नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती दर पर चिंता व्यक्त की और सरकार से आग्रह किया कि वह बाधाओं के बजाय समर्थन सुनिश्चित करके छात्रों की राह आसान बनाने के प्रयास करे। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने कहा कि देश में युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती दर बहुत दुखद और चिंताजनक है। श्री गांधी की ये टिप्पणी- NCRB की नई रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद आई है जिसमें कहा गया है कि भारत में छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं प्रतिवर्ष खतरनाक दर से बढ़ रही हैं, जो जनसंख्या वृद्धि दर और समग्र आत्महत्या प्रवृत्तियों से भी अधिक है।
नेता प्रतिपक्ष श्री गांधी ने कहा कि,'' देश मे युवाओं के बीच बढ़ता आत्महत्या दर बहुत ही दुखद और चिंताजनक है।'' उन्होंने कहा कि,''पिछले दशक में, जबकि 0-24 आयु के बच्चों की जनसंख्या 58.20 करोड़ से घटकर 58.10 करोड़ हो गई, छात्र आत्महत्याओं की संख्या चौंकाने वाले रूप से 6,654 से बढ़कर 13,044 हो गई।''
भारत आज सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश- राहुल
श्री गांधी ने कहा कि,''भारत आज सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है - अफसोस की बात है की इस शक्ति को सही इस्तेमाल की सुविधाओं की जगह उन्हें कठिनाइयां और मजबूरियां मिल रही हैं।
ये सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत ही गहरी समस्याओं की ओर इशारा कर रहा- राहुल गांधी
उन्होंने कहा कि,''ये (Suicide Rate) सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत ही गहरी समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि,''भयंकर बेरोज़गारी, पेपर लीक, शिक्षा में भ्रष्टाचार, महंगी पढ़ाई, सामाजिक उत्पीड़न, आर्थिक असमानता, parental pressure - आज के विद्यार्थी ऐसी अनगिनत समस्याओं से जूझते हुए सफलता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्री गांधी ने कहा कि,'' मेरी सरकार से अपेक्षा है कि वो विद्यार्थियों और युवाओं के इस कठिन रास्ते को आसान करने की हर संभव योजना बनाएं - उनके रास्ते में बाधाएं नहीं, उन्हें समर्थन पहुंचाएं।
उन्हें मानसिक समर्थन और प्रोत्साहन दें, राहुल गांधी का विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिभावकों से अनुरोध
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि,'' विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिवावकों से अनुरोध है की उन्हें मानसिक समर्थन और प्रोत्साहन दें। और देश के युवा साथियों से अपील है - समस्याओं के विरुद्ध आवाज़ उठाओ, सवाल करो, अपना हक़ मांगो- डरो मत!
मैं आपके साथ खड़ा हूं, सड़क से संसद तक लड़ाई जारी रखूंगा- श्री गांधी
श्री गांधी ने कहा कि,'' मैं आपके साथ खड़ा हूं और आपके अधिकार दिलाने के लिए सड़क से संसद तक लड़ता रहूंगा।
“छात्र आत्महत्याएँ: भारत में फैलती महामारी”
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट - "छात्र आत्महत्याएं: भारत में फैल रही महामारी" - बुधवार (28 अगस्त) को वार्षिक आईसी3 सम्मेलन और एक्सपो 2024 में लॉन्च की गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां कुल आत्महत्या की संख्या में प्रतिवर्ष 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं छात्रों की आत्महत्या के मामलों में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि ऐसे मामलों की “कम रिपोर्टिंग” होने की संभावना है।
"पिछले कुछ सालों में, छात्र आत्महत्याओं में 4 प्रतिशत की खतरनाक वार्षिक दर से वृद्धि हुई है, जो राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है। 2022 में, कुल छात्र आत्महत्याओं में पुरुष छात्रों की संख्या 53 प्रतिशत (प्रतिशत) थी।
आईसी3 संस्थान द्वारा संकलित रिपोर्ट में कहा गया है, "2021 और 2022 के बीच, पुरुष छात्र आत्महत्याओं में 6 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि महिला छात्र आत्महत्याओं में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।"
"छात्र आत्महत्याओं की घटनाएं जनसंख्या वृद्धि दर और समग्र आत्महत्या प्रवृत्तियों दोनों को पार करती जा रही हैं।
इसमें कहा गया है, "पिछले दशक में, जबकि 0-24 वर्ष की आयु के लोगों की आबादी 582 मिलियन से घटकर 581 मिलियन हो गई, वहीं छात्रों की आत्महत्या की संख्या 6,654 से बढ़कर 13,044 हो गई।"