वाशिम: महाराष्ट्र के वाशिम में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा,''भारत जोड़ो यात्रा' कन्याकुमारी से कश्मीर की यात्रा है। आज 69 दिन हो गए, हम पैदल चल रहे हैं। 25 किलोमीटर हर रोज चलते हैं। दिनभर आपसे बातचीत होती है। किसानों से, मजदूरों से, छोटे दुकानदारों से, सबसे बातचीत होती है। 6-7 घंटे हम चलते हैं, 6-7 घंटे हम आपकी बात सुनते हैं और अंत में शाम को 15 मिनट, जैसे आज मैं कर रहा हूँ, हम अपनी बात रखते हैं। यात्रा का लक्ष्य, जो बीजेपी के लोगों ने, आरएसएस के लोगों ने हिंदुस्तान में जो नफ़रत, हिंसा और डर फैला रखा है, उसके खिलाफ आवाज उठाना, उसके खिलाफ खड़ा होना है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि,'भाईयों और बहनों, इन सड़कों पर मुझसे हजारों युवा मिले हैं और उन सबसे मैं पूछता हूँ- क्या पढ़ रहे हो? जवाब मिलता है, कोई कहता है यूनिवर्सिटी में हूँ, कोई कहता है स्कूल में हूँ, कोई कहता है कॉलेज में हूँ। उसके बाद मैं पूछता हूँ- क्या करना चाहते हो? 5-6 जवाब मिलते हैं। इंजीनियरिंग करना चाहता हूँ, डॉक्टर बनना चाहता हूँ। कहाँ है वो बच्चा, इसको लाओ। (एक बच्चे को स्टेज पर बुलाने के लिए कहा) ये देखो, नमस्ते करो (बच्चे से कहा) (बच्चे ने कहा- नमस्ते) क्या बनना चाहते हो? (बच्चे ने कहा- आर्मी में जाना चाहता हूँ)। तो ये आर्मी में देश की रक्षा करना चाहते हैं। तो हर युवा कोई न कोई सपना देखता है और उस सपने को पूरा करने के लिए उसे रोजगार की जरुरत होती है।
राहुल गांधी ने कहा कि,'अब आर्मी की बात की, बाद में मैं आपको अग्निपथ के बारे में बताऊँगा, मगर हर युवा रोजगार चाहता है, इस हिंदुस्तान में। इस महाराष्ट्र में हमारे युवाओं को आज रोजगार नहीं मिल सकता। भाईयों और बहनों, ये मैंने सही बोला या गलत बोला, (जनता ने कहा- सही बोला)। सुनाई नहीं दिया, सही बोला या गलत बोला (जनता ने फिर कहा- सही बोला)। देखिए, युवा इंजीनियरिंग करता है, माता-पिता पूरा का पूरा पैसा लगा देते हैं, सरकारी कॉलेजेज, यूनिवर्सिटी तो बचे नहीं, प्राईवेट कॉलेज में, प्राईवेट यूनिवर्सिटी में पैसा डालते हैं, सर्टिफिकेट मिलता है और उस सर्टिफिकेट का कोई मतलब नहीं हैं हिंदुस्तान में, क्योंकि उस सर्टिफिकेट के साथ रोजगार नहीं मिलता। जो भी इंजीनियर बनना चाहता है, पढ़ने के बाद या वो मजदूरी करता है, या फिर ऊबर गाड़ी चलाता है, या डिलीवरी का काम करता है। ये हिंदुस्तान की सच्चाई है।
उन्होंने कहा,''ये क्यों हो रहा है, क्योंकि नरेन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी करके, गलत जीएसटी लागू करके, जो हमारी रीढ़ की हड्डी, रोजगार देने वाली रीढ़ की हड्डी थी, उसको तोड़ दिया है, उस रीढ़ की हड्डी को तोड़ दिया है। रोजगार कौन देता है, भाईयों और बहनों, रोजगार देश के किसान देते हैं। स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्रीज जो चलाते हैं, वो देते हैं। छोटे व्यापारी देते हैं, दुकानदार देते हैं। उनके लिए नरेन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी और गलत जीएसटी दी।
भाईयों और बहनों, ये पॉलिसियाँ नहीं हैं, गलतफहमी में मत रहिए। ये पॉलिसियाँ नहीं हैं, ये छोटे दुकानदारों को, किसानों को, छोटे व्यापारियों को मारने के दो हथियार हैं। इनको खत्म करने के दो हथियार हैं। नरेन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी करते हुए कहा था- कालाधन मिट जाएगा। अब देखो, मिट गया? हो गया गायब? नहीं, कालाधन दो गायब नहीं हुआ, मगर करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए, लाखों छोटे बिजनेस बंद हो गए। नरेन्द्र मोदी जी ने ये काम क्यों किया? क्योंकि वो पूरा का पूरा फायदा अपने 2-3 मित्रों को दिलवाना चाहते हैं, नाम आप जानते हो। एयरपोर्ट, पोर्ट, सड़क, टेलिकॉम्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, सारे के सारे बिजनेस इन्हीं 2-3 लोगों के हवाले कर दिए हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि,'आपके स्कूल और कॉलेजेज को प्राईवेटाइज करके इनके हवाले कर दिया, अस्पतालों को प्राईवेटाइज करके इनके हवाले कर दिया। पहले पब्लिक सेक्टर हुआ करता था। बीएचईएल कंपनी है, ये आपकी पूंजी है। हिंदुस्तान की रेलवेज हैं, ये आपकी पूंजी है, ये आपका
धन है। ये सब नरेन्द्र मोदी जी इन 2-3 लोगों के हवाले कर रहे हैं। तो ये भी रास्ता जो आपका था, रोजगार का, ये भी बंद हो गया। फायदा सिर्फ 2-3 लोगों को। ये हिंदुस्तान की सच्चाई है। किसानों की बात करो, उनका कर्जा कभी माफ नहीं हो सकता। अरबपतियों का कर्जा माफ हो जाएगा, मगर किसानों का कर्जा माफ नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा,''भाईयों और बहनों, मुझे एक बात समझा दो, मुझे एक बात समझ नहीं आई। अरबपति बैंक से पैसा लेता है, वापस नहीं दे पाता, तो लोग कहते हैं- नॉन परफॉर्मिंग एसेट है। लोग कहते हैं, सरकार के लोग, ब्यूरोक्रेसी के लोग कहते हैं- नॉन परफॉर्मिंग एसेट है, अच्छा वो कर्जा लेते हैं, लाखों करोड़ का। लाखों करोड़ का कर्जा वापस नहीं देते, माफ हो जाता है, उनके बारे में कहते हैं, भईया, ये तो नॉन परफॉर्मिंग एसेट है, मगर किसान 50 हजार रुपए का लोन लेता है, लाख रुपए का लोन लेता है, उसको नॉन परफॉर्मिंग एसेट नहीं कहते, उसको कहते हैं, ये डिफॉल्टर है। उसका घर ले जाते हैं, उसकी जमीन ले जाते हैं, तो आप मुझे समझाइए, ये क्यों हो रहा है, ये अन्याय हमारे किसानों के साथ क्यों हो रहा
यहाँ पर किसान हैं, हैं न। मुझे बताओ, आपको, जो भी आप उगाते हो, उसका आपको सही रेट मिलता है? (किसानों ने कहा- नहीं) सुनाई नहीं दिया, सही रेट मिलता है? (किसानों ने फिर कहा- नहीं) एमएसपी मिलती है? (किसानो में एक बार फिर कहा- नहीं)। आपका नरेन्द्र मोदी जी ने कभी कर्जा माफ किया? (किसानों ने कहा- नहीं)। यूपीए सरकार ने कर्जा माफ किया था? (किसानों ने कहा- हाँ)। ये देखिए। आप सब जानते हो, तो यात्रा का लक्ष्य ये है। ये जो हिंसा फैला रहे हैं, डर फैला रहे हैं, इसके खिलाफ खड़ा होना और ये जो बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, बढ़ती जा रही है, इसके खिलाफ खड़ा होना, इसके खिलाफ लड़ाई लड़ना।
राहुल गांधी ने कहा कि,'भाईयों और बहनों, यूपीए के समय गैस सिलेंडर का रेट क्या होता था? (जनता ने कहा-400 रुपए)। 400, उस टाइम हर भाषण में नरेन्द्र मोदी जी कहते थे- शर्म आनी चाहिए, 400 रुपए का गैस सिलेंडर हो गया। अच्छा, भाईयों और बहनों, अब क्या रेट है? (जनता ने कहा- 1,100 रुपए)। अब अपने भाषण में नरेन्द्र मोदी शर्म की बात क्यों नहीं करते? अच्छा, पेट्रोल का दाम क्या था, यूपीए के समय-60 रुपए, उस टाइम नरेन्द्र मोदी कहते थे, शर्म आनी चाहिए, 60 रुपए हो गया दाम पेट्रोल का, आज क्या दाम है? (जनता ने कहा- 100 रुपए) डीजल का क्या दाम है? (जनता ने कहा- 90 रुपए) नरेन्द्र मोदी जी एक शब्द नहीं कहते।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि,''नरेन्द्र मोदी पहले कहते थे, दो करोड़ युवाओं को मैं हर साल रोजगार दूंगा, पता लगा करोड़ो लोगों को बेरोजगार कर दिया। नोटबंदी और जीएसटी लागू करके। एक भाषण में रोजगार की बात नहीं करते। आप सुनो उनके भाषण, रोजगार शब्द नहीं सुनाई देगा। बेरोजगारी शब्द नहीं सुनाई देगा। महंगाई शब्द नहीं सुनाई देगा और आप बीच में पिस रहे हो। बेरोजगारी और महंगाई के बीच में हिंदुस्तान का गरीब, हिंदुस्तान का किसान, हिंदुस्तान का मजदूर, छोटा दुकानदार पिसे जा रहे हैं। ये सच्चाई है, इसलिए हमने ये यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक शुरु की है और मैं आपको बता रहा हूँ, देखो, एक बात समझ लो, ये जो तिरंगा है न, ये श्रीनगर में जाकर हम इसको लहराएंगे। कोई नहीं रोक पाएगा। कोई तूफान, कोई आँधी कुछ नहीं रोक पाएगा, ये झंडा, ये तिरंगा वहाँ पर जाकर लहराएगा, ये दिखाओ सामने लाकर।
राहुल गांधी ने कहा कि,'अब देखिए, अब आपने कहा- भारत माता की जय, भारत माता की जय बोलो (जनता ने दोहरायाभारत माता की जय) अच्छा, भईया, झंडे को आगे लाइए। ये देखिए, ये देश का झंडा है, इसको आप पहचानते हो, पहचानते हो न? अब मुझे एक बात बताओ, अब आप सुनो। अगर देश को बांटा जाता है, देश में हिंसा फैलाई जाती है, देश में नफरत फैलाई जाती है, तो ये जो झंडा है, ये जो झंडे की सोच है, ये मजबूत होती है या कमजोर होती है? (जनता ने कहा- कमजोर), कमजोर। देश को बांटने से देश को फायदा नहीं होता है। देश को नुकसान होता है, 2-3 उद्योगपतियों को फायदा होता है।
उन्होंने कहा,''देश को जोड़ने से, देश में अहिंसा फैलाने से, देश में भाईचारा फैलाने से इस झंडे को फायदा होता है। तो ये लोग कहते हैं, हम देशभक्त हैं। ये कौन से देश के देशभक्त हैं, जो हिंदुस्तान को बांटे जा रहे हैं? आप किसी भी परिवार को बांटो, भाई को भाई से लड़ा दो, परिवार का फायदा होता है या नुकसान? (जनता ने कहा नुकसान)। पिता को बेटे से लड़ा दो, फायदा होता है या नुकसान? (जनता ने फिर कहा- नुकसान)। भाई को बहन से लड़ा दो, फायदा होता है या नुकसान (जनता ने एक बार फिर कहा- नुकसान)। तो फिर देश को बांटने से फायदा कैसे होगा?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि,'तो इनकी (BJP की) पॉलिसियाँ जो हैं, आपको डराने की पॉलिसियाँ हैं। किसान को ये सही दाम नहीं देते, कर्जा माफ नहीं करते, एमएसपी नहीं दिलवाते, खाद के दाम बढ़ा देते हैं, जीएसटी लागू करते हैं, क्योंकि आपको डराना चाहते हैं। नोटबंदी करते हैं, जीएसटी लागू करते हैं, क्योंकि वो छोटे व्यापारियों को, स्मॉल-मीडियम बिजनेस वालों को डराना चाहते हैं।
उन्होंने कहा,''कोरोना के समय इन्होंने हिंदुस्तान के सब मजदूरों को बर्बाद कर दिया और पैदल चलवाया, उनके दिल में डर पैदा करवाया। ये डर इसलिए पैदा करवाते हैं कि वो आपके डर को नफरत में बदलना चाहते हैं, आपके डर को हिंसा में बदलना चाहते हैं और ये देश अहिंसा का देश है. ये देश प्यार का देश है, ये देश भाईचारे का देश है। ये देश नफरत का है ही नहीं, कभी नहीं रहा है, कभी नहीं होगा। तो ये मेरा आपके लिए मैसेज था। यात्रा में आपने हमें पूरा का पूरा प्यार दिया। पूरा का पूरा भरोसा दे दिया, पूरा का पूरा सपोर्ट दे दिया। इसके लिए मैं आपको दिल से धन्यवाद करना चाहता हूँ।