Ram Bahal Chaudhary,Basti
Share

हमारा संविधान हमें सिखाता है कि हम 'एक बनें और नेक बनें: रक्षा मंत्री

  • by: news desk
  • 18 November, 2020
हमारा संविधान हमें सिखाता है कि हम 'एक बनें और नेक बनें: रक्षा मंत्री

नई दिल्ली: कॉन्स्टिट्यूशन डे यूथ क्लब एक्टिविटीज' के उद्घाटन के अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि,हम सबको मालूम है जिन चीजों के कारण हमारे लोकतंत्र को विश्व भर में जाना जाता है, हमारा संविधान भी उनमें से एक है। हमारा संविधान भारत के लोगों का, भारत के लोगों द्वारा और भारत के लोगों के लिए है| रक्षा मंत्री ने कहा कि,हमारा संविधान हमें सिखाता है, कि हम 'एक बनें और नेक बनें।' यह हमें अनुशासन और विविधता में भी एकता और अखंडता का पाठ पढ़ाता है। स्वतंत्रता, समानता, सामाजिक समरसता और सद्भावना इसके मूल स्तंभ हैं और इसकी प्रस्तावना का पहला शब्द यानी 'हम' अपने आप में बहुत कुछ कह देता है|





रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि,युवाओं के इस देश में, युवा शक्ति को मज़बूत करने, और उसे आगे ले जाने के लिए ‘एनसीसी’, ‘NYKS (नेहरू युवा केंद्र संगठन)’, ‘NSS (नेशनल सर्विस स्कीम)’, ‘हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स’, ‘भारत स्काउट्स एंड गाइड्स’ और ‘रेड क्रॉस सोसाइटी’ जैसी अनेक संस्थाएं कार्यरत हैं|हमारे प्रधानमंत्री  ने, सभी युवा संगठनों से एक प्लेटफार्म पर आकर, देश और समाज से जुड़े मुद्दों पर लोगों में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया है। आज का यह आयोजन, उसी की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है|





राजनाथ सिंह ने कहा कि,''एक सप्ताह बाद हमारा देश, छठां संविधान दिवस मनाने जा रहा है। 2014 में, देश सेवा का अवसर मिलने के साथ ही, सरकार ने जो प्रमुख प्रयास किए थे, संविधान दिवस का मनाया जाना भी उनमें से एक है। इस दिवस की शुरुआत, हमारी, संविधान के प्रति आस्था और निष्ठा को व्यक्त करती है|हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, संविधान दिवस मनाना प्रारंभ कर दिया था। 2015 में, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की 125 वीं जयंती पर, उन्होंने 26 नवंबर को एक राष्ट्रीय पर्व का रूप दिया, जिसके उपलक्ष में हम सब आज यहां एकत्रित हुए हैं|




राजनाथ सिंह ने कहा कि,''एक साथ इतनी संस्थाओं, और लोगों का यहाँ उपस्थित होना, हमारे महान पारंपरिक मूल्य, ‘संगच्छध्वं संवदध्वं’, यानी, ‘हम सब साथ चलें, हम सब साथ आगे बढ़ें’ की भावना के अनुरूप है। ऐसे में इस अभियान की ‘एकता हमारी पहचान’ की थीम और भी प्रासंगिक हो जाती है|हम सबको मालूम है, जिन चीजों के कारण सबसे बड़े लोकतंत्र, यानि हमारे लोकतंत्र को विश्व भर में जाना जाता है, हमारा संविधान भी उनमें से एक है। हमारा संविधान भारत के लोगों का, भारत के लोगों द्वारा, और भारत के लोगों के लिए है|





राजनाथ सिंह ने कहा कि,''न केवल हमारी परंपरा और सांस्कृतिक विरासत, बल्कि दुनिया के अनेक संविधानों के श्रेष्ठ विचारों का यह निचोड़ है। भारत जैसे विविधता वाले राष्ट्र को, एक सूत्र में बांधकर रखने वाला हमारा संविधान ही है|हमारे संविधान निर्माताओं की, जिन्होंने एक श्रेष्ठ भारत का स्वप्न देखा था, इस संविधान से बड़ी उम्मीदें थीं।  संविधान के सभी निर्माता सदस्यों ने, किसी न किसी रूप में इसे देश का सबसे अहम मार्गदर्शक बताया|




राजनाथ सिंह ने कहा कि,''अम्बेडकरजी ने अपने पहले ही साक्षात्कार में यह स्पष्ट किया था, कि संविधान का अच्छा या बुरा साबित होना, उसके नियमों पर नहीं, बल्कि उसे अमल में लाने वाले लोगों पर निर्भर करेगा। यानी हम और आप पर यह निर्भर करता है, कि हमारा देश, हमारी व्यवस्था, कैसे, और किस दिशा में प्रगति करेगी|इसलिए इसकी सफलता की, पहली आवश्यकता है इसे अच्छे ढंग से अमल में लाना। और उससे भी पहली आवश्यकता है हमारा, और हमारे देशवासियों का, सांविधानिक मूल्यों के प्रति सचेत होना। इस कार्य में हमारे युवा साथी सर्वाधिक योगदान दे सकते हैं|




राजनाथ सिंह ने कहा कि,''साथियों, होता क्या है, कि इतना महत्वपूर्ण विषय होने के बावजूद भी, धरातल पर एक बड़ी संख्या में लोग, संविधान से सीधे तौर पर जुड़ नहीं पाते हैं। संविधान जैसी कोई चीज है, इतना तो उन्हें मालूम होता है। पर वह क्या, कैसे, क्यों और किसके लिए है, यह जागरूकता नहीं आ पाती है|उन्हें लगता है कि संविधान नियमों की कोई बड़ी किताब है, जो सरकारों और अफसरों के लिए बनी है। या फिर यह कोई दस्तावेज़ है, जिससे सरकारें चला करती हैं। पर साथियों, हमें लोगों को यह बताना है, कि इस दस्तावेज से सरकारें नहीं, हमारा जीवन, और सबसे ऊपर हमारा देश चलता है|




राजनाथ सिंह ने कहा कि,''हमारा संविधान हमें सिखाता है, कि हम 'एक बनें, नेक बनें।' यह हमें अनुशासन, और विविधता में भी एकता, और अखंडता का पाठ पढ़ाता है। स्वतंत्रता, समानता, सामाजिक समरसता, और सद्भावना इसके मूल स्तंभ हैं|इसकी प्रस्तावना का पहला शब्द, यानी 'हम', अपने आप में बहुत कुछ कह देता है। इस भावना को हमें समझना, और लोगों को समझाना भी है। 'नए भारत' के निर्माण में यह आवश्यक, और महत्वपूर्ण कदम होगा|



राजनाथ सिंह ने कहा कि,''संविधान के प्रति लोगों को जागरूक करने का यह मतलब नहीं, कि आप उन्हें संविधान के facts रटाएँ। कि हमारे संविधान में इतने भाग हैं, इतने आर्टिकल हैं। या इसके चौथे भाग में, 51A आर्टिकल में हमारे कर्तव्य हैं, आदि-आदि|हमें उन्हें, नागरिकों के अधिकारों, और उससे भी महत्वपूर्ण, एक अच्छे नागरिक के कर्मों, और कर्तव्यों के बारे में सचेत करना है। हम उस गौरवशाली परंपरा, और संस्कृति  के उत्तराधिकारी हैं, जहाँ कर्म, और कर्तव्य पर सर्वाधिक बल दिया गया है|



राजनाथ सिंह ने कहा कि,''आप लोगों ने,  जीवन के अलग-अलग पड़ावों पर चार आश्रमों के बारे में सुना होगा। यानी बचपन में विद्या अध्ययन, फिर घर-बार संभालना, फिर वानप्रस्थ, फिर सन्यास आदि। यह सभी व्यवस्थाएँ, दरअसल हमारे कर्तव्यों के बारे में ही  सचेत करने,  और सचेत रखने के लिए बनाई गई थीं|महात्मा गांधी जी का तो, स्पष्ट मानना था कि हमारे कर्तव्य में ही हमारा अधिकार भी निहित है।  इसे एक सरल उदाहरण से समझा जा सकता है। एक स्वस्थ, और स्वच्छ वातावरण में रहने का हमारा अधिकार है। वहीं दूसरी ओर उसे गंदा न करना, साफ-सफाई रखना हमारा कर्तव्य है|




राजनाथ सिंह ने कहा कि,''इसी तरह संविधान में वर्णित, हमारे सभी कर्तव्य, वह चाहे पर्यावरण का संरक्षण हो, राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान हो, देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का कर्तव्य हो, अपनी संस्कृति के संरक्षण का कर्तव्य हो..., ये सभी दूसरे प्रकार से हमारे, और आपके अधिकार ही सुनिश्चित करते हैं|हम सभी अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करें, हमारा संविधान भी हमें यही निर्देश देता है। मैं पुनः इसकी प्रस्तावना पर आपका ध्यान लाना चाहूंगा। इसकी प्रस्तावना के अंतिम शब्द हैं, कि हम दृढ़संकल्प होकर, इस संविधान को ‘आत्मार्पित’ करते हैं|




राजनाथ सिंह ने कहा कि,''हम इसे ‘आत्मार्पित’ करते हैं, यानी सबसे पहले इसका पालन हम स्वयं करेंगे, फिर औरों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे। यह संविधान की भावना है। यह भावना हमसे हमारे ‘विवेक’ की भी अपेक्षा करती है|अब बात आती है, कि इसमें हमें करना क्या है। इसमें हम व्यक्तिगत और सांगठनिक, दोनों स्तरों पर अपना योगदान दे सकते हैं। मुझे बताया गया कि सांगठनिक स्तर पर अनेक काम, जैसे- रैलियां, वेबिनार, प्रतियोगिताएं आदि होने जा रहे हैं|




राजनाथ सिंह ने कहा कि,''यहाँ मैं संस्था प्रमुखों से आग्रह करना चाहूँगा, कि आप लोग Quiz, debate, poster, slogan writing competition आदि तो करवा ही रहे हैं, साथ ही संविधान की मूल बातों से संबंधित रोचक कहानियाँ, कार्टून, पहेलियाँ अथवा खेल आदि की रचना के लिए बच्चों को प्रेरित और उत्साहित करें|मुझे मालूम है, कि हमारे बच्चे बड़े होनहार, प्रतिभाशाली और कुशल हैं। इन माध्यमों से वे न केवल स्वयं, बल्कि छोटे बच्चों में भी संविधान जैसे विषय के प्रति रुचि पैदा कर सकेंगे|



राजनाथ सिंह ने कहा कि,''इसके अलावा व्यक्तिगत स्तर पर भी हमें प्रयास की आवश्यकता है मेरे प्यारे बच्चों। जैसा कि मैंने अभी कहा, कि हम व्यावहारिक स्तर पर अपने आसपास के लोगों, मित्रों को आम बोलचाल की भाषा में संविधान, और उसमें वर्णित कर्तव्यों के बारे में बता सकते हैं|हाल ही में दीवाली का पर्व संपन्न हुआ है। इसके चलते, और कुछ जगहों पर पराली आदि के कारण प्रदूषण का स्तर एक मानक से कहीं अधिक ख़राब होने की ख़बरें देखी होंगी। हमारा यह भी कर्तव्य बनता है कि हम इसके बारे में भी लोगों को सचेत करें|




राजनाथ सिंह ने कहा कि,''साथ ही आप खुद से कुछ क्रिएटिव राइटिंग करें, छोटी-छोटी पोयम्स लिखें, कोई पोस्टर बनाएं, ई-मैगज़ीन बनाएँ, या अपना कोई ताज़ा अनुभव लिखें, जिसमें आपने अपने कर्तव्य का जिम्मेदारी पूर्वक पालन किया हो, और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करें|साथियों, सरकार ने युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाओं और नीतियों की शुरुआत की गयी है, जिसमें डिजिटल इंडिया, start-up India, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, कौशल भारत अभियान आदि प्रमुख हैं|



राजनाथ सिंह ने कहा कि,''आपके समर्पण और संकल्प को देखते हुए सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में NCC कैडेट्स की एक लाख की संख्या में और भर्ती करने की घोषणा की है। यह कदम हमारे युवाओं में अपने कर्तव्यों के प्रति प्रेरित करने के साथ-साथ, उनकी सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा|मुझे यह जानकर बहुत अच्छा लगा, कि 22 नवंबर को हमारे एनसीसी कैडेट्स रक्तदान शिविर का आयोजन कर रहे हैं। यह देश और समाज के प्रति आपके कमिटमेंट को दिखाता है। इसकी मैं सराहना करता हूँ|हम, नए भारत के लोग' एक साथ मिलकर, समाज और राष्ट्र के उत्थान में आगे बढ़ें, और सफलता प्राप्त करें, इसकी मैं कामना करता हूं। इसके साथ ही मैं अपना निवेदन समाप्त लेता हूँ|









आप हमसे यहां भी जुड़ सकते हैं
TVL News

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : https://www.facebook.com/TVLNews
चैनल सब्सक्राइब करें : https://www.youtube.com/TheViralLines
हमें ट्विटर पर फॉलो करें: https://twitter.com/theViralLines
ईमेल : thevirallines@gmail.com

स्टे कनेक्टेड

विज्ञापन