नई दिल्ली:MJ Akbar Defamation Case Against Journalist Priya Ramani: पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को दिल्ली की एक अदालत से झटका लगा है| दिल्ली की एक अदालत ने एमजे अकबर की प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की याचिका को खारिज़ कर दिया है|
दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को बरी कर दिया| साथ ही कोर्ट ने कहा,''महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत करने का अधिकार है| वहीं फैसला आने के बाद 'मी टू' के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया कि 'हमलोग जीत गए' (We won this)..
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि महिला को 20 साल बाद भी उसके साथ हुए दुर्व्यवहार को बताने का हक है। कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा है इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि सामाजिक प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति यौन शोषण नहीं कर सकता है। जज रविंद्र कुमार पांडे ने कहा कि समाज को समझना ही होगा कि यौन शोषण और उत्पीड़न का पीड़ित पर क्या असर होता है और वह किस दौर से गुजरती है। बता दें कि इससे पहले दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने फ़ैसला 17 फ़रवरी तक के लिए स्थगित कर दिया था|
बता दें कि साल 2018 में मीटू अभियान के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एमजे अकबर के खिलाफ शोषण का आरोप लगाया था|रमानी ने कहा था कि जब 20 साल पहले अकबर एक अंग्रेजी अखबार के संपादक थे, तो वह नौकरी के साक्षात्कार के लिए मिलने गई थी| इस दौरान अकबर ने उनका शोषण किया| इस मामले को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था|
अकबर ने 15 अक्तूबर, 2018 को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से 17 अक्तूबर, 2018 को इस्तीफा दे दिया था। 20 महिलाओं ने पत्रकार के तौर पर अकबर के मातहत काम करने के दौरान उनका यौन उत्पीड़न करने का अकबर पर आरोप लगाया था। अकबर ने मीटू अभियान के दौरान उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सभी महिलाओं के आरोपों को खारिज किया था।