नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ देशद्रोह और अन्य अपराधों के लिए दर्ज प्राथमिकी को खारिज किया। SC ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ हिमाचल प्रदेश में स्थानीय भाजपा नेता द्वारा उनके YouTube शो को लेकर दर्ज की गई देशद्रोह की प्राथमिकी को खारिज कर दिया|
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में एक स्थानीय भाजपा नेता ने दुआ के यूट्यूब शो में प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी करने के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने 6 अक्टूबर, 2020 को दुआ, हिमाचल प्रदेश सरकार और मामले में शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि,''प्रत्येक पत्रकार केदार नाथ सिंह मामले (जो आईपीसी की धारा 124 ए के तहत देशद्रोह के अपराध के दायरे को परिभाषित करता है) के तहत सुरक्षा पाने का हकदार है।"
SC ने कहा कि भारत भर में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और पत्रकारों की गिरफ्तारी को प्रभावित करने से पहले ‘केदार नाथ सिंह बनाम बिहार राज्य’ मामले में 5-जे एससी बेंच द्वारा 60 साल पहले निर्धारित राजद्रोह पर कानून का ईमानदारी से पालन करना चाहिए।केदार नाथ सिंह मामले में SC ने फैसला सुनाया था कि सार्वजनिक उपायों की आलोचना या सरकारी कार्रवाई पर टिप्पणियों के लिए एक नागरिक पर राजद्रोह का आरोप नहीं लगाया जा सकता है|