नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि,'' बीजेपी इतिहास को तोड़कर पेश कर रहे हैं। बीजेपी जल्द ही सावरकर को राष्टपिता घोषित करेगी| दरअसल,''. राजनाथ सिंह ने कहा था कि ,''महात्मा गांधी ने सावरकर से ब्रिटिश सरकार के समक्ष दया याचिका दायर करने के लिए कहा था|' राजनाथ सिंह ने आगे कहा था कि,''वीर सावरकर जी महान स्वतंत्रता सेनानी थे इसमें कहीं दोमत नहीं हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि,''''ये लोग इतिहास को तोड़कर पेश कर रहे हैं। एक दिन ये लोग महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के दर्ज़े से हटाकर सावरकर को ये दर्ज़ा दे देंगे। न्यायाधीश जीवन लाल कपूर की जांच में सावरकर को गांधी की हत्या में शामिल पाया गया था|
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि,''राजनाथ सिंह आपने कहा कि सावरकर की दया याचिका गांधी की सलाह पर थी। ओवैसी ने कहा कि,''''सावरकर ने पहली याचिका 1911 में में डाली थी, जेल जाने के ठीक 6 महीने बाद। गांधी तब दक्षिण अफ्रीका में थे। सावरकर ने फिर 1913-14 में याचिका दाखिल की थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से ओवैसी ने पूछा,''क्या यह झूठ है कि इस "वीर" ने तिरंगे को ठुकरा दिया और भगव को अपना झंडा बनाना चाहा? (जुलाई 1947)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से ओवैसी ने कहा,''कल अपने भाषण में आपने उल्लेख किया था कि सावरकर ने हिंदू को किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया था जिसके लिए भारत जन्मभूमि या मातृभूमि था। हालाँकि, सावरकर, सीमित बौद्धिक कौशल वाले व्यक्ति के रूप में वास्तव में हिंदू को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया था जिसके लिए भारत पितृभूमि और पवित्र भूमि थी। उनके विचार में, भारत मुसलमानों और ईसाइयों के लिए पवित्र भूमि नहीं थी और इसलिए वे भारत के प्रति पूरी तरह से वफादार नहीं हो सकते थे। रक्षा मंत्री के रूप में इस पर आपका क्या विचार है? क्या आप इस सिद्धांत की सदस्यता लेते हैं?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से ओवैसी ने कहा,''IMHO, जिसने भी आपके लिए यह भाषण लिखा है उसे निकाल दिया जाना चाहिए। ऐसे सलाहकारों का होना अच्छा नहीं है जिनका सत्य से सावरकरी का संबंध है
'वीर सावरकर' पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि,''वीर सावरकर जी महान स्वतंत्रता सेनानी थे इसमें कहीं दोमत नहीं हैं। किसी भी विचारधारा के चश्मे से देखकर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को अनदेखा करना, अपमानित करना ऐसा काम है जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकता|
राजनाथ सिंह ने कहा था कि,''सावरकर के बारे में झूठ फैलाया गया। बार-बार, यह कहा गया कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार के समक्ष दया याचिका दायर कर जेल से रिहा करने की मांग की थी... महात्मा गांधी ने उनसे दया याचिका दायर करने के लिए कहा था|