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“मोदी सरकार 'बेल्लारी गैंग' के बचाव में आई और...”: जनार्दन रेड्डी की BJP में वापसी को लेकर कांग्रेस का वार ,कहा- भाजपा का 2024 का राजनीतिक शॉपिंग बैग अब भ्रष्ट, ठग और अवसरवादियों से भरा हुआ है

  • by: news desk
  • 27 March, 2024
“मोदी सरकार 'बेल्लारी गैंग' के बचाव में आई और...”: जनार्दन रेड्डी की BJP में वापसी को लेकर कांग्रेस का वार ,कहा- भाजपा का 2024 का राजनीतिक शॉपिंग बैग अब भ्रष्ट, ठग और अवसरवादियों से भरा हुआ है

◀️मोदी सरकार 'बेल्लारी गैंग' के बचाव में आई और भाजपाई वॉशिंग मशीन से उनके दाग साफ किए

◀️ ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ मोदी राज में सबसे बड़ा दशकीय मजाक बन गया है


नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी जनार्दन रेड्डी की भारतीय जनता पार्टी में वापसी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा चुनावी बॉण्ड को गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद भाजपा ने ‘प्लान बी’ के तहत खनन कारोबारी के साथ सीधी साझेदारी की है। कांग्रेस ने कहा,''PM मोदी हमेशा कहते हैं- मैं 'जनता-जनार्दन' के लिए खुद को खपा रहा हूं। PM मोदी जनता के लिए खपते हुए कभी नहीं दिखे, लेकिन वह जनार्दन रेड्डी के लिए खपते हुए जरुर दिख रहे हैं।  जनार्दन रेड्डी के ऊपर 35 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है - उसके ऊपर CBI समेत 20 मामले लंबित हैं - उसने भारत के जंगलों और खदानों में अवैध खनन कर उन्हें बर्बाद कर दिया है ये वही जनार्दन रेड्डी है, जिसके बारे में एक जज ने कहा था कि उसने बेल लेने के लिए 40 करोड़ रुपए की रिश्वत ऑफर की थी। ''



कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा,''बेल्लारी बंधु- हम तीन दशक से ये नाम सुन रहे हैं। साल 1998 में इन्होंने स्व. सुषमा स्वराज जी के चुनाव की तमाम जिम्मेदारी संभाली थी। 1998 के चुनाव के बाद BJP ने इन्हें संभाल लिया।  येदियुरप्पा जी और इनकी जुगलबंदी बड़ी मशहूर है। इस जुगलबंदी के चलते आयरन ओर और अवैध खनन की ऐसी लूट मची कि 'येड्डी- रेड्डी गैंग' मशहूर हो गई।  2011 और 17 के बीच इनकी कई बार गिरफ्तारी भी हुई।



पवन खेड़ा ने कटाक्ष किया कि अब ये (जनार्दन रेड्डी) BJP में शामिल हो गए हैं, CBI इन्हें ऐसी क्लीनचिट देगी कि हर सफेदी फीकी पड़ जाएगी।



पवन खेड़ा ने कहा,'जनार्दन रेड्डी ने BJP में शामिल होते ही कहा- मैं अपनी जड़ों में लौटकर आ गया हूं। आप खुद समझ लीजिए कि देश में भ्रष्टाचार की जड़ कहां है? इलेक्टोरल बॉन्ड के गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद जनार्दन रेड्डी को पार्टी में शामिल करना, BJP का प्लान-B है। यानी अब सीधी पार्टनरशिप.. खाएंगे और खिलाएंगे। ''



बता दें,''कर्नाटक के पूर्व मंत्री और अवैध खनन के 9 मामलों में आरोपी जी जनार्दन रेड्डी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को फिर से भाजपा में शामिल हो गए थे। अवैध खनन मामले में आरोपी जनार्दन रेड्डी ने पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव 2023 से पहले भाजपा के साथ अपना दो दशक पुराना नाता तोड़ते हुए 'कल्याण राज्य प्रगति पक्ष' (केआरपीपी) का गठन किया था।



बुधवार को पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, भारत के ‘सबसे बड़े खनन घोटाले का खुलासा 27 जुलाई 2011 को तत्कालीन लोकायुक्त, न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े की रिपोर्ट से हुआ, जिसके कारण 'येड्डी- रेड्डी गैंग' के नापाक गठजोड़ का पर्दाफाश हुआ और अंततः अगस्त 2011 में तत्कालीन भाजपा मुख्यमंत्री श्री बी एस येदियुरप्पा को पद से हटा दिया गया। कोई आश्चर्य नहीं कि श्री बी एस येदियुरप्पा और कुख्यात रेड्डी बंधुओं के उपनाम 'जेल बर्ड' हैं!



जनार्दन रेड्डी को 35,000 करोड़ रुपये के लौह-अयस्क खनन घोटाले के लिए 7 वर्षों में 4 बार गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने 1998 में भाजपा के साथ राजनीति में प्रवेश किया, बेल्लारी में श्रीमती निया गांधी के खिलाफ स्वर्गीय श्रीमती सुषमा स्वराज के लोकसभा अभियान का प्रबंध किया और अब एक बार फिर अपनी जड़ - भाजपा की ओर लौट आए हैं।



गौर करने वाली बात यह है कि मोदी सरकार अब 'कठपुतली सीबीआई' के माध्यम से बेल्लारी के समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार 'बेल्लारी गैंग' की 'हितैषी, संरक्षक, रक्षक' बन गई है।


महत्वपूर्ण तथ्य

1. 18.11.2013 को, सिद्धारमैया की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 9 बंदरगाहों के माध्यम से लौह अयस्क की बिक्री और निर्यात से 35000 करोड़ रुपये की लूट और हेराफेरी की जांच सीबीआई को सौंपी, अर्थात (1) कर्नाटक- (ए) करवार और (बी) न्यू मैंगलोर पोर्ट ट्रस्ट (II) गोवा- (ए) पणजी और (बी) मुरमगोआ (III) तमिलनाडु - (ए) एन्नोर और (बी) चेन्नई; (IV) आंध्र प्रदेश - (ए) कृष्णा पट्टणम; (बी) विशाखापत्तनम और (सी) काइकनाडा।



2. 27.05.2017 को तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह ने श्री बी एस येदियुरप्पा को भाजपा का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि सीबीआई द्वारा गुप्त तरीके से सभी मामलों को बंद करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी गई।


3. 13.06.2017 को मोदी सरकार की पसंदीदा 'कठपुतली' - सीबीआई ने कर्नाटक सरकार को पत्र लिखकर गोवा के दो बंदरगाहों के लिए सीबीआई मामले को बंद करने को उचित ठहराया, मुख्य रूप से इस आधार पर कि 'गोवा और कर्नाटक के लौह अयस्क को एक साथ मिला दिया गया है, जिसकी पहचान नहीं की जा सकती है। यह दुनिया में किसी भी जांच एजेंसी द्वारा एफआईआर बंद करने के लिए दिया गया सबसे काल्पनिक और कल्पनाशील स्पष्टीकरण होना चाहिए ! ।


4. कर्नाटक सरकार के आग्रह के बावजूद, गोवा के दो बंदरगाहों के माध्यम से सीबीआई मामले को बंद करने की बात सीबीआई ने 14.11.2017 को दोहराई।


5. 8 नवंबर 2017 को, सीबीआई ने कर्नाटक के दो बंदरगाहों के लिए भी 'अवैध लौह-अयस्क खनन घोटाला' की जांच बंद कर दी।


6. 8.11.2017 को, सीबीआई ने तमिलनाडु के दो बंदरगाहों के लिए भी 'अवैध लौह-अयस्क खनन घोटाला' बंद कर दिया। प्रतिलिपि अनुलग्नक A5 है। दिलचस्प बात यह है कि तमिलनाडु में दो अवैध लौह-अयस्क खनन मामले बंद कर दिए गए क्योंकि मोदी सरकार ने तमिलनाडु सरकार द्वारा दी गई सहमति के बावजूद मामलों को सीबीआई को सौंपने की अधिसूचना जारी करने से इनकार कर दिया।



7. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 'रेड्डी ब्रदर्स एंड एसोसिएट्स' को तब 8 भाजपा टिकट दिए हैं- (i) गली करुणाकर रेड्डी (ii) गली सोमशेखर रेड्डी (iii) बी. श्रीरामुलु - 2 विधानसभाएं (iv) लल्लेश रेड्डी, (v) टी. एच. सुरेश बाबू (vi) सन्ना फकीरप्पा और (vii) साई कुमार। लोग कह रहे थे कि मोदी-शाह की जोड़ी के नेतृत्व में 'बेल्लारी गणराज्य' वापस आ गया है!


8. 'बेल्लारी गैंग' को बचाने और 35,000 करोड़ रुपये के 'अवैध लौह अयस्क खनन घोटाले पर पर्दा डालने की मोदी सरकार की स्पष्ट साजिश से विचलित हुए बिना, कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक के बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों के लुटेरों पर मुकदमा चलाने और उन्हें दंडित करने का साहस दिखाया था।


सरकार ने न केवल 19.03.2018 के आदेश के तहत गोवा - कर्नाटक- तमिलनाडु के 6 सीबीआई मामलों को वापस ले लिया है, बल्कि 21.03.2018 को 'सार्वजनिक धन की लूट' और 'प्राकृतिक संसाधनों की लूट की जांच के लिए एक विशेष एसआईटी का गठन किया है। 



9. मई 2018 में, मोदी बेल्लारी में सोमशेखर रेड्डी के लिए प्रचार कर रहे थे, जो बेल्लारी निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार और जनार्दन रेड्डी के भाई हैं। मोदी ने जनार्दन रेड्डी के करीबी सहयोगी बी श्रीरामलु के साथ मंच साझा किया, जिन्हें उन्होंने "उनके द्वारा पाला गया लड़का" कहा।



10.तत्कालीन भाजपा प्रमुख, श्री अमित शाह को विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक रूप से कहना पड़ा कि जनार्दन रेड्डी अपने मित्र और भाजपा उम्मीदवार बी श्रीरामुलु के लिए व्यक्तिगत हैसियत से प्रचार कर रहे थे, न कि पार्टी कार्यकर्ता के रूप में।



11. 2019 में, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और अजय रस्तोगी की सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने 35,000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले में आरोप तय करने और मुकदमा शुरू करने में देरी पर चिंता व्यक्त की। पीठ ने मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की खिंचाई करते हुए कहा, "हम इस बात से चिंतित हैं कि आरोप क्यों तय नहीं किए गए और मुकदमा अभी तक शुरू क्यों नहीं हुआ।"



12. दिसंबर 2022 में, जनार्दन रेड्डी ने गंगावती निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने और विधानसभा के लिए चुने जाने के लिए अपनी खुद की पार्टी, कल्याण राज्य प्रजा पक्ष (केआरपीपी) बनाई।


13. 2023 में, बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने रेड्डी और उनकी पत्नी लक्ष्मी अरुणा की बेनामी लेन-देन के ज़रिए अर्जित 82 संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया।


14. 25 मार्च 2024 को, जनार्दन रेड्डी ने अपने कल्याण राज्य प्रजापति पक्ष (KRPP) को भाजपा में विलय करके भाजपा में वापसी की। उन्होंने पूर्व सीएम येदियुरप्पा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री बीवाई विजयेंद्र की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होने पर कहा, "भाजपा हमेशा से मेरा हिस्सा रही है और मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपनी जड़ों की ओर लौट आया हूँ।"


15. येदियुरप्पा ने कहा कि भाजपा "उनकी सेवाओं का उचित उपयोग करेगी।" क्या ये "सेवाएँ" आपराधिक रेड्डी गिरोह के करोड़ों रुपये के लूटे गए खनन धन का इस्तेमाल लोकसभा चुनावों के लिए कर रही हैं?



हमारे प्रश्नः -

1. मोदी सरकार व्यापक साक्ष्यों, दस्तावेजी और तथ्यों पर आधारित लोकायुक्त रिपोर्ट के बावजूद, एक के बाद एक सीबीआई मामलों को बंद करके 35,000 करोड़ रुपये के 'अवैध लौह अयस्क खनन घोटाले' को क्यों बचा रही है, क्यों पर्दा डाल रही है? घोटालों और योजनाओं की तुलना करने वाले पीएम मोदी के हल ही के बयानों का क्या हुआ? क्या यह योजना घोटाले के लिए है? या घोटालेबाज को बचाने के लिए?


2. क्या यह सच नहीं है कि जनार्दन रेड्डी के खिलाफ वर्तमान में 20 मामले लंबित हैं? क्या यह सच नहीं है कि एक पूर्व न्यायाधीश ने दावा किया था कि रेड्डी ने उन्हें जमानत हासिल करने के लिए 40 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी? फिर भी भाजपा ने भ्रष्टाचारियों के लिए लाल कालीन क्यों बिछाया है, जबकि वे विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल करते हैं?


3. क्या पीएम मोदी और गृह मंत्री 'सार्वजनिक धन की लूट' और 'प्राकृतिक संसाधनों की लूट' पर लगाम लगाने और रेड्डी एंड कंपनी को पार्टी में शामिल करने की इस भयावह साजिश के बारे में बताएंगे? क्या प्रधानमंत्री मोदी का भ्रष्टाचार विरोधी भाषण पूरी तरह से खोखला नहीं है?




देश ने देखा है कि कैसे भाजपा ने असंवैधानिक चुनावी बॉन्ड के माध्यम से अपने खजाने को भरने के लिए जबरन Extortion Directorate (ईडी) का इस्तेमाल किया, और अब जबकि चुनावी बॉन्ड बंद कर दिए गए हैं, तो वह भ्रष्ट गिरोहों की चापलूसी करने के अपने पुराने तरीकों पर वापस लौटना चाहती है, जिन्होंने उसके संरक्षण में जनता का पैसा लूटा है!










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