जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित फेरबदल (Rajasthan Cabinet Reshuffle) रविवार को होने जा रहा है जिसके तहत 15 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी| कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंत्रिमंडल फेरबदल पर खुशी जताई| कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा है कि राज्य की नई कैबिनेट में 'प्रियंका गांधी की छाप' है| उन्होंने कहा कि,''कल राजस्थान के कैबिनेट का पुनर्गठन हुआ था। आज प्रदेश के राज्यपाल नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। मुझे खुशी है कि कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी और प्रदेश की सरकार ने जो कुछ कमियां थीं उसे पूरा किया है|
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि,'' नई कैबिनेट में 4 दलित मंत्रियों को जगह दी गई है। हमारी पार्टी चाहती है कि दलित, उपेक्षित, पिछड़े लोगों का प्रतिनिधित्व हर जगह होना चाहिए। काफी समय से हमारी सरकार में दलितों का प्रतिनिधित्व नहीं था अब भरपाई की है। आदिवासियों का भी प्रतिनिधित्व बढ़ाया गया|
राजस्थान सरकार में कैबिनेट फेरबदल पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि,'''महिलाओं, किसानों, आदिवासियों को आरक्षण दिया गया है। राज्य में दोबारा कांग्रेस की सरकार बने इसपर ध्यान है। मंत्री परिषद के गठन में प्रियंका गांधी के कहने का पालन किया गया। मुझे पार्टी जो काम देगी मैं उसे करूंगा|
पायलट ने कहा कि,''मैं दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिला था, हमने कई मुद्दों पर चर्चा की। पिछले 20 वर्षों में पार्टी द्वारा मुझे दी गई सभी जिम्मेदारियों को मैंने समर्पण के साथ निभाया। आने वाले समय में जहां भी पार्टी मुझे भेजेगी मैं वहां काम करूंगा|
सरकार बनने के 2 साल 11 महीने बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हो रहा है। मंत्रिमंडल फेरबदल के जरिए जातीय, क्षेत्रीय और कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सियासी समीकरण साधने की कोशिश की गई है। गहलोत ने दो पद वाले 3 मंत्रियों को छोड़ किसी को ड्रॉप नहीं किया है, साथ ही 11 नए कैबिनेट मंत्री और 4 राज्य मंत्री बनाए गए हैं।
तीन दलित मंत्रियों- ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली को राज्य मंत्री से प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया है। कैबिनेट में गोविंद मेघवाल को मिलाकर चार दलित चेहरे हो गए हैं। गहलोत सरकार में पहली बार 4 दलित मंत्री बनाए गए हैं। हर चेहरे के पीछे अलग सियासी समीकरण साधने की कोशिश है।
फेरबदल में कांग्रेस के कोर वोट बैंक का खास ध्यान रखा है। शेयरिंग फॉर्मूला से पायलट कैंप के विधायकों को भी नए मंत्रिमंडल में जगह मिली है, जबकि पायलट के नजदीकी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की फिर से एंट्री हुई है। जाट नेता के तौर पर रामलाल जाट को मौका दिया गया है। जाट ने अपनी करियर की शुरुआत कांस्टेबल से की थी। अब वे सीएम के सबसे खास माने जाते हैं।
महेश जोशी को सरकारी मुख्य सचेतक से प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है। जोशी को मुख्यमंत्री गहलोत का नजदीकी और विश्वसनीय माना जाता है।ममता भूपेश को महिला बाल विकास राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। ममता भूपेश महिला एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में काम कर चुकी हैं। टीकाराम जूली को अलवर जिले के समीकरण साधने के लिए प्रमोट किया है। जूली दलित वर्ग से आते हैं। सीएम के नजदीक हैं।
भजनलाल जाटव भरतपुर के वैर से दूसरी बार विधायक हैं। बीजेपी राज में उप चुनाव में वैर से जीतकर चर्चा में आए थे। भरतपुर में जाटव वोट बैंक को साधने भजनलाल जाटव को प्रमोट किया है।