नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में लाए गए कृषि से जुड़े विधेयकों को किसान विरोधी बताते हुए शिरोमणि अकाली दल कोटे से मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया। NDA में बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया|गुरुवार को हरसिमरत कौर ने प्रधानमंत्री मोदी को सौंपे इस्तीफे में अपनी पार्टी और किसानों को एक दूसरे का पर्याय बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि, किसानों के हितों से उनकी पार्टी किसी तरह का समझौता नहीं कर सकती।
केंद्रीय मंत्री पद से हरसिमरत कौर के इस्तीफे को लेकर भारतीय जनता पार्टी नेशनल यूनिट की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि हरसिमरत कौर के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफे के पीछे पंजाब की स्थानीय राजनीति प्रमुख वजह है। भाजपा में आर्थिक मामलों के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, "तीनों कृषि बिलों से किसानों को ही फायदा पहुंचने वाला है। लेकिन पंजाब में जिस तरह से कांग्रेस ने झूठ फैलाया है, उससे मुझे लगता है कि शिरोमणि अकाली दल भी स्थानीय राजनीति के दबाव में आ गई।’’
पंजाब के भाजपा नेता अनिल सरीन ने कहा,,ये तीनों अध्यादेश किसानों के हित में हैं। जहां तक अकाली दल का प्रश्न है कुछ दिन पहले प्रकाश सिंह बादल जी ने इसके पक्ष में बयान रखा था। अब हरसिमरत जी ने कैबिनेट से इस्तीफा दिया है, ये उनकी कोई राजनीतिक मजबूरी हो सकती है, उसके बारे में हमें कुछ नहीं कहना|
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से संबंधित कृषि बिलों के विरोध के खिलाफ केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे को नौटंकी बताया है| पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मोदी कैबिनेट से अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह सब अकाली दल के नाटकों की एक कड़ी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा है,केंद्रीय मंत्रिमंडल छोड़ने का हरसिमरत कौर का निर्णय अकाली दल द्वारा जारी नाटकों की लंबी श्रृंखला की एक और कड़ी है, जिसने अभी भी सत्तारूढ़ गठबंधन नहीं छोड़ा है| इन्हें किसानों की कोई चिंता नहीं है, बल्कि अपने घटते राजनीतिक कद की चिंता है| बहुत छोटा और बहुत देरी से उठाया गया कदम|