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किसान आंदोलन: केंद्र सरकार और किसानों के बीच 11वें दौर की बातचीत खत्म

  • by: news desk
  • 22 January, 2021
किसान आंदोलन: केंद्र सरकार और किसानों के बीच 11वें दौर की बातचीत खत्म

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से लाए गए  तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की कई सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन आज 58-59वां दिन है|  पिछले 58दिनों से जारी किसान आंदोलन को खत्म कराने के लिए केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 11वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही।


Farmers Protests: 11वें दौर की वार्ता..



-एक किसान नेता ने बताया कि, सरकार द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था वो हमने स्वीकार नहीं किया। कृषि कानूनों को वापस लेने की बात सरकार ने स्वीकार नहीं की। अगली बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है।


-भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी(पंजाब) के नेता सुरजीत सिंह फुल ने कहा कि 11वें दौर की बैठक खत्म हो गई है और सरकार द्वारा अगली बैठक के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है।



-शिव कुमार कक्का ने बताया कि लंच ब्रेक से पहले किसान नेताओं ने अपनी मांग रखी। सरकार ने कहा कि वह संशोधन के लिए तैयार है। मंत्री ने हमें कहा कि आप सरकार के प्रस्ताव पर विचार करें और हमने उनसे हमारे प्रस्ताव पर विचार के लिए कहा। इसके बाद मंत्री बैठक से निकल गए। इसके बाद से ही किसान नेता मंत्री के लौटने का इंतजार करते रहे।




-केंद्र सरकार और किसानों के बीच 11वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है। इस बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकला है। सरकार और किसानों के बीच आज 11-वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही।




-किसानों और सरकार की बैठक में 18 मिनट बात हुई और उसके बाद से पिछले 3 घंटे 20 मिनट से ब्रेक चल रहा था, मीटिंग फिर से शुरू हुई तो कुछ ही देर में बैठक खत्म हो गई। बैठक खत्म होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बयान जारी किया कि, सरकार आपके सहयोग के लिए आभारी है। कानून में कोई कमी नहीं है। हमने आपके सम्मान में प्रस्ताव दिया था। आप निर्णय नहीं कर सके।आप अगर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो सूचित करें। इस पर फिर हम चर्चा करेंगे। आगे की कोई तारीख तय नहीं है।




-कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज की बैठक शुरू होने के बाद किसानों से नाराजगी जताई कि आखिर उसके द्वारा दिए गए पिछले बैठक के प्रस्ताव को किसानों ने मीडिया में क्यों साझा किया। इसके साथ ही कृषि मंत्री ने ये भी कहा कि प्रस्ताव पर आपके निर्णय के बारे में आपने मीडिया को पहले क्यों बताया, आपको इसके बारे में आज की बैठक में बताना था।




-यूपी गेट पर शुक्रवार सुबह किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ परेड की रिहर्सल की। वहीं, किसानों की ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के लिए आज यूपी गेट पर मेरठ से एक किसान अपने साथ राजा नाम के भैंसे को लेकर पहुंचे। भैंसे के मालिक कपिल चौधरी ने बताया कि वह किसानों के ट्रैक्टर रैली में जरूर शामिल होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान को देखते हुए शुक्रवार को भी यूपी गेट पर 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इन सभी ने सुबह 8:00 बजे के करीब मंच के पास 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की।



ट्रैक्टरों को पुलिस न रोक पाए इसलिए किसानों ट्रैक्टरों के आगे लगाए भारी बुलगार्ड: दिल्ली में सरकार से 11वें दौर की बैठक के दौरान यूपी गेट पर ट्रैक्टरों की संख्या बढ़ने लगी है। रैली के दौरान किसानों को पुलिस जहां भी रोकेगी उसको लेकर किसानों ने अपने ट्रैक्टरों के आगे भारी-भरकम बुलगार्ड लगा दिए हैं।



-किसानों के साथ बैठक में सरकार ने एक बार फिर अपील की है कि अन्नदाता उनके प्रस्ताव पर विचार करें। बताया जा रहा है कि अभी बैठक में भोजनावकाश हुआ है, ऐसे में किसान संगठन इस प्रस्ताव पर फिर चर्चा कर सकते हैं।



दिल्लीः किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में कृषि कानूनों पर बैठक शुरू हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं।




दिल्लीः केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विज्ञान भवन पहुंचे।  आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की वार्ता होनी है।




26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली को लेकर बातचीत चल रही है। रैली तो होगी ही। सरकार रिंग रोड पर आने से मना कर रही है लेकिन किसान पीछे नहीं हटेगा। हम देखते हैं इसे शांतिपूर्ण तरीके से कहां तक कामयाब किया जा सकता है| सरकार का रवैया थोड़ा और सकारात्मक होगा तो बेहतर हो सकता है। सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था उसमें पुराने प्रस्ताव से थोड़ा फर्क था इसीलिए वह प्रस्ताव हम आमसभा में ले गए थे। चर्चा के बाद उन लोगों ने उसे मानने से इनकार कर दिया: अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह




दिल्ली: किसानों और केंद्र सरकार के बीच आज होने वाली 11वें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता विज्ञान भवन पहुंचे।




सभी ने शाम को ये फैसला लिया कि हम सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हैं। हम बैठक में सरकार को प्रस्ताव को ठुकराने पर अपनी दलील के साथ जवाब देंगे। आज की चर्चा हमारी मांगों पर केंद्रित होगीः श्रवण सिंह पंढेर, किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव 




संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में सरकार द्वारा गए प्रस्ताव को गुरुवार को अस्वीकार कर दिया गया। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात को इस आंदोलन की मुख्य मांगो के रूप में दोहराया गया।


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