“...इस बजट में कुछ भी नहीं”: 'हर साल की तरह मोदी सरकार का 'अंतरिम बजट' केवल रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल...'- खरगे

नई दिल्ली: अंतरिम बजट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "मैंने बजट भाषण सुना। इस बजट में गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं कहा।..पिछले 10 साल में सरकार ने जितने वादे किए थे उसकी जानकारी इन्होंने नहीं दिया। मैं पूछना चाहता हूं कि उन्होंने जो वादे किए थे वो कहां तक पहुंचा?...इन्होंने किसानों, गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग, शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया।....इस बजट में कुछ भी नहीं है।"
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "मैंने सोचा था कि वित्त मंत्री POOR और MIDDLE CLASS के लिए कोई नई योजनाएँ लाएंगी। उनकी तकलीफ़ों को कम करने के लिए कुछ घोषणाएँ होगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।''
खरगे ने कहा, "हर साल की तरह मोदी सरकार का अंतरिम बजट केवल रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल था ! इसमें ठोस कुछ नहीं था, बड़े-बड़े और खोखले दावे करना इस सरकार की आदत है।''
वित्त मंत्री ने Budget 2024 में कहा कि वे 2014 और 2024 की तुलना करने के लिए White Paper सदन में रखेंगी।
तो उनको बताना चाहिए कि - 1. पिछले 10 सालों में सरकार ने जितने वादे किए गए, उनमें से कितने पूरे हुए? कितने बाक़ी हैं? बजट में उन वादों का कोई ज़िक्र नहीं था। सालाना 2 करोड़ नौकरियाँ, किसानों की आय दोगुनी करना, 2022 तक सभी को पक्का घर, 100 SMART CITIES, ये सभी वादें आज तक पूरे नहीं हुए।
2. 2014 में जो कृषि विकास दर 4.6% था, वो इस साल 1.8% कैसे हो गया। UPA के दौरान हमारी खेती 4% औसत से बढ़ती थी, वो आधा क्यों हो गया? क्यों 31 किसान हर रोज़ आत्महत्या करने पर मजबूर हैं?
3. 2014 में शिक्षा का बजट जो कुल बजट का 4.55% था, वो गिरकर 3.2% कैसे हो गया?
4. SC, ST, OBC & MINORITY WELFARE का कुल बजट की तुलना में share लगातार क्यों गिर रहा है?
5. रक्षा बजट और स्वास्थ्य बजट में लगातार गिरावट क्यों जारी है?
6. पूरे बजट में Jobs शब्द केवल एक बार इस्तेमाल किया गया है। बेरोज़गारी 45 साल में सबसे अधिक क्यों हैं? 20-24 साल के युवाओं की बेरोज़गारी 45% पर क्यों है? मोदी सरकार ने 3 करोड़ से ज़्यादा लोगों की नौकरियां क्यों छीनी? हर महीने पेपर लीक क्यों होते हैं?
7. आसमान छूती महंगाई से हर कोई परेशान है। ज़रूरी वस्तुओं पर 5% से18% GST क्यों लगाया? आटा, दाल, चावल, दूध, सब्ज़ियों के दाम क्यों बढ़ते जा रहें हैं? यह बताने वाला कोई नहीं है।
8. वित्त मंत्री दावा करती हैं कि आम आदमी की आय बढ़ी है। ये झूठ है, सच है कि पिछले 5 वर्षों में ग्रामीण भारत का वेतन घटा है। ग्रामीण दिहाड़ी 10 सालों में बढ़ने के बजाय गिरी है।
9. वित्तमंत्री जी ने पूरे बजट के भाषण में मनरेगा का नाम तक नहीं लिया, क्योंकि UPA के वक़्त 100 दिन का काम मिलता था, वो अब केवल साल में 48 दिन रह गया है।
10. महिला व बाल विकास मंत्रालय का बजट भी कुल बजट की तुलना में इस सरकार ने कम किया है। Female Labour Force Participation जो 2005 में 30% पर था वो अब 24% पर क्यों गिर गया?
11. Congress-UPA के दौरान देश का औसत आर्थिक विकास दर जो New Series के मुताबिक, 8% पर था, वो इस सरकार में लुढ़क कर 5.6 % पर क्यों पहुँच गया?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, " जब से मोदी सरकार बनी है, तब से बस बड़े-बड़े सपने दिखाने का काम हो रहा है। नाम बदल-बदल कर योजनाएँ लॉन्च होती हैं। लेकिन ये नहीं बताया जाता कि पुराने वादों का क्या हुआ? जो नये सपने दिखाए जा रहे हैं, वो कैसे पूरे होगें? दरअसल किसी भी बजट के दो काम होते हैं: एक पिछले साल का ब्योरा होता है और दूसरा आने वाले साल के लिए VISION होता है। इस बजट में ये दोनों ही चीजें MISSING थी।
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