नई दिल्ली: सोमवार को संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है| सत्र में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में पहुंचे| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब तक COVID19 के खिलाफ वैक्सीन नहीं आती तब तक हमें सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब पूरा देश कोरोनावायरस से लड़ रहा है और लोगों को कई तरह की बंदिशों से जूझना पड़ रहा है। देश में अभी तक कोरोनावायरस के 47,54,357 मामले दर्ज हो चुके हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि,''एक विशिष्ट वातावरण में संसद का सत्र आज प्रारंभ हो रहा है, कोरोना भी है, कर्तव्य भी है और सभी सांसदों ने कर्तव्य का रास्ता चुना है। मैं सभी सांसदों को अभिनंदन और धन्यवाद करता हूं। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय होंगे, अनेक विषयों पर चर्चा होगी|कोरोना से बनी जो परिस्थिति है उसमें जिन सतर्कताओं के विषय में सूचित किया गया है उन सतर्कताओं का पालन हम सबको करना ही करना है। और ये भी साफ है कि जब तक दवाई नहीं तब तक कोई ढिलाई नहीं:
प्रधानमंत्री ने कहा कि ,''आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डटे हुए हैं, बड़ी हिम्मत, जज़्बे, बुलंद हौंसलों के साथ दुर्गम पहाड़ियों में डटे हुए हैं। जिस विश्वास के साथ वो खड़े हैं, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए हैं ये सदन भी एक स्वर से संदेश देगा कि सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि ,'आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डंटे हए है, जिस विश्वास के साथ खड़े हुए है, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए है। यह सदन भी, सदन के सभी सदस्य ''एक स्वर से'', '''एक भाव से''.. ''एक भावना से''.. 'एक संदेश देंगे' सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है, संसद और सांसद सदस्यों के माध्यम से खड़ा है। पूरा सदन एक स्वर से देश के वीर जवानों के पीछे खड़ा है बहुत ही मजबूत संदेश भी यह सदन देगा:
उन्होंने कहा कि,' ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। मैं आपसे भी आग्रह करूंगा कि कोरोना के कालखंड में आपको पहले की तरह मुक्ति से सब जगह पर जाने का अवसर नहीं मिलेगा, अपनों को खुद जरूर संभालना दोस्तों। खबरें तो मिल जाएंगी, आपके लिए कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन खुद को जरूर संभालना, ये मेरी आपको personal प्रार्थना है।
बजट सत्र समय से पहले ही रोकना पड़ा था। इस बार भी दिन में दो बार, एक बार राज्यसभा एक बार लोकसभा, समय भी बदलना पड़ा है। Saturday, Sunday भी इस बार केंसिल कर दिया गया है। लेकिन सभी सदस्यों ने इस बात को भी स्वीकार किया है, स्वागत किया है और कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने का फैसला किया है।