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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सोनिया गांधी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं, कहा-संविधान मूल्यों व परम्पराओं के विपरीत खड़ी है सरकार, लोकतंत्र के लिए परीक्षा की घड़ी है

  • by: news desk
  • 15 August, 2020
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सोनिया गांधी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं, कहा-संविधान मूल्यों व परम्पराओं के विपरीत खड़ी है सरकार, लोकतंत्र के लिए परीक्षा की घड़ी है

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शहीद हुए 20 जवानों पर को याद करते हुए कहा कि भारतीय भूभाग की रक्षा करना और चीनी घुसपैठ को विफल करना ही इन शहीदों को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।




कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के नाम एक चिट्ठी लिखी है| स्वतंत्रता दिवस पर जारी शुभकमाना संदेश में सोनिया गांधी ने कहा,'' प्रिय देशवासियों, आप सभी को 74 वें स्वाधीनता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं| “हमारे भारतवर्ष की ख्याति विश्व भर में न सिर्फ प्रजातांत्रिक मूल्यों और विभिन्न भाषा, धर्म, संप्रदाय के बहुलतावाद की वजह से है, अपितु भारत प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना एकजुटता के साथ करने के लिए भी जाना जाता है|




कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लिखा, “आज जब समूचा विश्व कोरोना महामारी की महाविभीषिका से जूझ रहा है, तब भारत को एकजुट होकर इस महामारी को परास्त करने के प्रतिमान स्थापित करने होंगे| मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकती हूं कि हम सब मिलकर इस महामारी व गंभीर आर्थिक संकट की दशा से बाहर आ जाएंगे|





उन्होंने आगे लिखा है कि साथियो, हमने बीते 74 वर्षों की स्वाधीनता में अपने प्रजातांत्रिक मूल्यों को समय-समय पर परीक्षा की कसौटी पर परखा है और उसे निरन्तर परिपक्व किया है| आज ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संविधान मूल्यों व स्थापित परम्पराओं के विपरीत खड़ी है| भारतीय लोकतंत्र के लिए भी ये परीक्षा की घड़ी है|




सोनिया गांधी ने कहा,, आज कर्नल संतोष बाबू व हमारे 20 जवानों की गलवान वैली में वीरगति को भी साठ दिन बीत चुके हैं| मैं उनको भी याद कर उनकी वीरता को नमन करती हूं| सरकार से आग्रह करती हूं कि उनकी वीरता का स्मरण करे व उचित सम्मान दे| भारत मां की सरजमी की रक्षा व चीनी घुसपैठ को विफल करना उन्हें सबसे बड़ी श्रधांजलि होगी




सोनिया गांधी ने लिखा है कि, “आज हर देशवासी को अंतरात्मा में झांक कर यह सोचने की आवश्यकता है कि आजादी के क्या मायने हैं? क्या आज देश में लिखने, बोलने, सवाल पूछने, असहमत होने, विचार रखने, जबाबदेही मांगने की आजादी है? एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते ये हमारा उत्तरदायित्व है कि हम भारत की प्रजातांत्रिक स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाए रखने का हरसंभव प्रयत्न व संघर्ष करें|





Sonia Gandhi letter, संविधान मूल्यों और परंपराओं के खिलाफ सरकार, लोकतंत्र के लिए परीक्षा की घड़ी: सोनिया गांधी










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