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कारोबारी पीयूष जैन के घर पर छापेमारी खत्म, डीजीजीआई ने SBI में 19 करोड़ कैश किया जमा; DRI ने शुरू की 23 KG सोने के लिंक की जांच

  • by: news desk
  • 29 December, 2021
कारोबारी पीयूष जैन के घर पर छापेमारी खत्म, डीजीजीआई ने SBI में 19 करोड़ कैश किया जमा;  DRI ने शुरू की 23 KG सोने के लिंक की जांच

कन्नौज: उत्तर प्रदेश के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर टैक्स छापेमारी पूरी हो गई है| इत्र कारोबारी पीयूष जैन के पैतृक घर पर डीजीजीआई की छापेमारी खत्म हुई। उसके ठिकानों से अधिकारियों ने करीब 200 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं| ये छापेमारी कानुर और कन्नौज में हुई थी| पीयूष जैन को कानपुर में गिरफ्तार किया जा चुका है और वह फिलहाल जेल में है|



डायरेक्टरेट ऑफ़ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) और आयकर विभाग के बाद अब डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने भी इस मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है| कानपुर और कन्नौज में पीयूष जैन के ठिकानों से 200 करोड़ कैश के साथ-साथ 23 किलो सोने की ईटें भी बरामद हुई हैं| जिनकी वजह से  इस मामले का इंटरनेशनल कनेक्शन भी सामने आ रहा है, क्योंकि पीयूष के घर से बरामद सोना स्विट्जरलैंड की दो कंपनियों का होने की आशंका जताई जा रही है|



स्विट्ज़रलैंड के साथ ही इस मामले में सोने की ईंटों का कनेक्शन दुबई से भी हो सकता है| अब डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की टीम बरामद की गई सोने की ईटों की जांच में जुटी है| दरअसल, पीयूष जैन ने सोने की ईंटों पर अंकित मैन्युफैक्चरिंग डिटेल को मिटा दिया था| 



कन्नौज में डीजीजीआई के एडिशनल डायरेक्टर जाकिर हुसैन ने बताया, " इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर डीजीजीआई की छापेमारी पूरी हो गई| हमें यहां से जो सोना मिला है उसे हमने डीआरआई को सौंपा है और बरामद 19 करोड़ कैश हमने SBI में जमा किया है। आगे की जांच जारी है।



आयकर विभाग के अधिकारियों ने पीयूष जैन के ठिकानों से कुल 196 करोड़ रुपये नकदी के अलावा 23 किलो सोना और 600 किलो चंदन का तेल भी बरामद किया है| बरामद 23 किलो सोने की कीमत 11 करोड़ रुपए और 600 किलो चंदन का तेल का बाजार मूल्य 6 करोड़ रुपये बताया गया है|अधिकारियों ने पीयूष जैन के कानपुर आवास पर 22 दिसंबर को छापेमारी शुरू की थी जो  29 दिसंबर को कन्नौज में पूरी हुई| यानी पूरे एक हफ्ते छापेमारी चलती रही| इस दौरान कैश गिनने के लिए स्टे बैंक से मशीनें मंगवाई गई थी और बैंक के अधिकारी भी बुलाए गए थे|



कौन हैं पीयूष जैन? 

पीयूष जैन मूलरूप से कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ले का रहने वाला है| वो कन्नौज में आज भी अपने पुराने स्कूटर से चलते हैं| उनके कन्नौज के घर में एक पुरानी क्वालिस और एक मारुति कार है| वो बहुत ही साधारण आम आदमी की तरह रहते हैं और मोहल्ले में भी किसी से ज्यादा बात नहीं करते हैं| लोगों के मुताबिक, पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन पेशे से केमिस्ट हैं| महेश से ही उनके बेटों पीयूष और अंबरीष ने इत्र और खाने-पीने की चीजों में मिलाए जाने वाले एसेंस बनाने का तरीका सीखा|



पिता के इत्र के फुटकर व्यापार और उनके एक हुनर (आर्गेनिक इत्र और कैमिकल इत्र को मिलाने का फार्मूला) से पीयूष जैन ने व्यापार को इस स्तर तक पहुंचा दिया कि देश की दिग्गज पान मसाला कंपनियां भी इस फार्मूले की मोहताज हो गईं। 40 से 50 पान मसाला फैक्ट्रियों में इसके फार्मूला की सप्लाई थी। पीयूष जैन की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने टैक्स नहीं जमा किया और न ही रुपयों का लेखा-जोखा रखा। इस केस में महज पांच साल से कम की सजा का प्रावधान है।



1978 में पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन मुंबई से केमिकल का कंपाउंड बनाने का काम सीखकर आए थे। पहले कन्नौज में सिर्फ प्राकृतिक इत्र बनाने का काम होता था। केमिकल से खुशबू बनाने का काम महेश चंद्र जैन ने शुरू किया। उनका विरोध भी हुआ था। लेकिन वक्त के साथ लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया। पीयूष ने कंपाउंड बनाना अपने पिता से ही सीखा।



194.45 करोड़ कैश बरामद

इत्र कारोबारी के कन्नौज और कानपुर के घर से अब तक कुल 194.45 करोड़ कैश मिल चुका है। इनमें से 177 करोड़ कानपुर से और 19 करोड़ कन्नौज से मिला है।इसके अलावा 23 किलो सोना और 6 करोड़ कीमत का चंदन ऑयल बरामद हुआ था। कार्रवाई पूरी करने के बाद पीयूष को गिरफ्तार करने के साथ ही कोर्ट में पेश किया गया। जहां से पीयूष को 14 दिन ही न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।



मकानों को बनाने में पैसा पानी की तरह बहाया गया

अरबों की संपत्ति मिलने के बाद पड़ोसी भी बेहद हैरान है और नाराज भी हैं। बताया कि इतना पैसा होने के बावजूद कभी धर्म-कर्म के काम में भी उसने एक रुपए का चंदा तक नहीं दिया। मोहल्ले में उसने एक-एक कर 5 मकान खरीद डाले थे। वहीं एक मकान MLC पुष्पराज जैन की इत्र फैक्ट्री से 20 कदम भी दूरी पर खरीदा है। सभी मकानों को बनाने में पैसा पानी की तरह बहाया गया है। मकान बाहर से साधारण और अंदर से महल की तरह बनाए गए हैं।




कैश पर चलता है पूरा कारोबार

जानकारी के मुताबिक कंपाउंड का ज्यादातर कारोबार कैश पर ही चलता है। पीयूष जैन एक किलो कंपाउंड करीब 5 हजार रुपए में तैयार करता था और इसे पान मसाला कारोबारियों को 50 हजार रुपए से 2 लाख रुपए प्रति किलो तक बेचता था। पान मसाला बनाने में जितना भी कंपाउंड प्रयोग होता था, प्रति किलो के हिसाब से पीयूष जैन सप्लाई करता था।



कंपाउंड बनाने के लिए मकान खरीदा था

जिस घर में छापेमारी की गई है। वहां एक तहखाना भी मिला है। यहां भी कहीं पर भी CCTV नहीं लगाए गए। मकान के पीछे हिस्से में उसने एक छोटा सा ऑफिस और एक छोटा सा कंपाउंड बनाने के लिए मकान खरीद कर रखा था। GST की टीम ने 500 शीशियों में वहां मिले कैमिकल को जांच के लिए भेजा है। पीयूष जैन अपने धंधे में पूरी गोपनीयता बरतता था। कंपाउंड बनाने का काम भी बेहद अंदर और शांत माहौल में करता था।




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