नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए आज बुधवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली से पार्टी के घर-घर गारंटी अभियान की शुरुआत की| आगामी लोकसभा चुनाव से पहले, देश भर के करोड़ों परिवारों से जुड़ने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने
आज बुधवार को, पार्टी की महत्वाकांक्षी 'घर-घर गारंटी अभियान'पहल शुरू की, जिसके तहत इसका लक्ष्य देश भर के करोड़ों परिवारों तक पहुंचना और उन्हें इसकी "गारंटियों" के बारे में जागरूक करना है। खड़गे ने उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र स्थित कैथवाड़ा से कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जहां उन्होंने पार्टी की 'पांच न्याय पचीस गारंटी' को रेखांकित करते हुए पर्चे बांटे।
कांग्रेस का चुनावी अभियान 'पंच न्याय' या न्याय के पांच स्तंभों की अवधारणा के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें 'युवा न्याय', 'नारी न्याय', 'किसान न्याय', 'श्रमिक न्याय' और 'हिस्सेदारी न्याय' शामिल हैं। इन श्रेणियों के अंतर्गत जनता को कांग्रेस पार्टी का आश्वासन हैं।
मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि,"हम अपनी पंच न्याय पचीस गारंटी को लोगों तक पहुंचाने के लिए यह गारंटी कार्ड वितरित कर रहे हैं। सभी कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता इस कार्ड को सभी घरों में ले जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि हमारी गठबंधन सरकार सत्ता संभालने पर क्या करेगी।"
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि,"देश की राजधानी दिल्ली में, नॉर्थ ईस्ट संसदीय सीट में आज जो कांग्रेस गारंटी कार्ड हम डिस्ट्रीब्यूट कर रहे हैं, ये सारे देश में हम एक संदेश देने के लिए कि हमारे जो पांच न्याय हैं और उसके तहत 25 गारंटीज सारे देश में हम करने के लिए पहले से ही देश के सामने हमने ये मुद्दा रखा है। खासकर कि यहां के दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, कांग्रेस के कार्यकर्ता इन गारंटीज के कार्ड जो हैं, ये कार्ड हमारे लोग घर-घर बांटेंगे, लोगों से मिलेंगे और उनको बताएंगे कि हम, हमारी सरकार, अलायंस की सरकार आने के बाद हम क्या - क्या चीजें करने वाले हैं, ये इसमें विस्तार से बताया है और हम लोगों को ये गारंटी देते हैं कि हमारी सरकार हमेशा गरीबों के साथ रही है और गरीबों का काम करेगी।
खड़गे ने जोर देकर कहा,"हम गारंटी देते हैं कि हमारी सरकार ने हमेशा लोगों के लिए काम किया है और हमेशा ऐसा करेगी। इससे पहले भी बिना गारंटी बोलते हुए हमने गारंटी के प्रोग्राम दिए। जैसा कि मनरेगा, जैसा कि एजुकेशन का, जैसा कि आरटीआई और जो फूड सिक्योरिटी एक्ट, ये सारी चीजें हमने की और हमने कभी नहीं कहा था कि हम आने वाले इलेक्शन में ये करने वाले हैं, सरकार आने के बाद ये प्रोग्राम हमने हाथ में लिए और कामयाबी के साथ सारे देश के लोगों को हमने उसका फायदा दिया ।
उन्होंने वादों और वास्तविकता के बीच असमानता की ओर इशारा करते हुए कहा कि,''आज मोदी हमेशा मेरी गारंटी, मोदी की गारंटी बोलते हैं। जो गारंटी वो बोलते हैं, वो गारंटी कोई कामयाब न होती और आज तक उनकी गारंटी लोगों को मिली नहीं। जैसा कि उन्होंने पहले कहा था दो करोड़ नौकरियां हर साल देने का अब तक तो कम से कम 20 करोड़ नौकरियां देनी थीं, उन्होंने नहीं दिया, फिर भी मुझे मालूम नहीं कि क्यों लोग ऐसा प्रचार करते हैं और ऐसे झूठ बोलने वालों को सर्पोट करते हैं, ये अब मेरी समझ के बाहर है। 15-15 लाख की भी बात उन्होंने की, लेकिन वो गारंटी भी उन्होंने लोगों को नहीं दी या उसको उन्होंने अनुष्ठान में नहीं लाया। उन्होंने यही कहा किसानों को कि हम तुम्हारी फसल का दाम दोगुना करेंगे और उसके साथ-साथ एमएसपी का रेट बढ़ाएंगे और उनका जो किसानों का उत्पादन है, मुनाफा है, वो डबल कर देंगे, ये उन्होंने कहा था, वो भी नहीं किया।
हर चीज वो जो कहते गए, एक भी अमल में नही आया, हमने बगैर कहे सारी चीजें अमल में लाईं। अब हम जो कर रहे हैं 25 गारंटी, पांच न्याय । ये पांच न्याय संबंधित जो हैं इसको हम करके दिखाएंगे और इसके बारे में हमारे कार्यकर्ता घर-घर जाकर ये गारंटीज को पहुंचाएंगे।
दूसरी बात हमारी जो गारंटीज हैं, खासकर कि हमारी गारंटी पहली ये है कि नौकरी की पक्की गारंटी, भर्ती भरोसा, ये इसलिए कह रहे हैं कि लोग, अरे 30 लाख नौकरियां कहां? 30 लाख नौकरियां अभी सरकार में खाली हैं, इसके लिए पैसे की, बजट की जरूरत नहीं है, लेकिन ये लोग भरने के लिए तैयार नहीं, इसीलिए क्योंकि 30 लाख नौकरियां अगर भर दीं तो वो रिजर्वेशन को मिलेंगी, उसमें 50 परसेंट एससी, एसटी, बैकवर्ड इनको मिलेगा या बचा हुआ जो भी है वो सभी जनरल कैटेगरी के लोगों को भी मिलेगा । तो ये नहीं चाहते हैं कि युवा मजबूत बने, नौकरी परमानेंट मिले, ये उनकी आशा नहीं है। वो तो उन्होंने सिर्फ डेली वेजेस, कॉन्ट्रेक्ट बेसिस, इस पर ही सरकार चलाना चाहते हैं ।
युवाओं को लेकर तीसरा, हमारा जो गिग वर्कर्स हैं, अनऑर्गेनाइज्ड या छोटे-मोटे रास्ते पर काम करने वाले, घर-घर पर काम करने वाले ऐसे लोगों की भी सुरक्षा हम करने जा रहे हैं और जो युवाओं के एग्जामिनेशन का, वो हमेशा, हर जगह पेपर लीक होता है, कैसे लीक होता है, मुझे मालूम नहीं। उनके कैंडिडेट अगर नहीं आए या उसका वो हमेशा एग्जामिनेशन का पक्का प्रबंध नहीं करते, लेकिन हम जरूर इसके लिए पूरी कोशिश करके, न्यायपूर्ण लोगों को नौकरी मिले और पेपर लीक न हो और जो विद्यार्थी मेरिट पर है, जो मेहनत करके पढ़ता है, उसको न्याय मिलेगा और उसी के साथ युवा रोशनी, ये योजना भी कम से कम युवाओं के लिए पांच हजार करोड़ रुपए हम रखेंगे, ताकि उनको एक ट्रेनिंग दिया जाए, स्किल की ट्रेनिंग हो या एप्रेंटिसशिप कोर्स हो या प्राईवेट जो फैक्ट्रीज हैं उसमें भी हम उनको ट्रेनिंग देने के लिए ये काम करेंगे।
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि,आपको और एक मालूम है, हमारा महालक्ष्मी, जिसमें हर साल हम एक महिला, जो एक परिवार में बड़ी रहती है, कारोबार करती है, उसको हर साल एक लाख रुपए देंगे और हम जनगणना करने के बाद, जिन-जिन कम्युनिटीज को, जिन-जिन कास्ट को न्याय नहीं मिला, उसके बारे में हम उनके अभ्यास के बारे में, एजुकेशन के बारे में, नौकरी के बारे में, उनकी जमीन के बारे में, ये सारे सोच-विचार करके एक बहुत बड़ा प्लान बनाकर हम सभी कम्युनिटीज को, चाहे वो बड़ा हो, छोटा हो, एससी हो, एसटी हो या बैकवर्ड हो या अपर कास्ट गरीब हो, सबको हम ये न्याय दिलाएंगे। उसी के साथ नारी शक्ति का सम्मान, यानी हमारे जो छोटे-छोटे मिड डे मील वर्कर्स हैं, आशा वर्कर्स हैं, इनके लिए हम इनकी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं, उनको आज जो मिल रहा है, बहुत कम मिल रहा है और वो देहात में रहती हैं आशा वर्कर्स, मिड डे मील के स्कूल में काम करते हैं, तो उनका भी ख्याल रखा जाएगा और उनको भी हम एक सम्मानित एक उनको सैलरी देने की पूरी कोशिश करेंगे और दूसरी एक अधिकार ये सावित्री बाई फुले.... आपको मालूम है महात्मा फुले की पत्नी, महिला एजुकेशन के लिए उन्होंने सारा जीवन बिताया और उन्होंने लोगों से उत्पीड़न सहा, लोग उनको चिढ़ाते रहे कि महिलाओं को ये एजुकेशन दे रही है, तो वो स्वाभिमान के नाम से हम हर डिस्ट्रिक्ट में सावित्रीबाई फुले होस्टल बनाएंगे और महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ा काम हम करने जा रहे हैं और जब तक महिलाएं सशक्त नहीं बनती, तब तक घर नहीं सुधरेगा। एक घर में अगर एक महिला सुधर गई या वो अच्छी एजुकेटेड बनी, तो पूरे घर को वो सुधार लेती है, बच्चों को सुधारती है। इस मकसद से कांग्रेस, सावित्रीबाई फुले होस्टल हम खोल रहे हैं और उसके बाद एमएसपी का मैंने कहा कि सही दाम और कानूनी गारंटी किसानों को लिए हम करेंगे।
खरगे ने कहा कि,''कर्ज मुक्ति ये भी हमारा एक मुद्दा है, हम उसको भी टैकल करेंगे, जैसा कि मनमोहन सिंह जी के जमाने में हमने 72 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया था किसानों का। वही अंदाज से इस वक्त भी हम काम करेंगे और ये फसल नुकसान का 30 दिन में हम उसका सीधे उनके खाते में जाने के लिए तैयारी करते हैं और ये वायदा भी हम करते हैं।''
इसी के साथ इम्पोर्ट एक्सपोर्ट के बारे में भी हमने नई नीति बनाकर हमारे आयात- निर्यात में किसानों के लिए हम काम करेंगे और जीएसटी आपको मालूम है कि हर चीज में जीएसटी। एक बच्चा अगर जन्म लेता है, तो उसको हर जगह टैक्स मिलेगा, तो अगर काम को जाएंगे या कोई मोबाइल लेंगे तो उस पर जीएसटी है, टूथपेस्ट पर जीएसटी है। हर एसेंशियल कमोडिटी है, उस पर जीएसटी है। सरसों का तेल जीएसटी, सर से लेकर पैर तक जीएसटी और गरीबों के बच्चों के लिए बिस्कुट, कुछ भी अगर थोड़ा सा एक-दो दिलाना है, तो वो भी नहीं दे सकते। तो इस जीएसटी का हम पूरी एक बार छानबीन करके जिन चीजों पर कर सकते हैं और जो ज्यादातर गरीबों को नुकसान ना हो, खाने- पीने की दवाई के लिए उनके पास पैसा आए, वैसा देखकर जीएसटी पर हम काम करेंगे। लेकिन इन्होंने जीएसटी हर चीज पर डाली है।
उसके बाद में खेती के लिए, जितनी भी किसानों के लिए जो जरूरी चीजें हैं, उस पर भी जीएसटी है, वो भी हम निकाल देंगे और उस पर जीएसटी हटेगी। और फिर एक श्रमिक का सम्मान। 400 कम से कम दैनिक मजदूरी मनरेगा में मिलेगी। मनरेगा में 400 रुपए कम से कम, फिर उसके बाद इंडेक्स के मुताबिक जैसे बढ़ते जाएगा, वैसा उनको वो भी मिलेगा। उसके बाद सबको स्वास्थ्य का अधिकार, वो भी दिया जाएगा, पहले हमने हेल्थ मिशन बनाया था, वो हम पूरा गरीबों के लिए 25 लाख का हेल्थ कवर हम मुफ् में देंगे, जैसे हमने राजस्थान में किया था, वैसा ही यहाँ पर करने वाले हैं।
शहरी रोजगार गारंटी योजना, मनरेगा तो देहात में होता है, लेकिन आज शहरी रोजगार गारंटी हम देंगे, क्योंकि बहुत से लोग अपने गांव छोड़कर अपने घर देहात से लोग शहर आते हैं, काम ढूंढते हैं, तो उनको काम नहीं मिलता। इसलिए शहर में भी हम जिस ढंग से मनरेगा का काम कर रहे हैं, वो गारंटी भी हम यहाँ पर देंगे और सामाजिक सुरक्षा ये गारंटी भी हम देंगे। सुरक्षित रोजगार जो कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम है, जो डेली वेजिज हैं, इसको हम बंद करने वाले हैं। जहाँ पर परमानेंट नौकरी हैं, वहीं पर लोगों को भर्ती करेंगे और अगर अनिवार्य है, तो ऐसी जगह पर सोच कर हम जिस जगह पर कॉन्ट्रैक्ट लेबर रखना, उसके बारे में हम सोचेंगे, लेकिन सरकार में जितने भी कॉन्ट्रैक्ट लेबर हैं और जिनको अनावश्यक रखा गया है, उनकी जगह हम परमानेंट भर्ती करेंगे।
उसके बाद हमारी गिनती करो, ये जो मैंने कहा कि ये जो कास्ट सेंसस है, इसको भी हमने सामने रखा है। क्योंकि जब तक सेंसस में क्या स्थिति है, किसकी कौन सी स्थिति है, जमीन किसके पास कितनी है, एजुकेशन किसके पास है, डिग्री होल्डर कौन सी - कौन सी कम्युनिटी में है, नौकरियां किसके पास है और हेल्थ वाइज क्या स्थिति है, ये आंकड़े जब तक हमें ठीक ढंग से नहीं मिलेंगे, तब तक हम प्लानिंग नहीं कर सकते। इसलिए ठीक ढंग से प्लानिंग करने के लिए हमने ये वायदा किया है कि कास्ट सेंसस हम कराएंगें और लोगों को सुविधा देने का पूरा काम करेंगे।
उसके बाद रिजर्वेशन, ये तो पहले से हम कह रहे हैं। ये रिजर्वेशन को धक्का दे रही है सरकार। सरकारी नौकरी भर्ती नहीं कर रहे हैं और बैकलॉग फिल अप नहीं कर रहे हैं, तो इससे क्या हो रहा है कि एजुकेटेड लोग, पढ़े लिखे लोग, इंजीनियरिंग पढ़ते हुए, डॉक्टरी पढ़ते हुए, डबल ग्रेजुएट होते हुए, पोस्ट ग्रेजुएशन करते हैं, वो घर में बैठे हैं और उनको कोई नौकरी नहीं मिल रही, सरकार में नौकरियां खाली हैं, चाहे वो रेलवे हो, चाहे वो पोस्ट ऑफिस हो, चाहे और संस्थाएं हों। उन संस्थाओं में ये सरकार भर्ती नहीं कर रही है, हम भर्ती करेंगे।
दूसरा, अभी मैंने बताया ये एससी-एसटी का भी जो बैकलॉग है, वो फिल अप करने का भी हमने वायदा किया है और खासकर शेड्यूल ट्राइब के लोगों के लिए हमने जल, जंगल, जमीन का कानूनी हक, जो बनाया है और लैंड एक्विजिशन कानून हमने जो बनाया है और ये सुरक्षा के लिए, जो ट्राइबल कम्युनिटी के लिए हमने बनाया है, उसक हम मजबूत करेंगे, उनके हक की हम हमेशा हिफाजत करेंगे। इसके लिए हम लड़ते रहेंगे और ये जो अपनी धरती, अपने राज का मतलब ये है कि जिस पंचायत एरिया में, जहाँ पर एक्सक्लूसिवली ट्राइबल लोग हैं, तो वहाँ पर उनके स्थानीय जो भी कानून हैं, या स्थानिक उनकी जो भी समस्याएं हैं, उसको डिसाइड करने के लिए उनको हम अधिकार देंगे।
तो ऐसी 25 गारंटी और पांच जो ये न्याय, तो ये पांच न्याय हमने लोगों के सामने रखे हैं और आपके माध्यम से सारे देश को हम बताना चाहते हैं कि हम जो कहते हैं, वो करते हैं। इसलिए राहुल गांधी जी अपनी बात को जनता के सामने रखने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक और मणिपुर से महाराष्ट्र तक उन्होंने चलकर दिखाया, लोगों को समझाया, लोगों को कहा। तो ये काम हम सिर्फ बोलते नहीं, करते हैं।
आज जो ये सरकार है, ये डरा रही है, खासकर हमारे जो कांग्रेस पार्टी पर जितनी भी पेनल्टी डालनी थी, वो पेनल्टी डाली है। अब सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा है कि भाई, इलेक्शन में कुछ मत करो, तब वो रुकेंगे और क्या करेंगे, वो देखेंगे। लेकिन हमारे खजाने से वो ऑलरेडी 135 करोड़ लेकर गए। क्या ऐसा चुनाव हो सकता है डेमोक्रेसी में? क्या डेमोक्रेसी
सबको समान स्तर पर लड़ने की ये इजाजत है? अरे हम डेमोक्रेसी को इसलिए लाए, ब्रिटिशर्स को इसलिए भगाया कि हम लोग सम्मान के साथ जीएं, डेमोक्रेसी बचाएं, कॉन्स्टिट्यूशन बचाएं और सब लोग सम्मान के साथ जीएं। इसके लिए हमने लड़कर, कांग्रेस पार्टी ने इस देश को आजाद कराया और ये लोग जिनका कोई कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं है, जिनके घर में कोई जेल नहीं गया, अरे देश के लिए कोई त्याग नहीं दिया, सब सरकारी नौकरी में रहते हुए उन्होंने ये बीड़ा उठाया कि कांग्रेस के साथ हमें कभी नहीं जाना । गांधी जी के जितने भी मूवमेंट हैं, उनमें नहीं जाना, ये प्रण उन्होंने लिया था। तो इसलिए ऐसे लोगों को हमें बताना चाहिए कि लोग डेमोक्रेसी चाहते हैं, लोग संविधान की रक्षा करना चाहते हैं। ये जो गारंटी आपके सामने रखी हैं, इसको आगे ले जाने के लिए हम लोग तैयार हैं, इसको स्वीकारते हैं, लेकिन ये हमारा काम हमारे दोस्त लोग, जो भी प्रेसिडेंट हैं, ऑफिस बेयर्स हैं, वर्कर हैं, महिला वर्कर हैं, स्टूडेंट यूनियन हैं, यूथ कांग्रेस है, किसान सेल हैं, सभी लोग डटकर काम करेंगे, कांग्रेस का नाम रोशन करेंगे।