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Budget 2021: सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक बीमा कंपनी का भी किया जाएगा निजीकरण, प्रमुख बंदरगाहों पर संचालनात्‍मक सेवाओं के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रारूप

  • by: news desk
  • 01 February, 2021
Budget 2021: सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक बीमा कंपनी का भी किया जाएगा निजीकरण, प्रमुख बंदरगाहों पर संचालनात्‍मक सेवाओं के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रारूप

 नई दिल्ली:  केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कहा कि वित्‍त वर्ष में प्रमुख बंदरगाहों द्वारा 2,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 7 परियोजनाएं सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रारूप में शुरू की जाएंगी। सीतारमण ने कहा कि प्रमुख बंदरगाह अपनी ओर से संचालनात्‍मक सेवाओं के प्रबंधन के स्‍थान पर एक ऐसे प्रारूप को अपनाएंगे, जहां निजी भागीदार उनके लिए प्रबंध करेंगे।



अपने बजट भाषण में सीतारमण ने भारत में व्‍यापारिक जहाजों के फ्लैगिंग को बढ़ावा देने के लिए अगले 5 वर्षों में भारतीय शिपिंग कंपनियों को मंत्रालयों और केन्‍द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा वैश्विक निविदाओं में 1,624 करोड़ रुपये की एक सब्सिडी सहायता योजना शुरू करने का भी प्रस्‍ताव किया। उन्‍होंने कहा कि इस पहल से भारतीय नाविकों के लिए ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर तैयार होने के साथ-साथ वैश्विक शिपिंग में भारतीय कंपनियों की हिस्‍सेदारी भी बढ़ेगी।



सीतारमण ने 2024 तक लगभग 4.5 मिलियन लाइट डिसप्‍लेसमेंट टन (एलडीटी) की रिसाइक्लिंग क्षमता को दोगुना करने का भी प्रस्‍ताव किया। उन्‍होंने कहा कि यूरोप और जापान से भारत तक और भी अधिक जहाजों को लाने के प्रयास किये जाएंगे, क्‍योंकि गुजरात के अलांग में लगभग 90 शिप रिसाइक्लिंग यार्डों ने एचकेसी (हांगकांग अंतर्राष्‍ट्रीय संधि) अनुपालन प्रमाण-पत्र तक पहुंच कायम कर ली है। इससे देश के युवाओं के लिए 1.5 लाख अतिरिक्‍त रोज़गार तैयार होने की उम्‍मीद है। 





केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कहा कि सरकार विनिवेश से प्राप्त धन का उपयोग केन्द्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में निजी पूंजी, प्रौद्योगिकी और श्रेष्ठ प्रबंधन प्रक्रिया लागू करने के लिए और विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और विकास कार्यक्रमों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए करना चाहती है। उन्होंने घोषणा की कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के रणनीतिक विनिवेश की नीति को मंजूरी दे दी है और इससे गैर-रणनीतिक एवं रणनीतिक क्षेत्रों की कंपनियों के विनिवेश का स्पष्ट रोडमैप तैयार हुआ है।




रणनीतिक विनिवेश की नीति

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के रणनीतिक विनिवेश की नीति लाने की सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए वित्त मंत्री ने निम्नलिखित मुख्य बिन्दुओं को रेखांकित किया

मौजूदा सीपीएससी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों को इसके अंतर्गत कवर किया जाएगा।
विनिवेश किए जाने वाले क्षेत्रों का वर्गीकरण



रणनीतिक क्षेत्र :  सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की न्यूनतम उपस्थिति और शेष का निजीकरण अथवा  विलय अथवा अन्य सीपीएसई के साथ सब्सिडी के तौर पर विलय अथवा बंद किया जाना।


इसके अंतर्गत निम्न चार क्षेत्र आएंगे :

परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष एवं रक्षा
परिवहन एवं दूरसंचार

विद्युत, पेट्रोलियम, कोयला तथा अन्य खनिज

बैंकिंग, बीमा एवं वित्तीय सेवाएं



गैर-रणनीतिक क्षेत्र :  इस क्षेत्र में सीपीएसई का निजीकरण किया जाएगा अथवा उन्हें बंद किया जाएगा।
वित्त वर्ष 2021-22 में रणनीतिक विनिवेश




वित्त वर्ष 2021-22 में बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनेर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल, पवन हंस और नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड समेत सार्वजनिक क्षेत्र के कई उद्यमों के विनिवेश को पूर्ण करने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने सदन को यह जानकारी देते हुए बताया कि आईडीबीआई बैंक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों और साधारण बीमा निगम के निजीकरण को भी वर्ष 2021-22 में पूरा करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही जीवन बीमा निगम का आईपीओ भी आवश्यक संशोधन के जरिए इसी सत्र में लाया जाएगा।




इस नीति को तीव्र गति से लागू करने के लिए ‘नीति’ को उन केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की अगली सूची तैयार करने का काम दिया गया है, जिनका रणनीतिक विनिवेश किया जाना है।वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि वर्ष 2020-21 में विनिवेश से 1,75,000 करोड़ रुपये की प्राप्ति होने का अनुमान है।


राज्यों को विनिवेश के लिए लाभ प्रदान करना

वित्त मंत्री ने राज्यों को अपनी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए लाभ देने की भी घोषणा की। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय कोष से उन्हें दिए जाने वाले प्रोत्साहन पैकेज को बाद में अंतिम रूप दिया जाएगा।



बेकार भूमि से लाभ हासिल करने के लिए विशेष उद्देश्य कंपनी स्थापित करना

इस बात का उल्लेख करते हुए कि बेकार पड़ी भूमि का आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को प्राप्त करने में कोई योगदान नहीं है, और सरकार के विभिन्न मंत्रालय/विभागों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के पास काफी मात्रा में ऐसी भूमि के रूप में परिसम्पत्तियां हैं, मंत्री ने एक विशेष कम्पनी स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, जो इस भूमि का मौद्रीकरण करेगी। यह कार्य या तो इस भूमि की प्रत्यक्ष बिक्री से अथवा रियायत से अथवा ऐसे ही किसी तरीके से किया जाएगा।  सीतारमण ने बीमार अथवा घाटे में चल रहे सीपीएसई को समय पर बंद करना सुनिश्चित करने के लिए एक संशोधित तंत्र लाने का भी प्रस्ताव किया।








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