नई दिल्ली: कांग्रेस ने राम मंदिर स्थापना दिवस से पार्टी के विरोध को जोड़ने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर करारा पलटवार किया| अमित शाह के राम मंदिर स्थापना दिवस से पार्टी के महंगाई, बेरोज़गारी और खाद्य पदार्थों पर लगी GST के खिलाफ किए गए विरोध को जोड़ने वाले बयान पर कांग्रेस ने कहा,''अमित शाह ने 'विचलित, ध्रुवीकरण करने और दुर्भावनापूर्ण' डायवर्ट करने की घृणित प्रयास है|
दरअसल,अमित शाह ने महंगाई, बेरोज़गारी और जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ काले कपड़े पहनकर किए गए विरोध प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है| शाह ने कहा,''आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने श्रीरामजन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास किया था, इसलिए कांग्रेस तुष्टिकरण के लिए ये विरोध कर रही है। महंगाई व ED तो सिर्फ बहाने हैं...कांग्रेस का असली दर्द श्री राम मंदिर का बनना है।
कांग्रेस ने राम मंदिर स्थापना दिवस से पार्टी के विरोध को जोड़ने वाले अमित शाह को 'फर्जी' बताते हुए खारिज किया और कहा कि ‘‘आज महंगाई, बेरोजगारी और GST के खिलाफ के उसके आंदोलन ने स्पष्ट रूप से असर डाला है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘सवाल महंगाई, GST, बेरोज़गारी पर और जवाब में फिर वही मंदिर-मस्जिद। लगता है जनता के सवाल साहिब के पाठ्यक्रम से बाहर के हैं।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘‘आज महंगाई, बेरोजगारी और GST के खिलाफ कांग्रेस के लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बदनाम करने एवं इससे ध्यान भटकाने का गृह मंत्री ने घृणित प्रयास किया। सिर्फ बीमार मानसिकता के लोग ही ऐसे फर्जी तर्क दे सकते हैं। साफ है, आंदोलन से उठी आवाज सही जगह पहुंची है।
वहीँ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘महंगाई, बेरोजगारी और GST का जो बहाना इन लोगों ने कर रखा है, लोग इससे बहुत दुखी हैं। लोग डर के कारण बोल नहीं पा रहे हैं, इतना भय पैदा हो गया है। सरकार समझ नहीं पा रही है। इस देश में लोकतंत्र बस नाम का है| असहमत व्यक्त करने वालों को आप जेल भेज रहे हो। इसपर ना मीडिया बोल रही है और ना जनता बोल पा रही है। अगर ये बात समझ नहीं आएगी तो लोग सड़कों पर उतरेंगे और सरकार को दिक्कत आएगी|
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘आज दिल्ली में जो रोक लगी है, मैंने ऐसा कभी नहीं देखा। जब विपक्ष में BJP या अन्य पार्टियां थी तब भी कई रैलियां हुई हैं, कोई रोक नहीं लगी। अगर शांतिपूर्ण तरीके से कोई रैली निकलती है और लोग जुड़ते हैं तो इससे सरकार की आंखे खुलती हैं मगर ये सरकार इससे भी चूकना चाहती है|