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कृषि बिल: कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए किसानों को खरबपतियों का गुलाम बनने पर किया जाएगा मजबूर, प्रियंका गांधी का मोदी सरकार पर वार

  • by: news desk
  • 25 September, 2020
 कृषि बिल: कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए किसानों को खरबपतियों का गुलाम बनने पर किया जाएगा मजबूर, प्रियंका गांधी का मोदी सरकार पर वार

नई दिल्ली : कृषि बिल के विरोध में शुक्रवार को किसानों ने 'भारत बंद' बुलाया है। कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया है। इधर, भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) का कहना है कि वो 2 अक्टूबर को दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री की समाधि की ओर कूच करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे। दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया हैं वहीं पैरा मिलिट्री फोर्सेज भी तैनात हैं।

 


 पंजाब और हरियाणा समेत अन्य जगहों के किसान पिछले काफी दिनों से किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. विपक्षी दलों ने भी किसान बिल के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयार कर ली है|कांग्रेस ने भारत बंद में किसानों और मजदूरों के साथ खड़े होने का आह्वान किया है|



कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि,''किसानों से MSP छीन ली जाएगी। उन्हें कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा। न दाम मिलेगा, न सम्मान। किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा।  भाजपा का कृषि बिल ईस्ट इंडिया कम्पनी राज की याद दिलाता है। हम ये अन्याय नहीं होने देंगे।



प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि,''भाजपा के कृषि बिल के पहले- MSP = किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) बिल पास हो जाने के बाद- MSP = पूंजीपतियों के लिए मैक्सिमम सपोर्ट इन प्रॉफिट (Maximum Support in Profit)  किसान कहां जाएगा?




भारतीय किसान यूनियन समेत विभिन्न किसान संगठन भारत बंद में शामिल हैं| किसान संगठनों को कांग्रेस, राजद, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, आप, टीएमसी समेत कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है| पंजाब के किसान कल (गुरुवार, 24 सितंबर) से ही तीन दिनों के रेल रोको आंदोलन पर हैं| वहां किसान रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं और बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं|




संसद में कृषि विधेयकों को पारित किए जाने के बाद किसानों द्वारा देश के कुछ हिस्से में तीन दिवसीय 'रेल रोको' आंदोलन का आह्वान किया है, जिसके चलते उत्तर रेलवे ने तीन ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द कर दिया है और 20 विशेष ट्रेनें आशिंक रूप से रद्द की गई हैं। 



उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी, सीतापुर तथा रायबरेली के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान विभिन्न दल के नेताओं के साथ सड़कों पर उतरे हैं। कई जगह पर पराली जलाई गई है।



भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने कृषि विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह मंडियां तोड़ने और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) समाप्त करने की कोशिश है। भाकियू समेत कई किसान संगठनों की ओर से भारत बंद के आह्वान पर जगह-जगह किसान सड़कों पर उतरे हैं





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