नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आज (11 जनवरी, 2023 को) 117वां दिन है। पंजाब में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आज पहला दिन है| यह यात्रा मंगलवार दोपहर को हरियाणा से पंजाब में प्रवेश कर गई थी| पंजाब की सरज़मीं पर यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी ने गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेका।
इसके बाद राहुल गांधी ने आज सुबह करीब 8:30 बजे गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब के पास सरहिंद से यात्रा की शुरुआत की| जिसके बाद मंडी गोबिंदगढ़ में इसका मॉर्निंग ब्रेक हुआ है। यहां से अब दोपहर 3 बजे यात्रा पुनः खन्ना के लिए रवाना होगी| ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरु करने से पहले सरहिंद की दाना मंडी में भारत जोड़ो यात्रा की फ्लैग एक्सचेंज सेरेमनी हुई| यहाँ हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को तिरंगा सौंपा|
इस दौरान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा , पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व CM राजिंदर कौर भट्ठल, नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, सांसद मनीष तिवारी समेत कई नेता मौजूद रहे| सरहिंद में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ,'भाजपा एक जात को दूसरी जात से, एक भाषा को दूसरी भाषा से लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं और देश का माहौल बिगाड़ दिया है। हमने सोचा देश को मोहब्बत, एकता, भाईचारे का रास्ता दिखाना चाहिए। इसलिए हमने यह यात्रा शुरू की|
‘भारत जोड़ो यात्रा’ के पंजाब चरण के दौरान फतेहगढ़ साहिब में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा,''कुछ महीने पहले हमने ये यात्रा कन्याकुमारी में शुरू की और अब तकरीबन 3,000 किलोमीटर ये यात्रा चल ली है। कश्मीर तक जाएगी, श्रीनगर में ये यात्रा खत्म होगी। देश में नफ़रत, हिंसा का माहौल फैलाया गया है। बीजेपी के लोग, आरएसएस के लोग देश को बांटने में लगे हैं, एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाने में लगे हैं, एक जाति को दूसरी जाति से, एक भाषा को दूसरी भाषा से लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने देश का माहौल बिगाड़ दिया है। तो हमने सोचा था कि देश को एक दूसरा रास्ता भी दिखाना चाहिए- मोहब्बत का, एकता का, भाईचारे का और इसलिए हमने ये यात्रा शुरू की ।
राहुल गांधी ने कहा,''जब यात्रा शुरू की थी, तमिलनाडु में शुरू की, हमारे जो प्रेस के मित्र हैं, मित्र कह देता हूँ, मगर हमारी बात तो रखते नहीं हैं कभी। प्रधानमंत्री का चेहरा दिखाते हैं, 24 घंटे। बेरोजगारी की बात नहीं रखते, महंगाई की बात नहीं उठाते, तो इन्होंने कहा कि ये यात्रा जो है, ये तमिलनाडु में, केरल में सफल हो जाएगी, मगर जब ये कर्नाटक पहुंचेगी, तो ये फेल होगी। बीजेपी की सरकार है, वहाँ पर रेस्पॉन्स नहीं मिलेगा ।
राहुल गांधी ने कहा,''कर्नाटक में गए, केरल से, तमिलनाडु से बेहतर रेस्पॉन्स । फिर उन्होंने कहा, बीजेपी के लोगों ने भी कहा, हाँ, ठीक है, कर्नाटक तो साऊथ इंडिया है, महाराष्ट्र में रेस्पॉन्स नहीं मिलेगा। महाराष्ट्र में आए, और जबरदस्त रेस्पॉन्स । फिर कहा, ठीक है, महाराष्ट्र में हो गया, हिंदी बेल्ट में तो नहीं होगा। मध्य प्रदेश में महाराष्ट्र से भी बेहतर रेस्पॉन्स । फिर कहा, ठीक है, हिंदी बेल्ट में रेस्पॉन्स हो गया, आगे नहीं होगा, हरियाणा में नहीं होगा । हरियाणा में उससे बेहतर और अभी हुड्डा जी ने कहा कि पंजाब में हरियाणा से भी बेहतर रेस्पॉन्स होने वाला है और इसका कारण है कि ये जो बीजेपी के लोग नफ़रत फैला रहे हैं, डर फैला रहे हैं, हिंसा फैला रहे हैं, ये इस देश का तरीका नहीं है। इस देश का इतिहास नहीं है, इस देश की हिस्ट्री नहीं है। ये देश भाईचारे का देश है, एकता का देश है, मान सम्मान का देश है, रिस्पेक्ट का देश है और इसीलिए यात्रा सफल हो रही है।
राहुल गांधी ने कहा,'लोगों ने कहा कि देखिए, कांग्रेस पार्टी के नेता 3,000 किलोमीटर चल रहे हैं, और जहाँ मैं जाता हूँ, मैं कहता हूं कि ये कोई बडी बात नहीं है। पंजाब का हर एक किसान हमसे ज्यादा चलता है। ठीक है, वो कन्याकुमारी से कश्मीर नहीं चलता है, मगर वो अपने खेत में पैदल चलता है, मंडी तक पैदल जाता है, खाद खरीदने पैदल जाता है, बीज खरीदने पैदल जाता है, तो हमने कोई बड़ा काम नहीं किया है, पूरा हिंदुस्तान ये काम करता है, इन सड़कों पर चलता है।
सीखने को बहुत मिला, किसानों से बात हुई, छोटे दुकानदारों से बात हुई, मजदूरों से बात हुई, बेरोजगार युवाओं से बात हुई, माताओं-बहनों से बात हुई और जो आपका ज्ञान है, उससे बहुत समझने को मिला, इसके लिए मैं सबको धन्यवाद करना चाहता हूँ और ये जो हमारी यात्रा है, इसमें हम लंबे भाषण नहीं देते हैं, ये बोलने की यात्रा नहीं है, ये सुनने की यात्रा है।
राहुल गांधी ने कहा,''सुबह हम 6 बजे उठते हैं, पैदल चलते हैं, तकरीबन 25 किलोमीटर। यहाँ पर शायद 7 बजे यात्रा शुरू होगी और हम 6-7 घंटे आपकी बात सुनते हैं और फिर चलने के बाद 10-15 मिनट हम अपनी बात रखते हैं। तो इस यात्रा का स्पिरिट सुनने का है, बोलने का नहीं है और हमें लगा कि हिंदुस्तान में जो सबसे बड़े मुद्दे हैं- नफ़रत, हिंसा, बेरोजगारी, महंगाई, इन चीजों को ये यात्रा उठाए और इनके खिलाफ़ ये यात्रा लड़ाई लड़े। आपने अपनी शक्ति दी, आपसे अब अगले 10 दिन हम बातचीत करेंगे, मिलेंगे।