा भाई को जबरदस्ती उसी की गाड़ी में बैठाकर ले जाने के सम्बन्ध में सीसीटीवी फुटेज पुलिस को उपलब्ध कराए।
फुटेज देखने के बाद पुलिस ने मामले को गुमशुदगी न मानते हुए फिरौती के लिये अपहरण माना और मु0अ0सं0150/2022 धारा 364ए भादवि0 बनाम 3-4 व्यक्ति नाम व पता अज्ञात पंजीकृत किया गया। इसके बाद थाना स्तर पर चार टीमें, सहायक पुलिस आयुक्त और डीसीपी वेस्ट जोन की गठित टीमें, क्राइम ब्राच और साइबर सेल की टीमों ने अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू की। तभी 3 जुलाई को कानपुर देहात पुलिस द्वारा थाना अकबरपुर के रनियां क्षेत्र में एक युवक का शव मिलने की जानकारी हुई, परिजनों और पुलिस ने मौके पर जाकर शिनाख्त की तो वह शव अपहृत गोविन्द वर्मा का निकला।
मामले की जांच में जुटी पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्य और सुबूतों के आधार पर कई लोगों से पूछताछ कर रही है। पुलिस की टीमें कानपुर नगर के साथ ही उन्नाव और कानपुर देहात में जाकर जांच करने में जुटी हुई हैं। अब तक की जांच में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं जिससे घटना का जल्द ही राजफास हो सकता है।