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दर्जनों किसानों की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार उनकी दुर्दशा के प्रति बेपरवाह, यह हमारे लोकतंत्र के दुखद पक्ष का प्रतिबिंब है: आनंद शर्मा

  • by: news desk
  • 03 January, 2021
दर्जनों किसानों की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार उनकी दुर्दशा के प्रति बेपरवाह, यह हमारे लोकतंत्र के दुखद पक्ष का प्रतिबिंब है: आनंद शर्मा

नई दिल्ली: 'दिल्ली की कई सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन आज 39वां दिन है।  कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है|



आनंद शर्मा ने कहा,''हजारों लोग कड़ाके की ठंड व बारिश से लड़ते हुए दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। दर्जनों की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार उनकी दुर्दशा के प्रति बेपरवाह है। यह हमारे लोकतंत्र के दुखद पक्ष का प्रतिबिंब है।न्याय में देरी होने से न्यायिक व्यवस्था को गहरी चोट होगी औऱ लोगों का संस्था और व्यवस्था में विश्वास टूटेगा।




आनंद शर्मा ने ट्वीट किया,'' भारत के किसान पिछले 38 दिनों से अपने अधिकारों और न्याय के लिए लड़ रहे हैं। हजारों लोग कड़ाके की ठंड व बारिश से लड़ते हुए दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। दर्जनों की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार उनकी दुर्दशा के प्रति बेपरवाह है। यह हमारे लोकतंत्र के दुखद पक्ष का प्रतिबिंब है।



आनंद शर्मा ने कहा,''माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कृषि कानूनों को तब तक निलंबित किया जाए, जब तक कि कोई स्वीकार्य समाधान नहीं निकलता है और राज्य सरकार द्वारा और कृषि कानूनों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाले किसानों द्वारा याचिकाएं पर फैसला नहीं लिया जाता। शर्मा ने कहा,''न्याय में देरी होने से न्यायिक व्यवस्था को गहरी चोट होगी औऱ लोगों का संस्था और व्यवस्था में विश्वास टूटेगा।





केंद्र के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) कड़ाके की सर्दी और बारिश के बीच भी जारी है|किसान इन कानूनों का 'काला कानून' करार देते हुए एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि इन्हें रद्द करवाया जा सके|चार जनवरी (सोमवार) को किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक होनी है| इससे पहले, 30 दिसंबर को बातचीत हुई थी, जिसमें दो मुद्दों पर बात बनी है|




आज शाम भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा,''हम वापस नहीं जाएंगे|  अब तक 60 किसान शहीद हो चुके हैं, सरकार को देना होगा जवाब| राकेश टिकैत ने कहा,''कल का एजेंडा रहेगा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट, तीन कृषि क़ानूनों की वापसी और MSP पर क़ानून बने। हम वापस नहीं जाएंगे। अब तक 60 किसान शहीद हो चुके हैं। सरकार को जवाब देना होगा|



भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा,''सरकार किसानों को खूनी क्रांति के लिए उकसा रही है,लेकिन नही अभी लठ क्रांति होगी। किसानों की परीक्षा ले रहे है प्रधान सेवक मोदी| टिकैत ने कहा,''राजधर्म का पालन नही कर रहे देश के प्रधान सेवक,दिवंगत किसानों के लिए दो शब्द भी नही सत्ता का यह अहंकार भी किसान तोड़कर ही जायेगा।






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