नई दिल्ली : दोनों सदनों में कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि,' ये काला क़ानून एक बिमारी थी, जितना जल्दी कट गई उतनी जल्दी ठीक है। अब इस बिल पर राष्ट्रपति की मोहर लग जाएगी तो यह ख़त्म हो जाएगा। सरकार जहां बुलाएगी हम वहां बात करने जाएंगे|
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि,''कृषि कानून एक बीमारी थी और यह अच्छा है कि उन्हें निरस्त कर दिया गया है। राष्ट्रपति को बिल पर मुहर लगाने दें, फिर हम 750 किसानों की मौत, एमएसपी और किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को रद्द करने जैसे अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे|
दोनों सदनों में पास हुआ 'कृषि कानून वापसी बिल'
विपक्ष द्वारा हंगामे के बीच लोकसभा के बाद राज्यसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पारित हुआ। संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा से कृषि कानून वापसी बिल पास कर दिया गया है| दोनों सदनों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर द्वारा बिल पेश किया गया, बिल पेश होने के कुछ मिनट के भीतर ही उसे पास भी कर दिया गया| वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां बिल पर चर्चा के लिए अड़ी रहीं|
विपक्षी पार्टियों का कहना है कि बिना चर्चा के वापसी बिल पास करना संसद की परंपरा का उल्लंघन है| इस दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा देखने को मिला|
बिल को बिना चर्चा के ही मंजूरी दे दी गई| तीनों विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए दोनों सदनों में पेश विधेयक पटल पर रखे जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर पारित हो गया|
राहुल गांधी का PM मोदी पर वार
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विजय चौक पर मिडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी जमकर हमला बोला| राहुल गांधी ने कहा कि,''आपने कहा प्रधानमंत्री ने माफी मांगी, इसका मतलब प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि उनकी ग़लती के कारण 700 लोग मारे गए, उनकी ग़लती से आंदोलन हुआ। अगर उन्होंने ग़लती मानी है तो नुकसान की भरपाई तो करनी पड़ेगी|
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि,' हमने कहा था कि 3 काले क़ानूनों का वापस लेना पड़ेगा। हमें पता था कि 3-4 बड़े पूंजीपतियों की शक्ति हिन्दुस्तान के किसानों के सामने खड़ी नहीं हो सकती। और वही हुआ काले क़ानूनों को रद्द करना पड़ा। ये किसानों की सफलता है, देश की सफलता है| ये तीन क़ानून किसानों और मज़दूरों पर आक्रमण था। परन्तु किसानों और मज़दूरों की कठिनाइयां MSP, कर्ज़ माफी आदि लंबी लिस्ट है। वे अभी भी उनकी मांगें हैं, हम उनका समर्थन करते हैं|
राहुल गांधी ने कहा कि,''जिस तरह से संसद में बिना किसी चर्चा के क़ानून रद्द किए गए, ये दिखाता है कि सरकार चर्चा से डरती है। सरकार जानती है कि उन्होंने ग़लत काम किया है। 700 किसानों की मृत्यु, क़ानूनों को लागू करने के पीछे किसकी शक्ति थी इस पर चर्चा होनी थी पर सरकार ने नहीं होने दी|
' चर्चा नहीं होने दी- MSP पर शहीद अन्नदाता के लिए न्याय पर लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री की बर्ख़ास्तगी पर… जो छीने संसद से चर्चा का अधिकार, फ़ेल है, डरपोक है वो सरकार: कांग्रेस नेता राहुल गांधी