पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के पांचवें चरण के लिए दार्जीलिंग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ,'' भाजपा के पास देने के लिए नफरत और हिंसा के अलावा कुछ भी नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा का इरादा पश्चिम बंगाल को बर्बाद और विभाजित कर देने का है और आरोप लगाया कि भगवा दल असम और तमिलनाडु में भी यही काम कर रहा है।
भाजपा-RSS पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ,''जहाँ पर आरएसएस जाती है, नरेंद्र मोदी जाते हैं; वहाँ पर नफरत फैलनी शुरू हो जाती है। जहाँ भी जाते हैं- भाईचारे की बात, जोड़ने की बात कभी नहीं करेंगे। एक हिंदुस्तानी को दूसरे हिंदुस्तानी से लड़ाने का काम करते हैं| ये जहाँ जाते हैं- इनकी शुरुआत नफरत फैलाने से होती है। आप 7-8 साल पहले वाला हिंदुस्तान याद कीजिए और आज जो हो रहा है उसको देखिये| उत्तर प्रदेश में जाकर देखिये लाशों का ढेर लगा हुआ है; लाशों को रखने के लिए जगह नहीं है। लेकिन क्या नरेंद्र मोदी जी ने कुछ बोला है, क्या मीडिया ने कुछ बोला है। यह देश के रखवाले हैं, लेकिन यह सबके सब बिक गये हैं|
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ,तमिलनाडु और असम के दौरे पर लोगों ने मुझे बताया कि पहली बार हमें ऐसा लग रहा है कि हमारे इतिहास और भाषा पर आक्रमण हो रहा है| जो विचारधारा भाजपा सरकार बंगाल में फैलाने की कोशिश कर रही है, वही विचारधारा असम में फैला रही है और AIDMK के माध्यम से वही विचारधारा तमिलनाडु में फैला रही है | 'नफरत और हिंसा'- इनके पास और कुछ है ही नहीं। ये बंगाल को बांटना चाहते हैं, तोड़ना चाहते हैं और बंगालियों के बीच जो भाईचारा है, उसको खत्म करना चाहते हैं। यही असम और तमिलनाडु में कर रहे हैं और इसका नतीजा खराब होगा|
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ,हम यहां चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, हम यहाँ बंगाल के इतिहास की, भविष्य की रक्षा कर रहे हैं इसलिए मैं यहाँ आया हूँ। मैं यहाँ भाषण देने नहीं बल्कि यह बताने आया हूँ कि अगर बंगाल बंट गया तो सबसे ज्यादा नुकसान बंगाल की जनता का होगा|
राहुल गांधी ने कहा कि,''भाजपा ने उत्तर प्रदेश में आग लगाई और उसके बल पर चुनाव जीते और उसके बाद क्या हुआ? आप उत्तर प्रदेश जाइए और देखिये, वहां का हाल देखिए, कोरोना आया, अस्पताल लाशों से भरे हुए हैं, जहाँ देखो वहां लोग कोरोना से मर रहे हैं | कुछ साल पहले नोटबंदी करके प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि कालेधन के खिलाफ लड़ाई है। कर दी कालेधन के खिलाफ लड़ाई? लाखों लोग बर्बाद हो गए। किसानों के घर में जो थोडा बहुत पैसा था वो खत्म हो गया|
राहुल गांधी ने कहा कि,''उसके बाद GST लागू की। 5 अलग-अलग GSTऔर 28% टैक्स। छोटे दुकानदार, स्मॉल मीडियम बिजनस, किसानों पर टैक्स। आज तक छोटे दुकानदारों को GST समझ नहीं आई है| यहां के लोग बाकी देशों में काम ढूंढने के लिए जाते हैं। लाखों लोग जाते हैं, क्योंकि यहां तो आपको काम नहीं मिलता। ना मोदी जी देते हैं और ना ममता जी देती हैं। जो थोड़ा बहुत आपको मिलता है उसके लिए पहले आपको पैसा देना पड़ता है यानी 'कटमनी'..
राहुल गांधी ने कहा कि,''ममता जी कहती हैं चुनाव के समय के खेले होंगे, कैसा खेल? पहले आप यह समझा दीजिये कि यहाँ की सड़कें कौन बनाएगा? यहाँ कॉलेज यूनिवर्सिटी कौन लगाएगा? खेलना है तो उसके मैदान में खेलेंगे|
राहुल गांधी ने कहा कि,''प्रधानमंत्री जी ने लॉकडाउन क्यों किया मैं नहीं बता सकता। मैं आपको यह बता सकता हूँ कि जिसके दिल में आपके लिए थोड़ी सी भी जगह होगी तो वह ये काम हरगिज़ नहीं करेगा, ना कर सकता है | बंगाल में आकर प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि 'सोनार बांग्ला' बनाएंगे। जहां भी जाते हैं यही कहते हैं, सुनहरा बंगाल, सुनहरा यूपी, सुनहरा तमिलनाडु, सुनहरा असम लेकिन किया क्या आपने?
राहुल गांधी ने कहा कि,'' प्रधानमंत्री ने कितने युवाओं को रोजगार दिया? - हिन्दुस्तान की अर्थव्यवस्था को उन्होंने खत्म कर दिया, नष्ट कर दिया | हमारी RSS और भाजपा से विचारधारा की लड़ाई है, हमारी राजनीतिक लड़ाई नहीं है। जैसा कि दीपा जी ने कहा कि उनकी विचारधारा ने हमारे सबसे बड़े नेता की, हमारे गुरु 'महात्मा गांधी' जी की हत्या की है| RSS-भाजपा की विचारधारा के खिलाफ हम खड़े रहेंगे, डटे रहेंगे लेकिन पीछे नहीं हटेंगे। ममता जी की राजनैतिक लड़ाई है लेकिन हमारी विचारधारा की लड़ाई है|
राहुल गांधी ने कहा कि,''पिछले साल फरवरी में जब कोरोना आया, मैंने और कांग्रेस पार्टी ने कहा कि आप तैयारी करिए। अर्थव्यवस्था, छोटे बिजनेस वालों, मजदूरों और गरीबों को बचाने का काम शुरू कीजिए, क्योंकि बहुत बड़ा तूफान आने वाला है| ये हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री हैं। अर्थव्यवस्था की रक्षा करने की बजाय, मजदूरों की टिकट की व्यवस्था करने की बजाय लोगों को कह रहे हैं कि घंटी बजाओ। ये मीडिया वाले भी 24 घंटे दिखा रहे थे कि घंटी बज रही है |ये 24 घंटे नरेंद्र मोदी का चेहरा दिखाते हैं। यह बात समझने की है कि यह नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं है, यह 2-3 उद्योगपति मित्रों की सरकार है। यह जो ड्रामा चल रहा है, प्रधानमंत्री उनकी कठपुतली हैं