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“युवाओं में असंतोष और अधिक पनपेगा”: 'अग्निपथ' योजना के विरोध के बीच वरुण गांधी ने राजनाथ सिंह को लिखा खत, कहा-युवाओं की आशंका दूर करे सरकार

  • by: news desk
  • 16 June, 2022
“युवाओं में असंतोष और अधिक पनपेगा”: 'अग्निपथ' योजना के विरोध के बीच वरुण गांधी ने राजनाथ सिंह को लिखा खत, कहा-युवाओं की आशंका दूर करे सरकार

नई दिल्ली: 'Agneepath Recruitment Scheme: सेना में युवाओं की चार वर्ष की संविदा पर भर्ती का कई राज्यों में जोरदार विरोध शुरू हो गया है| इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद वरुण गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वरुण गांधी ने कहा,''अग्निपथ' योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं। युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे। जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके।



भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद वरुण गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर मांग की कि सरकार इस योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने लाए और अपना पक्ष साफ करे|



रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर गांधी ने कहा,'' केंद्र सरकार की 'अग्निपथ' योजना से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवाल देश भर के युवाओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुझसे साझा किया है। युवाओं के मन में चल रहे इस संशय को आपके ध्यानाकर्षण हेतु प्रेषित कर रहा हूं।



सेना में 15 साल की नौकरी के बाद रिटायर हए नियमित सैनिकों को कॉरपोरेट सेक्टर नियुक्त करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते। ऐसे में 4 साल की अल्पावधि के उपरांत इन अग्निवीरों का क्या होगा? चार साल सेना में सेवा देने के दौरान इन युवकों की पढ़ाई बाधित होगी। साथ ही साथ अन्य समकक्ष छात्रों की तुलना में ज्यादा उम्रदराज होने के कारण अन्य संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने व नौकरी पाने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।



किसान परिवार, निम्न व मध्यमवर्ग से आने वाले इन अग्निवीरों को सरकार द्वारा निर्धारित कम वेतनमान के कारण घर चलाने में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।



स्पेशल ऑपरेशन के समय सशस्त्र बलों में स्पेशलिस्ट कॉडर वाले सैनिकों की आवश्यकता होती है, ऐसे में महज 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग प्राप्त इन सैनिकों के कारण वर्षों पुरानी रेजिमेंटल संरचना बाधित हो सकती है। इस योजना से प्रशिक्षण लागत की बर्बादी भी होगी, क्योंकि 4 साल के उपरांत सेना इन प्रशिक्षित जवानों में केवल 25% का उपयोग ही करेगी। जो रक्षा बजट पर अनावश्यक बोझ साबित होगा।


इस योजना के लागू होने के पश्चात हर वर्ष भर्ती किये गए युवाओं में से 75% चार वर्षों के बाद पुन: बेरोजगार होंगे। हर साल यह संख्या बढ़ती जाएगी। इससे देश के युवाओं में असंतोष और अधिक पनपेगा। हमें उन युवाओं के बारे में भी सोचना होगा जिनकी उम्र सीमा कोरोना एवं भर्ती सही समय पर नहीं होने के कारण पार कर गयी


महोदय, आपसे आग्रह है कि इन बेरोजगार युवाओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए सरकार अतिशीघ्र इस योजना से जुड़ी नीतिगत तथ्यों को सामने लाए और अपना पक्ष साफ़ करे।




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