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चीन के साथ मोदी जी का प्रेम देश को महँगा साबित हो रहा है: चीन के 'नए मैप' पर कांग्रेस ने पूछा- चीन के दुस्साहस पर चुप क्यों हैं पीएम?

  • by: news desk
  • 29 August, 2023
चीन के साथ मोदी जी का प्रेम देश को महँगा साबित हो रहा है: चीन के 'नए मैप' पर कांग्रेस ने पूछा- चीन के दुस्साहस पर चुप क्यों हैं पीएम?

नई दिल्ली: चीन ने आधिकारिक तौर पर अपने "मानक मानचित्र" का 2023 संस्करण जारी किया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश राज्य और अक्साई चिन क्षेत्र को उसके क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाया गया है, जिस पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा,'' चीन के दुस्साहस पर PM मोदी चुप क्यों हैं? | चीन के 'चीन के मानक मानचित्र के 2023 संस्करण' पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मंगलवार को कहा,''अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। 


चीन द्वारा एक नया 'आधिकारिक मानचित्र' जारी कर पूरे अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर क्षेत्रीय दावा करने पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा,''दक्षिण अफ्रीका में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई। चीन का कहना है कि ये बैठक PM मोदी के आग्रह पर हुई थी। हमारी सरकार के सूत्रों ने मीडिया को बताया कि उन्होंने (PM मोदी) LAC और घुसपैठ पर सख्ती से बात की। सवाल ये है कि क्या पीएम मोदी की बातों का कोई असर नहीं होता? 4 दिन के अंदर चीन ने नक्शा जारी किया जो हमारी भौगोलिक अखंडता पर सवाल उठाता है... सरकार को सख्त रवैया दिखाना होगा...|



कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा,''ब्रिक्स समिट में PM मोदी शी जिनपिंग के सामने हाथ बांधकर खड़े रहते हैं। ब्रिक्स खत्म होते ही चीन नया नक्शा जारी कर देता है।  खेड़ा ने कहा,''हम जानना चाहते हैं कि अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति कब बहाल होगी? G20 से पहले चीन ऐसा कर रहा है, अब पूरा विश्व और देश इंतजार कर रहा है कि मोदी जी क्या जवाब देंगे और विदेश मंत्री से कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि वे पहले ही चीन के सामने नतमस्तक हुए बैठे हैं। 



कांग्रेस नेता ने कहा,'प्रधानमंत्री ने चीन को जो क्लीन चिट दी थी, उसके बाद पिछले हफ्ते हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति के प्रति उनकी बॉडी लैंग्वेज देखकर बुरा लगा। 140 करोड़ लोगों के प्रधानमंत्री उनके सामने हाथ बांधे खड़े हों, इससे हम दुनिया को अच्छा संदेश नहीं दे रहे हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन खत्म होते ही चीन ने नक्शा जारी किया, अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताया। ''



पवन खेड़ा ने कहा,''अगर नेहरू जी ने चीनी दावा रेखा मान लिया होता तो 1962 का युद्ध नहीं हुआ होता। युद्ध हुआ और भले ही हम युद्ध हारे लेकिन हमने चीनी दावा रेखा को स्वीकार नहीं किया। आज हम बिना युद्ध लड़े चीनी दावा रेखा को स्वीकार कर रहे हैं... आप उस सरकार से उम्मीद नहीं रख सकते जिस सरकार के मंत्री एस जयशंकर ने एक पॉडकास्ट साक्षात्कार में कहा कि हम चीन से कैसे लड़ सकते हैं वो तो एक बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि भारत एक छोटी अर्थव्यवस्था है...|



कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा,''कुछ दिन पहले PM मोदी और चीन के राष्ट्रपति मिले थे, बताया गया कि PM मोदी ने LAC को लेकर सख्त बात की। मुलाक़ात के 4 दिन के बाद ही चीन ने धृष्टता की है - एक नक्शा जारी कर अरुणाचल, अक्‍साई चिन को अपना इलाका बताया है।



यह भी पढ़ें: चीन ने जारी किया नया मैप, अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को बताया अपना हिस्सा


सुप्रिया श्रीनेत ने कहा,''साउथ अफ़्रीका में PM मोदी और चीन के राष्ट्रपति मिले थे. चीन ने कहा कि यह मीटिंग मोदी जी के आग्रह पर हुई.  मोदी सरकार के सूत्रों ने मीडिया को बताया  कि PM मोदी ने LAC और घुसपैठ को लेकर सख्त बात की. पर मीटिंग के महज़ 4 दिन के बाद ही चीन ने धृष्टता की है - एक नक्शा जारी करके अरुणाचल, अक्‍साई चिन को अपना इलाका बताया है. 



सुप्रिया श्रीनेत ने कहा,''ये कैसी सख़्ती है इस देश के प्रधानमंत्री की कि चीन अपनी वाहियात हरकतों से बाज नहीं आ रहा? हिम्मत कैसे हो रही है चीन की हमारी भूभागीय अखंडता के साथ खिलवाड़ करने की?  चीन के साथ मोदी जी का प्रेम देश को महँगा साबित हो रहा है - साबरमती के तट पर झूले की पींगें, महाबल्लीपुरम में शहनाई, चीन के साथ 20 से ऊपर मुलाक़ातें - और उसके बावजूद चीन यह हिमाक़त कर रहा है?






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