नोएडा: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई दरिंदगी को लेकर देशभर में आक्रोश है| हाथरस गैंगरेप को लेकर बवाल तेज हो चुका है| कई विपक्षी पार्टियां मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार और यूपी पुलिस के रवैये को लेकर सवाल उठा रही हैं| इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ' ब्रायन और पार्टी के अन्य नेताओं को पुलिस ने शुक्रवार को हाथरस जाने से रोक दिया। वे सभी 19 वर्षीय पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे। गौरतलब है कि सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई पीड़िता की मौत हो चुकी है।
डेरेक ओ ब्रायन सहित एक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रतिनिधिमंडल को हाथरस की सीमा पर रोका गया। वे हाथरस की घटना के पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जा रहे थे। हाथरस में पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन हाथरस बॉर्डर पर धक्का मुक्की में नीचे गिरे। टीएमसी नेता वह काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, '(डेरेक ओ ब्रायन) को जमीन पर गिरा दिया गया, शायद वह घायल भी हो गए हैं। उनपर हमला किया गया। वे ऐसा कैसे कर सकते हैं?'
टीएमसी सांसद प्रतिमा मोंडल ने कहा, 'हमें ममता बनर्जी द्वारा कथित दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए भेजा गया ताकि हम अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर सकें। हालांकि हमने अपना परिचय दिया, हमें उनसे मिलने नहीं दिया गया और पुलिस द्वारा धक्का दिया गया। यदि वे एक महिला सांसद का सम्मान नहीं कर सकते हैं तो आम लोगों की स्थिति की कल्पना करें।'
टीएमसी नेता ममता ठाकुर ने कहा, 'हम उसके परिवार से मिलने जा रहे थे, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई। जब हमने जोर दिया, तो महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज को खींचा और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया। वह नीचे गिर गईं। पुरुष पुलिस अधिकारियों ने उन्हें छुआ। यह शर्मनाक है।'
हाथरस। गांव में अंदर जाने से मीडिया व अन्य अधिकारियों को रोकने की बात अब एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश मीणा ने कबूली है । उन्होंने कहा है कि बिटिया के गांव के अंदर एसआईटी की जांच चल रही है । इस वजह से मीडिया कर्मी व अन्य राजनीतिक दलों के आए हुए प्रतिनिधि मंडलों को नहीं जाने दिया जा रहा है।
हाथरस सदर एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने महिला सांसदों को पुरुष कांस्टेबल द्वारा छूने पर सफाई देते हुए कहा, 'आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। महिला कांस्टेबलों ने उनसे वापस जाने का अनुरोध किया क्योंकि किसी को भी गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। जब वे जबरन प्रवेश करने की कोशिश की तो महिला कांस्टेबलों ने उन्हें रोका।'