नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है| दिल्ली की कई सीमाओं पर बीते 44 दिनों से किसान कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए ठंड, बारिश, कोहरे और शीतलहर का प्रकोप झेल कर भी डटे हुए| कृषि कानूनों के विरोध में सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ाके की ठंड में प्रदर्शन कर रहे देश के किसानों का आंदोलन आज 44वें में दिन में प्रवेश कर चुका है।
कानूनों पर गतिरोध खत्म करने के लिए किसान संगठनों और सरकार के बीच शुक्रवार को आठवें दौर की बातचीत होनी है| सरकार-किसान वार्ता से पहले, कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर 32 दिनों से किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसद और नेता ने पार्टी की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से राहुल गांधी के आवास में मुलाकात की।
कांग्रेस महासचिव ने प्रियंका गांधी ने कहा, हम बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे। हम किसानों के साथ हमेशा रहे हैं। बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे। समाधान यही है कि कानून वापिस लें। और कोई समाधान नहीं है।
वही,''कांग्रेस ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में शुक्रवार को सोशल मीडिया अभियान (Social Media Campaign) चलाया| इसके तहत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने लोगों से किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के पक्ष में आवाज बुलंद करने की अपील की|
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, ‘इस कंपकपाती ठंड में कोरोना के बढ़ते प्रकोप में किसान 42 दिनों से दिल्ली के पास आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही| इस सरकार के लिए लोकतंत्र के अंदर जनता की आवाज का कोई मूल्य नहीं है|. पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी इस अभियान के तहत अपनी बात रखी और लोगों से किसानों के साथ खड़े होने की अपील की|
पिछले 40 से अधिक दिनों से किसान इस ठंड में दिल्ली की सरहदों पर आंदोलन कर रहे हैं। यह शर्मनाक है कि सत्ता के नशे में चूर सरकार को अन्नदाता की शहादत से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है: नीरज कुंदन
लगभग डेढ़ महीने का समय हो गया है किसान अभी तक आंदोलनरत है। ठंड के कारण 50 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि दिल्ली में जो अंधी-बहरी सरकार बैठी है, वह किसानों की बात नहीं मान रही है :कुलदीप सिंह राठौर
हमारे किसान भाई-बहन बारिश, धूप और ठिठुरती ठंड में भी सड़क पर तैनात हैं। किसान अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है; लेकिन अड़ियल सरकार अपने दफ्तरों में बैठ कर किसानों की बात नहीं सुनना चाहती:अमृता धवन
पिछले डेढ़ महीने से किसान तीन काले कानूनों के खिलाफ दिल्ली के चारों तरफ सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। सर्दी और बरसात के मौसम को सहन कर यहां बैठ कर सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार इन काले कानूनों को वापस ले:पवन कुमार बंसल
मोदी सरकार के फैसलों ने किसानों के साथ अन्याय किया है, गरीबों के पेट पर लात मारी है; हम उसके सामने सिर नहीं झुकायेंगे। मोदी सरकार के काले बिलों के खिलाफ अन्नदाता की लड़ाई डट कर लड़ेंगे:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह