नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वाराणसी में कोविड टीकाकरण अभियान के लाभार्थियों और टीके लगाने वालों के साथ संवाद किया।उन्होंने कहा कि, 2021 की शुरुआत बहुत ही शुभ संकल्पों से हुई है और काशी के बारे में तो ये कहते हैं कि काशी के स्पर्श से ही शुभता सिद्धि में बदल जाती है|
प्रधानमंत्री ने कहा कि,'आज दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम हमारे देश में चल रहा है और इसके पहले दो चरणों में 30 करोड़ देशवासियों को टीका लगाया जा रहा है। आज दुनिया की इस(वैक्सीन) सबसे बड़ी जरूरत को लेकर भारत पूरी तरह आत्मनिर्भर है, इतना ही नहीं भारत अनेकों देशों की मदद भी कर रहा है| उन्होंने कहा कि,'वाराणसी में प्रथम चरण में लगभग 20,000 से ज़्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी और इसके लिए 15 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं|
प्रधानमंत्री ने कहा कि,कोई भी वैक्सीन की एक पूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है। पूरी जांच-पड़ताल के बाद और वैज्ञानिकों की मंजूरी के बाद ही वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया गया है और सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाना तय किया गया| उन्होंने कहा कि,'किसी भी वैक्सीन को बनाने के पीछे हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत होती है, इसमें वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है। वैक्सीन के बारे में निर्णय करना राजनीतिक नहीं होता, हमने तय किया था कि जैसा वैज्ञानिक कहेंगे, वैसे ही हम करेंगे।
प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के दौरान वाराणसी के डॉ. वी. शुक्ला ने बताया कि टीके को लेकर सभी उत्साहित हैं। हमें गर्व है कि भारत ने स्वदेशी कोविड वैक्सीन बनाने में विकसित देशों को भी पीछे छोड़ दिया है।प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के दौरान वाराणसी के वरिष्ठ लैब तकनीशियन श्री रमेश चंद्र राय ने बताया कि पहले चरण में वैक्सीन मिलने से वे गौरवान्वित हैं और कहा कि लोग उत्साह से अस्पतालों में टीका लगवा रहे हैं।