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पूरे डील की जाँच होनी ही चाहिए': फ्रांस में राफेल डील में 'भ्रष्टाचार' की जांच के आदेश के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल

  • by: news desk
  • 04 July, 2021
पूरे डील की जाँच होनी ही चाहिए': फ्रांस में राफेल डील में 'भ्रष्टाचार' की जांच के आदेश के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल

नई दिल्ली:  राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Plane) सौदा मामला एक बार फिर से चर्चा में है| राफेल सौदे को लेकर जांच के लिए फ्रांस में एक जज की नियुक्ति की गई है |इसके बाद अब भारत की सियासत गरमा गई है|  राफेल डील की जांच को लेकर फ्रांस सरकार की ओर से जज की नियुक्ति के बाद कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। । राफेल डील की जेपीसी जांच कराने की मांग के बाद एक बार फिर से कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा है और कहा है कि केंद्र सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ एक नारा बनकर रह गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि दाढ़ी में एक नहीं, कई तिनके हैं। 




भारतीय वायु सेना के लिए राफेल जेट खरीदने के लिए फ्रांसीसी निर्माता डसॉल्ट एविएशन के साथ सौदे पर केंद्र सरकार की सबसे कड़ी आलोचना करने वाली कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आजादी के बाद से सभी केंद्र सरकारों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को एक गंभीर मुद्दा माना है और इसका राजनीतिकरण करने से परहेज किया है। लेकिन मोदी सरकार पिछले सात वर्षों से उनकी प्राथमिकता क्रोनी कैपिटलिज्म रही है। जब उनकी (उद्योगपतियों की) जेब भरने की बात आती है, तो राष्ट्रीय सुरक्षा उनके (केंद्र) के लिए नारा बनकर रह जाता है। 



'''पवन खेड़ा ने जिसे फायदा हुआ है वो जाँच करवा रहा पर जिसे नुकसान हुआ, जिसके पैसे गए वो चुप्पी साधे हुए है... ये कैसा डील हुआ. पूरे सौदे की जाँच होनी ही चाहिए'''



प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि,''पूरे विश्व में राफेल पर नित नए खुलासों के साथ चर्चा चलती आ रही है। फ्रांस ने राफेल में भ्रष्टाचार, इंफ्लूएंस पेडलिंग, मनी लांड्रिंग, फेवरेटिज्म इन तमाम पहलुओं पर जाँच बिठा दी है| इस बात को 24 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। पूरा देश और पूरा विश्व इंतजार कर रहा है, दिल्ली की ओर देख रहा है कि इस पर चुप्पी क्यों है? सरकार की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं, कोई जवाब नहीं है|




कांग्रेस नेता ने कहा,''राफेल दो देशों के बीच इंटर गर्वमेंटल डील थी। दो देशों में से एक देश फ्रांस ने तो जांच बिठा दी है, लेकिन दूसरा जांच बिठाना तो दूर, एक टिप्पणी तक नहीं की। ये ऐसी सरकार है जो सिर्फ बोलने के लिए जानी जाती है, लेकिन वहां भी चुप्पी| प्रधानमंत्री सहित पूरी कैबिनेट चुप। जिस देश को लाभ हुआ, उसने तो जाँच बिठा दी; जिसे नुकसान हुआ, वह चुप है। किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र में यह संभव है कि टैक्सपेयर्स का पैसा लुटाया जा रहा हो, लेकिन जांच वहां हो रही है जिसे इस नुकसान से लाभ हुआ|




पवन खेड़ा ने कहा कि,''इंटर गर्वमेंटल कांट्रैक्ट का बड़ा स्पष्ट कारण होता है कि कम से कम कीमत देनी पड़े, ये सुनिश्चित हो; कोई मिडिलमैन न हो, ये सुनिश्चित हो जाता है, कोई भ्रष्टाचार न हो| अब इस राफेल डील में यह स्पष्ट होता जा रहा है कि ₹570 करोड़ की चीज हमने ₹1670 करोड़ में खरीदी; सरकार ने खूब टाल-मटोल की, उत्तर देने की कोशिश की। लेकिन नये खुलासे से वह सभी उत्तर ध्वस्त हो गये|




कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि,''हमारी भारतीय नेगोशिएटर टीम ने 506 बिलियन कीमत तय की थी। कैसे अचानक बढ़कर वो कीमत 700 बिलियन हो जाती है ; यह बाद में सामने आया। सरकार के सब उत्तर यहां ध्वस्त हो जाते हैं| यह सब आपके सामने है कि कैसे इस डील में से करप्शन क्लॉज रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाते हैं। सरेआम कीमत बढ़ाई जाती है, एंटी करप्शन क्लॉज्स को हटाया जाता है। यह इंटर गर्वमेंटल एग्रीमेंट कहां है, ये स्तंभ एक-एक करके आपके सामने टूटे|




कांग्रेस नेता ने कहा ,''एक मिडिलमैन जिसे किसी और डील में  ईडी ने गिरफ्तार किया था। उसके पास कागज बरामद थे, उसके हवाले से फ्रांस ने यह खुलासा किया था कि करोड़ों-करोड़ों रूपये इस कथित मिडिलमैन को दिये गये| इंटर गर्वमेंटल एग्रीमेंट के जो तीन स्तंभ होते हैं, यह तीन स्तंभ आपके सामने चूर-चूर हुए हैं। इनके मलबे से भी आवाजें आ रही हैं कि जांच होनी चाहिए|




पवन खेड़ा ने कहा कि,'''राफेल जेट दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फाइटर जेट माने जाते हैं। यही कारण था कि जब यूपीए के समय यह प्रक्रिया चल रही थी, काफी आगे बढ़ चुकी थी| जब हमने HAL को भी ऑफसेट पार्टनर बनाया था, जब 108 राफेल हिंदुस्तान में बनने की बात भी उस टेंडर में थी; उस टेंडर में एंटी करप्शन क्लॉज था, वो टेंडर ₹570 करोड़ प्रति राफेल था|




कांग्रेस नेता ने कहा ,''यह यूपीए का टेंडर एक तरफ रखिये और दूसरी तरफ मोदी जी का तथाकथित टेंडर रखिये; आपको स्पष्ट दिख जायेगा कि जांच हो या न हो, सबकुछ सामने है।  दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा| रक्षामंत्री चुप क्यों हैं? उस वक्त कोई और रक्षामंत्री थे, आज जो रक्षामंत्री हैं, अब इनसे उम्मीद की जाती है कि बाहर आइये, जवाब दीजिये| पूरा विश्व देख रहा है कि जिस देश को लाभ हुआ वह जांच करवा रहा है, जिसको नुकसान हुआ वह जांच नहीं करवा रहा है। अब यह स्पष्ट है, इस सरकार की चुप्पी से बड़ा कोई और सबूत नहीं हो सकता है| RafaleScam









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