नई दिल्ली: असम में एक रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि,पूर्वी भारत में कभी आंदोलन और हिंसा हुआ करती थी। अलग-अलग समूह हाथ में हथियार लिये दिखते थे, आज वो सारे मुख्यधारा के साथ जुड़े दिखते हैं। एक बहुत बड़े परिवर्तन की शुरुआत नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हुई है|
अमित शाह ने कहा कि,''मुझे आज बहुत आनंद है कि श्रीमंत शंकरदेव का जो जन्मस्थान था, वो घुसपैठियों ने कब्जाया हुआ था। उसे खाली करके आज शंकर देव की महान स्मृति को चीर काल तक स्थायी करने का काम हेमंत बिस्वा शर्मा और हमारे मुख्यमंत्री जी करने जा रहे हैं|
शाह ने कहा कि,'मोदी जी ने पूर्वाेत्तर के विकास को केंद्र में रखकर 6 साल तक सरकार चलाई है, आगे भी हमारी सरकार पूर्वाेत्तर की सेवा करती रहेगी। 5 साल में कभी-कभी कोई प्रधानमंत्री पूर्वाेत्तर आ जाए तो आए जाए, मोदी जी ने 6 साल में 30 बार पूर्वाेत्तर का दौरा किया और हर बार तोहफा लेकर आए|
गृह मंत्री ने कहा कि,''असम की सबसे बड़ी समस्या दो ही हैं, घुसपैठ और बाढ़। कांग्रेस और बाकी दल क्या घुसपैठ रोक सकते हैं? घुसपैठ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ही रोक सकती है| शाह ने कहा कि,एक जमाने में यहां के सारे राज्यों में अलगाववादी अपना एजेंडा चलाते थे, युवाओं के हाथों में बंदूक पकड़ाते थे।आज वो सभी संगठन मुख्य प्रवाह में शामिल हो गए हैं और आज युवा अपने नए स्टार्टअप के साथ विश्व भर के युवा के साथ स्पर्धा करके अपने अष्टलक्ष्मी को भारत की अष्टलक्ष्मी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
शाह ने कहा कि,''अभी कुछ लोग कृषि सुधार कानूनों को लेकर बड़ा आंदोलन कर रहे हैं। मैं सभी से इस मौके पर अपील करना चाहता हूं कि आप मुख्यधारा में आइये, सरकार के साथ चर्चा कीजिये और समस्या का समाधान ढूंढ़िए।जहां तक भाजपा का सवाल है, असम को इन 6 साल के अंदर हमने कभी पराया नहीं समझा। असम को दिल्ली ने प्राथमिकता दी है, नार्थ ईस्ट को प्राथमिकता दी है। हर योजना का फायदा असम और यहां की जनता को पहुंचे इसका प्रयास हमने किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि,''चुनाव का मौसम आने वाला है। फिर से ये अलगाववाद की बात करने वाले चेहरा और रंगरूप सब बदलकर लोगों के बीच मे आएंगे। हमें उल्टा सुलटा समझाएंगे, आंदोलन की दिशा में ले जाएंगे।मैं उन सबसे आज पूछना चाहता हूं कि क्या दिया आपने असम के लोगों को आंदोलन करके। कोई विकास कार्य नहीं हुआ, अगर हुआ तो केवल असम के युवाओं को शहीद करने का काम हुआ।