नई दिल्ली: कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि,ऐसा नहीं है कि इन बढ़ते दामों की खबर सरकार को नहीं थी। सरकार को सारी जानकारी थी कि दाम बढ़ रहे हैं लेकिन फिर वही हुआ कि कोई सुनियोजित तरीका नहीं निकाला गया| जब यूपीए की सरकार थी तब हमने खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता की बात की थी जो 2020 तक वो पूरा हो जाता। लेकिन मोदी जी ने आत्मनिर्भरता की जगह ज़बानी जमा खर्च किया|
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि,''आज हम देख रहे हैं कि त्योहारों के पहले पकवान और उनकी मिठास, रस सब जा चुका है क्योंकि जिन तेलों में वो तले, बनाए जाएंगे उनके दामों में खौलाहट है, उनके दामों में आग लगी हुई है|जब आप इस सरकार से बात करते हैं तो ये यही कहते हैं कि ये तो अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में हो रहा है। कभी कोविड के पीछे छिपते हैं कभी अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों के पीछे|
सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि,'सरसों, सूरजमुखी और मूँगफली का तेल, जिसमें भी खाना पकाया जाता है, वह तेल देश के अमीर लोग भी इस्तेमाल करते हैं और गरीब भी करता है तो आपने कुछ नीति, नियम या कानून सोचा कि कैसे इनको महंगाइ की इस मार से बचाया जाएगा|गरीब लोग अभी तक तो आलू, प्याज़, टमाटर के दामों से ही जूझ रहे थे, लेकिन अब तेलों के दामों में भी आग लगी हुई है। कहीं न कहीं सरकार ने इन सब में बस समय व्यर्थ किया है|
सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि,विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई-अगस्त के महीने में ताड़ के तेल (palm oil) का आयात नहीं किया गया है। बिलकुल भी आयात ना होने के कारण ही आज यह स्थिति आ गयी है|देश में सोयाबीन का जबरदस्त उत्पादन हुआ है उसके बाद भी तेल के दामों में कमी नहीं हुई है तो हम सभी यह जानना चाहते हैं कि ये कौनसी आत्मनिर्भरता का पाठ मोदी जी पढ़ा रहे हैं, क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ रही है|
सुप्रिया ने कहा कि,कहा,'' जाता है कि नून, तेल, तरकारी जो हर गरीब व्यक्ति, पूरे देश में हर वर्ग का व्यक्ति इस्तेमाल करता है। इसलिए अब आप किसी बहानेबाज़ी के पीछे नहीं छुप सकते कि कोविड या किसी और कारण से दाम बढ़ रहे हैं|ये आपका दायित्व था कि आप दामों को कम करें, किसानों की आय दोगुनी करें। किसान, जिसके पास कढ़ाई में छौंकने वाला जो तेल है, उसमें आग लगी हुई है। उसमें कौनसी सब्जी वो छौंक सकता है क्योंकि आलू खाने की उसकी हैसियत नहीं है|
- क्या सरकार यह जस्टिफ़ाई कर रही है कि गरीब लोगों को दाम ज्यादा देने पड़ें? - क्या सरकार यह जस्टिफ़ाई कर सकती है कि गरीब लोगों को खाद्य पदार्थों पर ज्यादा दाम देना पड़े? - ये बिलकुल अनैतिक है, अनौचित्य है, गलत है|
सुप्रिया ने कहा कि,कहा,''एक बड़ा मिशन जो यूपीए की सरकार ने शुरू किया था उसको अपने गंतव्य तक इस सरकार ने नहीं पहुंचाया और उसी का कारण है कि आज खाद्य तेलों का दाम 33% से 50%के बीच में बढ़ गया है और लोगों को असुविधा हो रही है|