नई दिल्ली: पूरे देश में शनिवार से टीकाकरण अभियान शुरू होने वाला है। 16 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे| टीकाकरण अभियान के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे| पहले दिन 2,934 जगहों पर लगभग तीन लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री इस दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों के कुछ स्वास्थ्यकर्मियों के साथ संवाद भी कर सकते हैं।
नीति आयोग के सदस्य(स्वास्थ्य) डॉ.वी.के.पॉल ने कहा, 'देशभर में हमारा कार्यक्रम(वैक्सीनेशन का) क़रीब 3,000 सेंटर पर स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण से शुरू होगा और 15-20 दिन बाद इसे बढ़ाकर 5,000 सेंटर से ज़्यादा कर दिया जाएगा। बाद में इस संख्या को जितना बढ़ाने की जरूरत होगी, वो बढ़ाई जाएगी|
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि हर टीकाकरण सत्र में टीका लगवाने वालों की संख्या 100 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 10 प्रतिशत टीकों को आरक्षित रखा जाए क्योंकि इतने डोज का नुकसान हो सकता है। मंत्रालय ने कहा है कि जैसे-जैसे टीकाकरण आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे केंद्रो की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
भारत सरकार ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। सरकार ने मंगलवार को संकेत दिए कि टीकाकरण में शामिल लोगों को फिलहाल अपनी मर्जी का टीका लगाने का विकल्प नहीं दिया जाएगा।
पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और पहली पंक्ति में खड़े दो करोड़ कर्मियों को मुफ्त में टीका लगाया जाएगा। इसके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 साल से कम उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा। इस तरह लगभग 27 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा।
भारत में टीकाकरण अभियान के लिए 2360 लोगों को राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें राज्य टीकाकरण अधिकारी, प्रशीतन श्रृंखला अधिकारी, आईईसी अधिकारी तथा अन्य भागीदार शामिल हैं। इसके अलावा 61 हजार से ज्यादा कार्यक्रम प्रबंधन, दो लाख टीकाकरण कर्मी तथा तीन लाख 70 हजार अन्य कर्मियों को राज्य, जिला और खंड स्तर पर प्रशिक्षित किया जा चुका है।