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महंगाई से त्रस्त है लोग, 6.7% से ज्यादा इन्फ्लेशन इस देश के लिए हानिकारक: कांग्रेस का इकॉनोमी- बेरोजगारी और महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर हमला

  • by: news desk
  • 16 November, 2022
महंगाई से त्रस्त है लोग, 6.7% से ज्यादा इन्फ्लेशन इस देश के लिए हानिकारक: कांग्रेस का इकॉनोमी- बेरोजगारी और महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर हमला

नई दिल्ली:  अर्थव्यवस्था , बेरोजगारी और महंगाई को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि,पिछले 10 महीने से Retail Inflation RBI के तय मानकों से ज्यादा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि इस बात का जवाब निर्मला सीतारमण जी देंगी, पीएम मोदी देंगे या इसका ठीकरा RBI के सिर फोड़ दिया जाएगा? | कांग्रेस ने कहा, “ पिछले साढ़े 8 साल में यह देश एक इंसान के मन की बात सुनकर थक गया है, अब लोग अपनी समस्याओं पर बात करना चाहते हैं।



महाराष्ट्र में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सप्रिया श्रीनेत ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “आप सबको मेरा नमस्कार और मुझे लगता है कि भारत जोड़ो यात्रा में आप लोगों का जो सहयोग रहा है, मीडिया ने जो दिखाया, उसके लिए साधुवाद। सोशल मीडिया में होने के नाते यहाँ की तस्वीरें देखकर, यहाँ के वीडियो देखकर जरुर आप प्रभावित होते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि जो सुबह मैं चली एक पहर अभी इस यात्रा में, उसका कोई सानी नहीं है, उसका कोई विकल्प नहीं है, वो आपको सोचने पर मजबूर करता है कि कितना प्यार और कितना विश्वास इस देश को है और उसी प्यार और विश्वास को आगे ले जाना है और किस तरह से लोग असल मुद्दों की बातें कर रहे हैं।



सप्रिया श्रीनेत ने कहा, “ राहुल जी ने अभी दो दिन पहले ही ये कहा कि जिस देश में बेरोजगारी बढ़ रही हो, गरीबी बढ़ रही हो, महंगाई बढ़ रही हो, उसको देशभक्ति कैसे कहा जा सकता है और मेरा अपना मानना है कि देश के लोगों को गरीब करना, देश के लोगों को बेरोजगार रखना, देश के लोगों की आय घटाना और सबसे ज्यादा महंगाई से उनकी कमर तोड़ना, अपने आपमें देशद्रोह है और उसको आप किस तरह से देखते हैं, उस पर ज्यादा चर्चा हो सकती है, लेकिन अभी हम यहाँ पर महंगाई की बात कर रहे हैं।



कांग्रेस प्रवक्ता सप्रिया श्रीनेत ने कहा, “अभी दो दिन पहले डेटा आया, 6.77 प्रतिशत रिटेल इन्फ्लेशन है। भाजपा के चरण चुंबकों ने अपनी पीठ ठोकी और कहा कि देखिए 7.1 से गिरकर 6.7 आ गया है। पिछले 10 महीने से लगातार रिटेल इन्फ्लेशन, जो आरबीआई ने लिमिट सेट की है 2 से 4 प्रतिशत और 6 प्रतिशत ज्यादा से ज्यादा जा सकता है, उसके बाहर रह रहा है। ये लिमिट एमपीसी की पार्लियामेंट के कानून द्वारा सेट हुई है, तो इस बात का जवाब फाइनेंस मिनिस्ट्री देगी, इस बात का जवाब निर्मला सीतारमन जी देगीं, इस बात का जवाब प्रधानमंत्री मोदी देंगे या ठीकरा आरबीआई पर फोड़ देंगे, ये अपने आपमें एक बहुत बड़ा सवाल है। 10 महीने हो गए और लगातार इन्फ्लेशन 6 प्रतिशत से ऊपर रह रहा है, ये पहली बात है।



उसमें अगर आप फूड इन्फ्लेशन को देखिए, जो खाने के सामानों में वृद्धि हो रही है, जो चावल, आटा, गेहूं जो अब खबर आई है कि उसके दाम दोगुने हो रहे हैं, आप सिर्फ ये देखिए, जो खाने का तेल है, वो 70 रुपए से 220 हो गया है। आटा जो है, वो 22 से 40 हो गया है, पीने वाले दूध 35 से 60 पहुंच गया है। हम कौन से डिबेट की बात करें, क्या ये मुद्दे नहीं हैं देश के? मोदी जी कहते थे पकौड़ा तलो नौकरी के नाम पर। पकौड़े तलने वाला तेल आपने 70 से 220 कर दिया और जिस गैस पर तला जाता है, वो 410 से 1200 पर बिक रही है और सूई पटक सन्नाटा सरकार, पिन ड्रोप साइलेंट, अगर आप महंगाई की बात कर लीजिए, वो भी देशहित में आपकी जेबें हल्की की जा रही



 सप्रिया श्रीनेत ने कहा, “तो ये महंगाई और जब उनसे आप बात करिए, तो फिजूल की बातें आपको सुनने को मिलती हैं। एक आपको सुनने को मिलता है कि ऐसा है अमेरिका और यूके में भी बहुत महंगाई है। उसके दो ही जवाब हैं। अमेरिका में परचेजिंग पावर पैरिटी आम व्यक्ति की तनख्वाह, आम व्यक्ति की खरीदने की शक्ति हिंदुस्तान से 15 गुना ज्यादा है। तो जब हमारे देश में गरीब लोग और हुए हैं, आय कम हुई है, नौकरी खत्म हुई है, तो महंगाई की मार और जबर पड़ रही है। 




उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका से और यूके से जो लोग अपने आपको कंपेयर करते हैं, उनको ये भी ज्ञात होना चाहिए कि अमेरिका में जो इन्फ्लेशन है वो इस वजह से आया क्योंकि कोविड काल के दौरान वहाँ की सरकार ने लोगों के हाथ में पैसा दिया और कहा कि आपका उपभोग बंद ना हो, आपकी नौकरी खत्म ना हो, आपका व्यवसाय चलता रहे और इस वजह से इन्फ्लेशन आया। हमारे यहाँ तो इन्फ्लेशन आने का सिर्फ और सिर्फ एक कारण है और वो है मुनाफाखोरी। 



कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे यहाँ तो 27 लाख करोड़ इस सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज लगाकर कमा लिए और वित्त मंत्री खड़े होकर भरे सदन में झूठ बोलती हैं, उनके सांसद कहते हैं कि फ्री फंड का खाना गरीब आदमी खा रहे हैं। एक सांसद महोदय हैं, बहुत लंबी-चौडी पढ़ाई की है उन्होंने, वो कहते हैं कि महंगाई कहीं दिख ही नहीं रही है। महोदया खुद कह देती हैं कि लहुसन-प्याज तो मैं खाती नहीं हूं, बाकी आगे की बात कर लीजिए।



सप्रिया श्रीनेत ने कहा, “तो सवाल ये है कि अगर महंगाई से लोग त्रस्त हैं, तो इसके बारे में बात कौन करेगा? आप जहाँ चले जाइए, आज सवेरे ही जब हम राहुल जी से बात कर रहे थे, उन्होंने कहा कितने लोग बेरोजगारी और महंगाई से त्रस्त हैं, ये दिल्ली में बैठे हुक्मरानों को अंदाजा ही नहीं है और इसलिए मुझे लगता है कि जो मूल मुद्दे हैं, जो भारत जोड़ो यात्रा का लक्ष्य है, जरुर सामाजिक ताने-बाने को जोड़ना है, जरुर लोकतंत्र को जोड़े रखना है, लेकिन उससे भी बड़ा दायित्व है हम पर कि हम महंगाई और बेरोजगारी से जो हम लोगों के हौसले टूटे हैं, उस हौसले को दोबारा से जोड़ें, वो भारत जोड़ो यात्रा है।



कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘बड़ी-बड़ी बातें करते थे मोदी जी, जब विपक्ष में थे कि रुपए का गिरना और प्रधानमंत्री की साख में होड़ लगी हुई है। रुपए इनको हमने 54 पर दिया 2014 में, रुपया अब 82-83 पर है। रुपए के गिरने से लगातार महंगाई और बढ़ रही है। तो सवाल ये है कि इस सरकार में इकॉनोमी पर, इस सरकार में महंगाई पर, बेरोजगारी पर कोई चर्चा ही नहीं है। आप अगर मुद्दे की बात करिए तो ध्यान जरुर भटकाया जाएगा। आप बात उत्तर की करिएगा, तो आपसे बातें दक्षिण की करी जाने लगेंगी। इस सरकार के मंत्रियों को ये नहीं पता कि अगर देश में इम्पोर्ट घट रहा है और एक्सपोर्ट भी नहीं बढ़ रहा है, तो उसका सीधा मतलब है कि आपकी कंपनी, आपकी फैक्ट्री ठप्प पड़ी हैं, हम कुछ मैन्यूफैक्चर नहीं कर रहे हैं।



उन्होंने कहा, “बड़े-बड़े स्लोगन आत्मनिर्भरता के, फलाने अमृतकाल के दे देते हैं। क्या है अमृतकाल इस देश में, मैं जानना चाहती हूं? एक गृहणी से और जितनी महिलाएं इस यात्रा में मिलती हैं और उनकी स्टोरी मैंने देखी और आज मैंने काफी सारी महिलाओं के देखा, जितनी महिलाएं मिलती हैं, सबसे बड़ा प्रभाव महंगाई का उन महिलाओं पर पड़ता है। सबसे बड़ा प्रभाव इसलिए पड़ता है क्योंकि महिला घर में एक रोटी कम खाती है ये सोच कर कि घरवाले खाना खा लें। कौन जवाब देगा? वित्तमंत्री ये जो सदन में खड़े होकर कहती हैं कि सब लोगों ने मिलकर फैसला लिया था, ये भी एक झूठ है और इस झूठ का भी पर्दाफाश होना जरुरी है। 



एक जीएसटी कांउसिल होती है, अगर उसमें किसी को भी कोई भी डिसीजन को अपोज करना है तो या तो सैंट्रल गवर्मेंट उसका साथ दे या 19 और राज्य उसका साथ दें। 19 राज्यों में भाजपा की सरकार है, क्यों आपने आटे पर जीएसटी लगाया? आप तो हवाई चप्पल और हवाई जहाज का चश्मा लगा रहे थे, हवाई चप्पल पर जीएसटी लगा दिया। पहनने वाली नोर्मल सी कमीज पर आपने जीएसटी लगा दिया। तो चाय पत्ती से चाहे वो कॉफी पर, चाहे वो बच्चों को पिलाने वाला दूध हो, चाहे आटा हो, दाल हो, चावल हो, हर चीज पर तो जीएसटी है। तो कैसे संभलेगा ये, यही सवाल है?



कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘आप जब इनसे ये सवाल करते हैं, तो उनका सामने से कोई जवाब नहीं आता है। महंगाई से लोग त्रस्त हैं, 6.7 प्रतिशत से ज्यादा इन्फ्लेशन इस देश के लिए हानिकारक है, 10 महीने हो गए लगातार 6 प्रतिशत इन्फ्लेशन है और अंत में मैं इतना कहूंगी कि विपक्ष नहीं कह रहा है कि त्राहीमाम मचा हुआ है, आपको आइना तो आरबीआई दिखा रहा है, 4-4 बार आरबीआई ने रेट बढ़ाया है, क्यों बढ़ाया है, क्योंकि महंगाई नियंत्रण में आप ला नहीं पा रहे हैं, इसलिए आरबीआई को एक्ट करना पड़ रहा है। लेकिन आरबीआई भी ये जानता है कि आज इन्होंने कर लिया है, कल तो काम तो फाइनेंस मिनिस्ट्री और सरकार को करना पड़ेगा। इस सरकार से आप बात करिए तो उल जलूल की बातें करते हैं। 



श्रीमती श्रीनेत ने कहा, “आपका ग्रोथ रेट मूडीज ने, फीच ने, एसएलपी ने, ऐसा कोई ब्रोकरेज नहीं है, आरबीआई ने, आईएमएफ ने, वर्ल्ड बैंक ने लगातार काटा है, उसके बारे में कोई चर्चा नहीं है, मुद्दे की कोई बात नहीं है। नौकरी की बात करिए, तो फालतू की बातें करेंगे। 16 करोड़ रोजगार बनाना था, तो 75 हजार को सर्टिफिकेट बांट रहे हैं। बात करनी है आम आदमी की, बुलेट ट्रेन की बात करेंगे। बात करनी है आम आदमी की, वंदे मातरम् की बात करेंगे, बार-बार मवेशियों से टकराकर वो टूटी जा रही हैं, समझ नहीं आता है गत्ते की बनी है ट्रेन या लोह- लक्कड की बनी है।



तो सबसे बड़ी समस्या है कि इकॉनोमी खतरे में है और सरकार वो डॉक्टर है, अगर आप पेट दर्द लेकर डॉक्टर के पास जाइए और डॉक्टर आपसे कहे कि मैं मानता हूं कि आपके पेट में दर्द है, तो आपका इलाज संभव नहीं है। सरकार आज डिनायल में है, सरकार मानती ही नहीं है कि इकॉनोमी की समस्या है और उसी को हम भुगत रहे हैं, देश भुगत रहा है, बेरोजगार भुगत रहे हैं, ये उसी का नतीजा है। इस मंच से और तमाम मंचों से हमने लगातार महंगाई पर, बेरोजगारी पर हल्ला बोला है और आगे भी जरुर बोलते रहेंगे।



पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर पूछे एक प्रश्न के उत्तर में  श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम लाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं, चाहे वो हिमाचल हो, चाहे गुजरात हो। हमारी छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सरकारें पुरानी पेंशन स्कीम वापस ले आई हैं। ऐसा करना इसलिए जरुरी है, क्योंकि लोगों को इसकी जरुरत है। एक राजनैतिक दल होने के नाते हमें लोगों की जरुरत का, लोगों की सुविधाओं का, लोगों की मांग का ख्याल रखना पड़ता है। कांग्रेस पार्टी में, कांग्रेस की लीडरशिप में, कांग्रेस की नीति में रत्ती भर भी संदेह और संशय नहीं है, पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर। जिनका आपने जिक्र किया, ये उनका इंडीविजुअल व्यू हो सकता है, ये कांग्रेस का व्यू बिल्कुल भी नहीं है।



दूसरा जो आपने सवाल पूछा, मुझे लगता है कि न्याय (NYAY) अगर समय रहते इसी सरकार ने लागू कर दिया होता, तो 23 करोड़ लोग गरीबी की सीमा रेखा के नीचे नहीं गए होते। 5 करोड़ लोग एक्स्ट्रीम पावर्टी का शिकार नहीं होते, लोग भूखे नहीं मरते, 86 करोड़ लोगों को फ्री का राशन नहीं बांटना पड़ता, उनके हाथ में पैसा रहता और इकॉनमी का जो सुचक्र होता है, उपभोग, निवेश और नौकरी, वो टूटता नहीं, आज वो चक्र टूट गया है। आज लोग उपभोग कम कर रहे हैं, इससे निवेश कम हो रह है, निवेश कम हो रहा है, इसलिए नौकरियाँ कम बन रही हैं।



श्रीमती श्रीनेत ने कहा, “राहुल गांधी जी ने लगातार न्याय की बात की थी। आपने जो प्लान की बात की, चाहे वो न्याय हो और चाहे वो एमएसएमईज़, जो छोटे, लघु, सूक्ष्म, मध्यम उद्योग होते हैं, उनको बढ़ाने की बात हो, वो रीढ़ की हड्डी हैं, वो असल में नौकरियाँ बनाती हैं। इस सरकार ने कॉन्सन्ट्रेशन ऑफ कैपिटल, जो हम दो और हमारे दो की बात करते हैं, वो कुछ ही पूंजीपतियों के हाथ में कर दी है। वो पूंजीपति नौकरी नहीं बना रहे हैं, लेकिन उनके पास सारी सुविधाएं हैं, उनके पास सारी कैपिटल है, उनको सरकारी संरक्षण है, उनको सारे लोन्स मिलते हैं, जो असल में मिलने चाहिए, जो सुविधाएं होनी चाहिए, सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग के लिए। आप उन पर ध्यान दीजिए, अगले दिन इकॉनमी सरपट दौड़ने लगेगी।





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