नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट नें केंद्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए उसके 20 हजार करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी है| इसके साथ ही नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है|
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया, बहुमत के फैसले में प्रोजेक्ट को दी मंजूरी|
अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने बहुमत से फैसला देते हुए कहा, 'हम मानते हैं कि दी गई मंजूरी में कोई अड़चन नहीं है, भूमि के उपयोग में बदलाव में कोई असमानता नहीं है।' शीर्ष अदालत ने परियोजना को पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखने और वायुमंडलीय प्रदूषण रोकने की कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी है।
फैसला सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि डीडीए एक्ट के तहत शक्ति का प्रयोग न्यायोचित और वैध है। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरण मंजूरी की सिफारिशें उचित और सही हैं और हम इसे बरकरार रखते हैं। अदालत ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू करने के लिए धरोहर संरक्षण समिति की मंजूरी आवश्यक है। अदालत ने परियोजना समर्थकों को समिति से अनुमोदन प्राप्त करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में नए संसद की आधारशिला रखी थी। पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया था कि जब तक अदालत इसपर कोई निर्णय नहीं देता तब तक कोई निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा। परियोजना का शिलान्यास कार्यक्रम 10 दिसंबर को आयोजित हुआ था।
10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधिवत भूमि पूजन के बाद नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन की शिलान्यास भूमि पूजन के बाद लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने भूमि पूजन सामग्री अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की स्मृति पट्टिका का अनावरण किया था। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को परियोजना का अनुबंध दिया गया है।