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सागर राणा हत्याकांड: कोर्ट ने सुशील कुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा, कस्टडी बढ़ाने की पुलिस की अर्जी ठुकराई

  • by: news desk
  • 02 June, 2021
सागर राणा हत्याकांड: कोर्ट ने सुशील कुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा, कस्टडी बढ़ाने की पुलिस की अर्जी ठुकराई

नई दिल्ली: दिल्ली की रोहिणी अदालत ने छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर हत्याकांड में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है| दिल्ली की एक अदालत ने हिरासत बढ़ाने की दिल्ली पुलिस की याचिका ठुकरा दी है| पहलवान सागर धनकड़ हत्याकांड मामले में दिल्ली पुलिस की आरोपी ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार व अजय बक्करवाला की रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग को अदालत ने खारिज कर दिया| दिल्ली की अदालत ने सुशील कुमार को 14 दिनों की जेल की रिमांड पर भेज दिया गया है।



अदालत ने कहा पुलिस पहले ही आरोपियों को दस दिन रिमांड पर रख चुकी है। पुलिस के पास इन दोनों आरोपियोंं को रिमांड पर लेने का कोई नया आधार नहीं है। पुरानी रटी-रटाई दलीलों पर फिर से तीन दिन की रिमांड मांग रही है जोकि जायज नहीं है। वहीं, अदालत ने इन दोनों आरोपियों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत मेंं जेल भेजने के निर्देश दिए।




रोहिणी स्थित ड्यूटी मजिस्ट्रेट रश्मि गुप्ता की अदालत में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपी सुशील कुमार व अजय बक्करवाला को पेश किया। अतिरिक्त लोक अभियोजक राघव खुराना व अतुल कुमार श्रीवास्तव ने इन दोनों आरोपियों की रिमांड अवधि तीन दिन और बढ़ाने की दलील पेश करते हुए कहा कि आरोपियों के मोबाइल फोन, घटना के समय पहने गए कपड़े, सुशील कुमार के घर बाहर लगे सीसीटीवी  कैमरे का डीवीआर व घटना में प्रयुक्त डंडा बरामद करना है। साथ ही अभी कई और आरोपियों की गिरफ्तारी इनकी निशानदेही पर करनी है।



अतिरिक्त लोक अभियोजक ने अदालत के समक्ष कहा कि आरोपी एक गिरोह चलाते हैं इस गिरोह के आठ आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। बाकी को पकड़ना है। वहीं, पीड़ितों के वकील नीतिन वशिष्ठ ने कहा कि एक होनहार पहलवान ने इस घटना में अपनी जान गंवाई है जबकि दो युवा पहलवान जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए सबूतों का जुटाना जरुरी है।




पुलिस की इस दलील का आरोपी सुशील कुमार के वकील प्रदीप राणा ने विरोध किया। अधिवक्ता प्रदीप राणा ने कहा कि इन्हीं सामान की बरामदगी के लिए पुलिस उनकेे मुवक्किल व सहआरोपी को पहले छह दिन और फिर चार दिन के लिए रिमांड पर ले चुकी है। कुल मिलाकर दस दिन में पुलिस यह मामूली से सामान बरामद नहीं करा पाई। अब तीन दिन में पुलिस क्या विशेष करेगी। उन्होंने सीआरपीसी व पंजाब पुलिस नियम का हवाला देते हुए कहा कि बगैर किसी नए तथ्य व आधार केे पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेने का अधिकार नहीं रखती है।




अभियोजन व बचाव पक्ष को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि निर्धारित कानून व तकनीकी आधार पर अब आरोपी सुशील व अजय को रिमांड पर देने का कोई तर्क नहीं बनता। अदालत ने कहा कि यह पहले ही साफ हो चुका है कि पुलिस इन आरोपियों कोउनके मोबाइल बरामद कराने के लिए पंजाब के भठिंडा लेकर गई थी। जबकि डीवीआर व उनके कपड़े बरामद कराने के लिए हरिद्धार ले जाया गया था। फिर भी पुलिस की तीसरी बार रिमांड याचिका न्यायसंगत नहीं है। इसलिए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है।




अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि पिछले दस दिन में रिमांड के दौरान सुशाील कुमार उर्फ पहलवान अजीब-अजीब हरकतें कर रहा है। कभी वह बैठे-बैठे रोने लगता है। कभी कहता है कि उसने अपना सब कुछ बर्बाद कर दिया। फिर कभी मुस्कुराने लगता है और जांच अधिकारियों से कहता है कि चलों में सारा सामान बरामद कराता हूं, ले चलों मुझे और फिर अचानक फूट-फूट कर रोने लगता है। सरकारी वकील का कहना था कि पुलिस उसकेे इस व्यवहार से बहुत परेशान आ गई है। सरकारी वकील ने उस वीडियो का जिक्र भी किया जो घटना के समय बनाया गया था। उनका कहना था कि सुशील ने खुद कहकर यह वीडियो बनवाया था जिसमें वह कह रहा है कि वह कुछ भी कर सकता है। इससे उसकी हिमाकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।






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