नई दिल्ली: सरकार शीर्ष कम्पनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना शुरू करेगी। प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत यह 5वीं योजना है। संसद में आज केन्द्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री
500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएंगे
निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि यह योजना 500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इससे रियल-लाइफ व्यवसाय वातावरण, विभिन्न व्यवसायों और रोजगार के अवसरों के लिए 12 महीनों का अनुभव मिलेगा।
योजना में 5,000 प्रतिमाह का इंटर्नशिप भत्ता और 6,000 की एकबारगी सहायता दी जाएगी
वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना में युवाओं को `5,000 प्रतिमाह का इंटर्नशिप भत्ता और `6,000 की एकबारगी सहायता दी जाएगी। कम्पनियों से अपेक्षा है कि वे अपनी सीएसआर निधियों से प्रशिक्षण लागत और इंटर्नशिप लागत का 10 प्रतिशत वहन करेंगी।
कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का "नकलची बजट"
कांग्रेस अध्यक्ष व राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि,बजट देखकर लगा जैसे नरेंद्र मोदी ने जनता को नजरअंदाज कर, सिर्फ 2 मित्रों को साथ लिए कुर्सी बचाने का काम किया है। कांग्रेस ने जनता को- • मनरेगा • फूड सिक्योरिटी एक्ट • हेल्थ मिशन • राइट टू हेल्थ • मिड डे मिल इन जैसी योजनाएं दी हैं। लेकिन मोदी सरकार में लोगों से सिर्फ झूठ बोला गया है। इसलिए इस बार नरेंद्र मोदी ने अपनी गारंटी की बात नहीं की।
राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि,''कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का "नकलची बजट" ! मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी "रेवड़ियां" बाँट रहा है, ताकि NDA बची रहे।
ये "देश की तरक्की" का बजट नहीं, "मोदी सरकार बचाओ" बजट है !
―10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुईं हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं।
―किसानों को लिए केवल सतही बातें हुईं हैं, डेढ़ गुना MSP और आय दोगुना करना - सब चुनावी धोखेबाज़ी निकली ! ग्रामीण वेतन को बढ़ाने का इस सरकार का कोई इरादा नहीं है।
―दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक, माध्यम वर्ग और गाँव-ग़रीब लोगों के लिए कोई भी क्रांतिकारी योजना नहीं है, जैसी कांग्रेस-UPA ने लागू करी थी। "ग़रीब" शब्द केवल स्वयं की branding करने का ज़रिया बन गया है, ठोस कुछ भी नहीं है !
―महिलाओं के लिए इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे उनकी आर्थिक क्षमता बढ़े और वो workforce में अधिक से अधिक शामिल हों।
―उल्टा महँगाई पर सरकार अपनी पीट थपथपा रही है, जनता की गाढ़ी कमाई लूट कर वो पूंजीपति मित्रों में बाँट रही है!
―कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, जन-कल्याण और आदिवासियों पर बजट में आवंटन से कम खर्च किया है क्योंकि ये भाजपा की प्राथमिकताएँ नहीं हैं। इसी तरह Capital Expenditure पर 1 लाख करोड़ कम खर्च किया है, तो फिर नौकरियाँ कहाँ से बढ़ेंगी?
―शहरी विकास, ग्रामीण विकास, Infrastructure, Manufacturing, MSME, Investment, EV योजना - सब पर केवल Document, Policy, Vision, Review आदि की बात की गई है, पर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है।
―आये दिन रेल हादसे हो रहें हैं, ट्रेनों को बंद किया गया है, कोच की संख्या घटी है, आम यात्री परेशान हैं, पर बजट में रेलवे के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, कोई जवाबदेही नहीं है।
―Census व जातिगत जनगणना पर भी कुछ नहीं बोला गया है, जबकि ये पाँचवा बजट है जो बिना Census के प्रस्तुत किया जा रहा है! ये हैरान कर देने वाली अप्रत्याशित नाकामी है - जो लोकतंत्र और संविधान के ख़िलाफ़ है !
―20 मई 2024, यानि चुनाव के दौरन ही, मोदी जी ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि "100 दिनों का Action Plan हमारे पास पहले से ही है"...
खड़गे ने कहा कि,''खड़गे ने कहा कि,''जब Action Plan, दो महीने पहले था, तो कम से कम बजट में ही बता देते!
बजट में न कोई Plan है, और भाजपा केवल जनता से धोखेबाज़ी करने के Action में व्यस्त है।