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पीएम मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस का पलटवार, कहा- लफ़्फ़ाज़ी और जुमलेबाजी के अलावा कुछ ठोस नहीं, पूछे 7 सवाल

  • by: news desk
  • 08 February, 2021
 पीएम मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस का पलटवार, कहा- लफ़्फ़ाज़ी और जुमलेबाजी के अलावा कुछ ठोस नहीं,  पूछे 7 सवाल

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की और उन्होंने कहा कि MSP था, MSP है और MSP जारी रहेगा| PM मोदी ने कहा कि,'' हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि परिवर्तन से बदलाव होता है कि नहीं। कोई कमी हो तो उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी। एमएसपी है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा।इस सदन की पवित्रता समझे हम। जिन 80 करोड़ लोगों को सस्ते में राशन दिया जाता है वो भी लगातार रहेगा।





प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है और सवाल पूछा है| PM मोदी के 'सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई' बयान पर कांग्रेस ने कहा कि,''देश भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत से भलीभाँति परिचित है। राज्यसभा की मर्यादाओं को ताक पर रख कर बिलों को पारित किया गया था। प्रधानमंत्री किसानों के मुद्दों का हल करने की बात कैसे करेंगे? जब उन्हें मालूम ही नहीं कि अन्नदाता किस लिए आंदोलनरत हैं।जिस विचारधारा के लोगों ने आजादी के संघर्ष में अपना योगदान नहीं दिया है, उन लोगों को आंदोलन की कीमत कभी समझ नहीं आएगी।





कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि,'लफ़्फ़ाज़ी और जुमलेबाजी के अलावा Rajya Sabha में कुछ ठोस नहीं कह पाए  Modi जी| .. न 75 दिन से आंदोलनरत किसानों के लिए कोई ठोस आश्वासन और ना सीमा में घुसपैठ किए चीन पर एक शब्द। आत्ममुग्ध प्रधानमंत्री वास्तव में पीएम नही, “प्रचारक” की भूमिका में नज़र आए। दुर्भाग्यपूर्ण सत्य ।



रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि,''आंदोलनकारी किसानों की राह में कीलें बिछाकर मोदी जी Rajya Sabha में किसानों से कह रहे हैं कि बात करिए, आंदोलन खत्म करिए.. ये दाढ़ियाँ, ये तिलकधारियाँ नहीं चलतीं, हमारे अहद में मक्कारियाँ नहीं चलतीं। क़बीले वालों के दिल जोड़िए मेरे सरदार, सरों को काट के सरदारियाँ नहीं चलतीं।




PM मोदी के 'मैथिलीशरण की पंक्तियों पर' रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि,''मैथलीशरण जी आज होते तो मोदी सरकार के लिये यूँ कहते, "आपने अवसर सिर्फ़ पूँजीपतियों के लिए गढ़ा है, 

किसान तो चौराहे पर चुपचाप महीनों से अपने हक़ माँगता पड़ा है, 

आपका कर्मक्षेत्र सत्ता के स्वार्थों से भरा है, 

पल-पल है अनमोल, अरे भारत उठ, आँखें खोल..”




कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि,' मोदी जी, देश के इतिहास में आप इकलौते निर्दयी प्रधानमंत्री के रूप में दर्ज होने वाले हैं। दम तोड़ते संघर्षरत किसान भाईयों व उनके परिजनों के दर्द को यूँ नज़र अंदाज करना आपकी फासीवादी मानसिकता दिखाता है। अब तक 210 किसान जान से हाथ धो बैठे हैं।ये राजहठ छोड़कर राजधर्म का पालन करिए।





-भारत की आँखे खोल देने वाले कुछ सवालों के जवाब दीजिये, वक्तव्यों और व्यवहार में ये अंतर क्यों है, ये जवाब दीजिये? 

1) क्या ये सही नहीं कि सत्ता संभालते ही 12 जून, 2014 को मोदी सरकार ने राज्यों द्वारा समर्थन मूल्य के ऊपर दिए जा रहे ₹150/क्विंटल बोनस बंद करवा दिया?



2) क्या ये सही नहीं कि मोदी सरकार ने दिसंबर 2014 में किसानों के हक़ के भूमि के ‘उचित मुआवज़ा कानून’ को एक के बाद एक तीन अध्यादेश लाकर पूंजीपतियों के हक़ में बदलने की षड्यंत्रकारी कोशिश की?




3) क्या ये सही नहीं कि आपने सुप्रीम कोर्ट में फरवरी 2015 में शपथ पत्र देकर कहा कि किसानों को अगर लागत + 50% से ऊपर समर्थन मूल्य दिया तो बाज़ार ख़राब हो जाएगा अर्थात् आप पूँजीपतियों के पक्ष मे खड़े हो गए थे।



4) क्या ये सही नहीं कि खरीफ 2016 से प्रारंभ  ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ में साल 2019 तक ₹26,000 करोड़ का मुनाफ़ा ‘निजी कंपनियों’ को पहुँचाया गया, अन्यथा ये राशि भी किसानों के खाते में जाती?



5) क्या ये सही नहीं कि PM किसान निधि के नाम पर ₹6,000 सालाना किसानों के खाते में डालने के क़सीदे तो पढ़े जा रहे हैं पर दूसरी और पिछले 6 सालों में ₹15,000 प्रति हेक्टेयर खेती पर ‘टैक्स’ लगा दिया?



6) क्या ये सही नही कि 73 साल में पहली बार खेती पर GST लगाया - खाद पर 5%, कीटनाशक दवाईयों से लेकर कृषि यंत्रों पर 12% से 18 प्रतिशत तक? डीज़ल पर 820% एक्साइज क्यों बढ़ाई?



7) क्या मंडी ख़त्म करने से MSP प्रणाली ख़त्म नही हो जाएगी? किसान को MSP कौन देगा, कैसे देगा? क्या सही नहीं है कि इन तीनों कृषि विरोधी काले कानूनों में जमाखोरों को असीमित मात्रा में जमाखोरी की छूट दी गई है?




कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि,किसान के होठों पर वही है जो उसके दिल में है। किसान के साथ छल नही न्याय कीजिए। किसान के साथ धोखा नही, धर्म निभाइये। किसानों की राह में कीलें-काँटे नही, काले क़ानून ख़त्म करने का साहस दिखाइये।




बता दें ,''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए आज राज्यसभा में कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, ना ही किसी व्यक्ति को जाता है बल्कि हिंदुस्तान को तो जाता है| कोरोना के संकट काल में आत्मनिर्भर भारत की भी सराहना की और मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियों के सहारे विपक्ष पर निशाना साधा| पीएम ने मैथिली शरण की पंक्तियों को दोहराते हुए कहा-
अरे भारत! उठ, आँखें खोल,

उड़कर यंत्रों से, खगोल में घूम रहा भूगोल!

अवसर तेरे लिए खड़ा है,

फिर भी तू चुपचाप पड़ा है।

तेरा कर्मक्षेत्र बड़ा है,

पल पल है अनमोल।

अरे भारत! उठ, आँखें खोल॥












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