श्रीनगर: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। 'भारत जोड़ो यात्रा ' के तहत पदयात्रा की समाप्ति के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज शाम 5:30 बजे श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की | प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा,“यात्रा में बहुत कुछ सीखने को मिला। यात्रा का लक्ष्य लोगों को जोड़ना था, नफरत खत्म करना था। लोगों की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। ये मेरी जिंदगी का सबसे गहरा और अच्छा अनुभव रहा है...यात्रा यहीं खत्म नहीं हो रही ये पहला कदम है, शुरूआत है|”
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा,“विपक्ष की पार्टियों में जो एकता आती है वो बातचीत से आती है। ये कहना कि विपक्ष बिखरी हुई है, ठीक नहीं है। विपक्ष में मतभेद जरूर हैं मगर विपक्ष एक साथ लड़ेगी। ये विचारधारा की लड़ाई है। एक तरफ RSS-BJP वाले हैं और दूसरी तरफ गैर RSS-BJP वाले हैं|
दरअसल, जब राहुल गांधी से पूछा गया कि अपोजिशन बिखर चुकी है, भारत जोड़ो यात्रा खत्म होने के बाद क्या आपका कोई इनिशिएटिव होगा कि सभी विपक्षी पार्टियों को एक ही स्टेज पर लाया जाए? जवाब में श्री गांधी ने कहा कि नहीं, ये किस बेसिस पर आप कह रहे हैं कि अपोजिशन बिखर चुकी है? ...जो अपोजिशन यूनिटी आती है, वो बातचीत के बाद, कन्वर्सेशन के बाद, एक विजन के बाद आती है और ये कहना कि अपोजिशन बिखरी हुई है, ये सही नहीं है। जरूर अपोजिशन में डिफरेंसेस हैं, जरूर अपोजिशन में बातचीत होती है, परंतु अपोजिशन एक साथ लड़ेगी, एक साथ खड़ी होगी और विचारधारा की लड़ाई है, जो एक तरफ आरएसएस-बीजेपी वाले हैं और दूसरी तरफ नॉन आरएसएस-बीजेपी की फोर्सेस है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले श्री गांधी ने कहा- भारत जोड़ो यात्रा आज श्रीनगर में समाप्त हुई, चलना खत्म हुआ, कल मुख्य समारोह है|। मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ समझने को मिला। लाखों लोगों से मिला, बातचीत की। मेरे पास शब्द नहीं हैं आपको समझाने के लिए। यात्रा का लक्ष्य भारत को एक करने का था, जोड़ने का था। जो नफरत फैलाई जा रही है, हिंसा फैलाई जा रही है, उसके खिलाफ हमने यात्रा की और जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। सच बताऊं तो कोई एक्सपेक्ट नहीं कर रहा था कि ऐसा प्यार भरा रिस्पॉन्स मिलेगा। हिंदुस्तान की जनता का जो रेजिलियंस है, जो स्ट्रैंथ है, वो डायरेक्टली देखने को मिली। महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे हमने उठाए और जो अलग-अलग सेक्शन पर दबाव पड़ रहा है, चाहे वो किसान हों, मजदूर हों, बेरोजगार युवा हों, छोटे व्यापारी हों, उनकी आवाज हमें सुनने को मिली। मेरे लिए पर्सनली बहुत अच्छा एक्सपीरियंस रहा, शायद मैं कह सकता हूं मेरी जिंदगी का सबसे गहरा और सबसे सुंदर एक्सपीरियंस रहा है।