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उत्तरी लद्दाख़ में चीन की घुसपैठ, डेपसांग में बनाए 200 शेल्टर: कांग्रेस का पीएम पर बड़ा हमला- मोदी के मौन से चीन का दुस्साहस बढ़ा, अब ये चुप्पी देश बर्दाश्त नहीं कर सकता..

  • by: news desk
  • 03 December, 2022
उत्तरी लद्दाख़ में चीन की घुसपैठ, डेपसांग में बनाए 200 शेल्टर: कांग्रेस का पीएम पर बड़ा हमला- मोदी के मौन से चीन का दुस्साहस बढ़ा, अब ये चुप्पी देश बर्दाश्त नहीं कर सकता..

●चीन उत्तरी लद्दाख़ में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में

●चीन ने बनाए डेपसांग में 200 स्थायी शेल्टर

●स्थायी शेल्टर LAC की सीमा में 15-18 किलोमीटर अंदर

●सैटेलाइट तस्वीरों में पुल, रेडोम ( Radom), माइक्रोवेव टावर इत्यादि भी दिखे

● डेपसांग का यह इलाक़ा महत्वपूर्ण - सियाचिन के लिए आपूर्ति यहीं से होती है, टैंक यहीं से जाते हैं

● मोदी सरकार मूक दर्शक क्यों बनी हुई है

● प्रधानमंत्री मोदी शी जिनपिंग से मिले - लाल आँख नहीं दिखायी, लाल शर्ट पहन ली


नई दिल्ली:  चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी घुसपैठ को स्थायी बनाने के लिए फिर से हरकत में है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने हाल के समय में अक्साई चिन और सियाचिन ग्लेशियर के बीच के सामरिक इलाके में 200 से अधिक नए शेल्टर बनाए हैं।  ये सभी शेल्टर 15-18 किलोमीटर अंदर बनें हैं। भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी पर बड़ा हमला हैं| कांग्रेस ने कहा है कि चीन की सेना भारत की सीमा में घुसकर कर स्थाई शेल्टर बना कर देश की अखंडता को चुनौती दे रही है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर मौन हैं और उनकी यह चुप्पी चिंताजनक है।


कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आज एआईसीसी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ,'15 नवंबर 2022 को आज से ठीक 18 दिन पहले मोदी जी इंडोनेशिया की राजधानी बाली में मुस्कुराते हुए लाल आँख, माफ़ कीजिएगा, लाल शर्ट पहने हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हाथ मिला कर, मुस्कुराते बड़ी आत्मीयता से गलबहियां कर रहे थे। ठीक 18 दिन बाद खबरों के मुताबिक उत्तरी लद्दाख के डेपसांग इलाके में जहाँ पर अभी भी चीन की घुसपैठ बरकरार है, अब वहां पर चीन ने हमारी जमीन पर 200 शेल्टर बना लिए हैं।



स्थायी शेल्टर हमारी ज़मीन में LAC के 15-18 किलोमीटर अंदर

उन्होंने कहा कि,''ये शेल्टर LAC के 15 से 18 किलोमीटर अंदर बनाए गए हैं, तो इसका एक मतलब तो साफ है कि चीन डेपसांग में पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। असल में तो चीन अपनी घुसपैठ और अतिक्रमण को इस इलाके में स्थायी बनाने की फिराक में है। यह हमारी सरजमीं, हमारी भूभागीय अखंडता के लिए बहुत बड़ा खतरा है। ये शेल्टर सैनिकों को सर्दी से बचाने के लिए बनाए जाते हैं और ऐसे ही शेल्टर सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना लगाती रही है, इससे सैनिक हाड़ कंपाती ठण्ड में आराम से एक जगह पर बने रह सकते हैं क्योंकि इन शेल्टर का तापमान नियंत्रित किया जा सकता है।


मोदी सरकार मूक दर्शक क्यों?

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,'' तमाम विचलित करने वाली ख़बरों के बावजूद यह और चिंता की बात है कि इस पूरे मुद्दे पर भारत सरकार, मोदी जी या विदेश मंत्रालय से एक भी वक्तव्य नहीं आया है।



पेट्रोलिंग पोईंट 10, 11, 12, 13, 14 तक हमारी गश्त नहीं

याद रखियेगा, चरण चुम्बक कुछ भी कह कर ध्यान बांटने की कोशिश करें पर डेपसांग और डेमचोक में अभी भी घुसपैठ करके चीन बैठा हुआ है। चीनी सैनिकों की मौजूदगी के कारण हमने अपने ऐतिहासिक पैट्रोलिंग पॉइंट तक गश्त करने का अधिकार भी छोड़ दिया है। आज पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 12, 13 और 14 पर भारतीय सेना गश्त नहीं कर पा रही है। इन सब पेट्रोलिंग पॉइंट के अंदर बफर जोन बनाने का काम हुआ है।



स्थायी शेल्टर वाला डेपसांग का इलाक़ा बहुत स्ट्रटीजिक

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''भारतीय सेना के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण इलाका है, यहीं से हमारी सियाचिन को आपूर्ति होती है, इसी रास्ते से हमारे टैंक जाते हैं, वहीं पास में दौलत बेग ओल्डी (DBO) में हमारी हवाई पट्टी भी है। यहीं पर आगे ही चीन बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के तहत बड़ा राजमार्ग भी बना रहा है। डेपसांग वो इलाका है जिसके बाद कराकोरम रेंज शुरू हो जाती है, हमारी सरहदों की सुरक्षा की नज़र से ये बहुत सामरिक और अहम जगह हैं


सैटेलाइट तस्वीरों में और स्थायी ढाँचे, पुल, रेडोम सामने आए

उन्होंने कहा ,‘‘कुछ सैटलाइट तस्वीरों में स्थिति और भी गम्भीर उभर कर सामने आ रही है (यह हम आपके साथ साझा कर रहे हैं) पैंगोंग सो झील के बगल में चीनी निर्माण, जिसमें PLA के डिवीजनल मुख्यालय और गैरीसन, आर्टिलरी और एंटी एयरक्राफ्ट गन के लिए हथियार भण्डागार, 2 साल में बनाए गए बख्तरबंद वाहक शामिल हैं।


उन्होंने कहा कि,'इतना ही नहीं, मोदी सरकार एक नए रेडोम (एक गुंबद की रचना) और दो माइक्रोवेव टावरों, पैंगोंग सो झील के पास अतिरिक्त बड़े पैमाने पर चल रहे, चीनी निर्माण से अनजान है।


सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''28 अगस्त, 2022 की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि नए रेडोम साइट से 10 किलोमीटर की दूरी पर एक पुल का निर्माण लगभग पूरा हो गया है - इस पुल के दोनों तरफ डेक है जिससे चीनी सैनिकों की त्वरित आवाजाही सम्भव हो जाएगी।


मोदी के मौन से चीन का दुस्साहस बढ़ा

उन्होंने कहा ,‘‘चीन का बेधडक विस्तारवाद और निर्लज्ज घुसपैठ अब ज़मीन और समुद्र दोनों जगह बेरोक-टोक और बिना किसी चुनौती के जारी है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। चीन को लेकर आँखों पर पट्टी और मुँह में दही नहीं जमाई जा सकती - इसी रवैया के चलते आज चीन और दुस्साहस कर रहा है। प्रधानमंत्री के मौन और उनकी ना कोई घुसा हुआ है की क्लीन चिट के बाद से ही चीन का हौसला बुलंद हुआ है।



हमारे सवाल हैं:

-स्थायी शेल्टर और स्ट्रक्चर की इन खबरों को आख़िर मोदी सरकार क्यों अनदेखा कर रही है?

-प्रधानमंत्री और सरकार चीन की इन हरकतों से अनजान हैं या जानबूझ कर चुप हैं?

-हमारी ज़मीन में बने इन शेल्टरों और स्थायी ढाँचो को हटाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

-डेपसांग और डेमचौक से चीन को खदेड़ने के लिए सरकार सजग क्यों नहीं?

-मैं इन फ़र्ज़ी राष्ट्रवादियों से पूछना चाहती हूँ कि क्या हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना देशभक्ति है? क्या चीन पर चुप रहना देशभक्ति है?

-आख़िर अप्रैल 2020 के पहले की यथावत स्थिति बनाने के लिए सरकार क्या कर रही है?


उन्होंने कहा ,‘‘आप झूले झूलते रहेंगे, चीनी राष्ट्रपति के साथ; साबरमती के तटों पर आपने खूब पींगे झूलीं, महाबलिपुरम में आपने खूब शहनाई सुनी वेस्टी पहनकर, गलबईंया करके; अभी बाली में भी आपने सारी मान्यताओं को, हमारे 20 सैनिकों की शाहदत को भुलाकर खूब गलबईंया करीं, लाल आँख की जगह लाल शर्ट पहनकर खड़े हो गए स्वागत में शी जिनपिंग के, लेकिन सवाल यही है कि देश की भूभागीय अखंडता के साथ जब चीन ये दुस्साहस कर रहा है, तो आप चुप क्यों हैं?


कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''हम वो कायर नहीं हैं, जो चीन का नाम सुनकर चुप हो जाएंगे। हम सवाल पूछेंगे, चीन को पीछे धकेलेंगे और आपसे जवाबदेही तय कराएंगे। उन्होंने कहा ,‘‘प्रधानमंत्री की चुप्पी अब ये देश बर्दाश्त नहीं कर सकता है चीन जैसे मसले पर । जब प्रधानमंत्री गलबंइया कर रहे हैं शी जिनपिंग के साथ, तो ये भी बताएं कि क्या बातें करते हैं? क्यों नहीं उनसे कहते हैं कि आप हमारी टेरिटोरियल इंटिग्रेटी में दखलअंदाजी कर रहे हैं।


सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,'परमानेंट शेल्टर चीन बना रहा है, प्रधानमंत्री उनको सर्टिफिकेट दे रहे हैं, उसमें कोई घुसा नहीं हुआ है। बिल्कुल इस मुद्दे को, इस मामले को हर उस फॉर्म पर उठाया जाएगा, जहाँ पर हमें एक्सेस है।



चीन के मुद्दे पर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि कोर कमांडर की मीटिंग में ये मामला उठाया जाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि अभी तक जितनी भी कोर कमांडर की मीटिंग हुई हैं, उसमें त्वरित और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। हमें अपनी सेना के शौर्य और पराक्रम पर ही तो पूरा विश्वास है। हम सवाल तो इस सरकार की चुप्पी से उठा रहे हैं, क्योंकि इनकी चुप्पी सेना के मनोबल को कमजोर करती है। जब हमारे सैन्य अधिकारी और 20-20 सैन्य अधिकारी जब अपना सर्वोच्च बलिदान देते हैं और प्रधानमंत्री जाकर शी जिनपिंग से गलबंइया करते हैं और एक शब्द नहीं बोलते हैं, तो इनके मनोबल के साथ क्या खिलवाड़ होता है, ये मुझसे बेहतर आप बता सकते हैं।



उन्होंने कहा ,‘‘जब प्रधानमंत्री 20 सैनिकों की शहादत के बाद कहते हैं कि कोई घुसा हुआ नहीं था गलवान में, तो इन सैनिकों की शहादत पर और इनके परिवारों पर क्या बीतती है, कभी किसी ने सोचा है? जब सैन्य पराक्रम और शौर्य के चलते हम स्ट्रैटेजिक जगहों पर कब्जा करते हैं और वहाँ से पीछे हटा दी|



जाती है हमारी सेना, तो उन पर क्या बीतती है, कभी किसी ने सोचा है? जिस पेट्रोलिंग प्वाइंट तक हम गश्त करते थे, वहाँ से पीछे हटाकर उसको बफर जोन बना दिया जाता है, कभी सोचा है क्या बीतती है सेना पर?



सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''आपको क्या लगता है, कि सेना पर क्या बीतती है, जब चीन पर आंख पर धूल झोंकने का काम मोदी जी करते हैं कुछ एप्प बैन करके और चीन को लगातार व्यापार बढ़ाकर देते जा रहे हैं और चीन सबसे बड़ा हमारा व्यापारी पार्टनर बन गया है। एक तरह से देखिए तो चीन का ये अतिक्रमण फंड मोदी जी कर रहे हैं।



एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देखिए मैं एक बात तो बहुत पते से ये बता दूं, प्रधानमंत्री हैं, उनकी हम सब इज्जत करते हैं, उनके पद की गरिमा की इज्जत करते हैं। प्रधानमंत्री भी तो अपने पद की गरिमा को बचा कर रखें। जब प्रधानमंत्री अपने पद की गरिमा को भूल कर ऊल-जुलूल बातें करते हैं, ऊल-जुलूल टिप्पणियां करते हैं, तो सुनने को भी तैयार रहें। हम उनकी बिल्कुल इज्जत करते हैं। लेकिन मैं आपसे पूछना चाहती हूं, ये छुई-मुई बनकर प्रधानमंत्री बनकर क्यों रहते हैं? आप छुई-मुई हैं क्या? अरे आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आपकी 10 आलोचनाएं की जाएगी, आपसे 10 सवाल पूछे जाएंगे।



देश ने आपको चुनकर इतने सर्वोच्च पद पर बैठाया, तो क्या आपकी जवाबदेही तय नहीं होगी? एक सवाल पूछ लो, तो प्रधानमंत्री की बेईज्जती कर रहे हैं। एक सवाल पूछ लो तो इसका बदला कौन दे। अरे कब तक अपने बददिमाग प्रवक्ताओं के पीछे छुपे रहिएगा और ये छुपे रहने की आदत छोड़ दीजिए। क्योंकि प्रधानमंत्री जब वैधव्य झेलती हुई हमारी प्रेसीडेंट को कांग्रेस की विधवा कहते हैं और मां को जर्सी गाय कहते हैं और एक पत्नी को 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड कहते हैं, एक चुनी हुई मुख्यमंत्री के साथ दीदी ओ दीदी करते हैं, तब उनकी गरिमा कहाँ चली जाती है? कहाँ है प्रधानमंत्री पद की गरिमा जब वो अचार के डिब्बे पर औरत की फोटो लगा दो, आचार का अचार बिकने लगेगा। कहाँ है प्रधानमंत्री पद की गरिमा कि एक चुनी हुई सांसद को, बगल में बैठी हुई सांसद को शूर्पणखा कहते हैं? कहाँ जाती है प्रधानमंत्री पद की गरिमा जब प्रधानमंत्री को रेन कोट पहन कर नहाता हुआ कहते हैं? तो आप सब बोलिए, हम सब सहते रहें और आपसे एक भी तीखा सवाल पूछ लिया जाए, तो आप छुई-मुई हैं।



सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''अरे आप देश के प्रधानमंत्री हैं, हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री हैं, थोड़ा सीना चौड़ा करिए और बातें सुनिए, आलोचना सुनिए । इस पद पर बैठा हुआ व्यक्ति आचोलना भी सुनता है और समाधान भी करता है। आप सिर्फ कभी अपने प्रवक्ता के पीछे, कभी ट्रोल आर्मी के पीछे, कभी sorry to say जो पत्रकार हैं, जो चरण चुंबक हैं, उनके पीछे छुपे रहते हैं। आप कुछ भी बोलिए, तो लीला कर रहे हैं आप। हम कुछ बोलें तो हम पाप कर रहे हैं, तो ये तो नहीं चल पाएगा। आप अपने पद कि जितनी गरिमा दिखाईएगा, उतनी ही गरिमा से आपसे बात की जाएगी। आप अपने पद की गरिमा प्रधानमंत्री रहते हुए खोईएगा तो आपका भी पद उस तरह की प्रतिष्ठा से विहीन होगा|



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