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कोयला घोटाला मामले में वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे की सजा को दिल्ली हाइकोर्ट ने निलंबित कर दिया, सोमवार को स्पेशल कोर्ट ने सुनाई थी तीन साल की सजा

  • by: news desk
  • 27 October, 2020
कोयला घोटाला मामले में वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे की सजा को दिल्ली हाइकोर्ट ने निलंबित कर दिया, सोमवार को स्पेशल कोर्ट ने सुनाई थी तीन साल की सजा

नई दिल्ली: कोयला घोटाला मामले में वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे दिलीप रे की सजा दिल्ली हाइकोर्ट ने निलंबित कर दिया है|इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने झारखंड में 1999 में कोयला खदान आवंटन में अनियमितताओं के एक मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिलीप रे को सोमवार को तीन साल की सजा सुनाई थी|




जिसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे ने अपनी सजा को निलंबित करने के लिए निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी| जिस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1999 में झारखंड कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया और उनकी सजा को निलंबित कर दिया।मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।




गौरतलब है कि दिल्ली की एक अदालत ने झारखंड में 1999 में कोयला खदान आवंटन में अनियमितताओं के एक मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिलीप रे को सोमवार को तीन साल की सजा सुनाई थी। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को यह फैसला दिया था। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में दिलीप रे कोयला मंत्री थे। 




अदालत ने इस मामले में दो और लोगों को तीन साल की सजा सुनाई थी।  विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने कोयला मंत्रालय के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप कुमार बनर्जी और कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजी लिमिटिड (सीटीएल) के निदेशक महेन्द्र कुमार अग्रवाल को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने सजा सुनाते हुए सभी दोषियों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था| अदालत ने दोषी पाए गई सीएलटी पर 60 लाख रुपये और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटिड (सीएमएल) पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था|




अदालत ने इसी मामले में हाल ही में दोषी पाए गए दो और आरेापियों को भी तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। मामले में सीबीआई की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री के लिए उम्रकैद की सजा की मांग की गई थी। सजा पर बहस 14 अक्‍टूबर को पूरी हो गई थी। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने दिलीप रे को 6 अक्टूबर को दोषी ठहराया था। उन्‍होंने कहा था कि इन लोगों ने कोयला ब्लॉक के आवंटन की खरीद को लेकर एक साथ साजिश रची थी।






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