नई दिल्ली: कृषि कानूनों और दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की है|कृषि कानूनों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अगले आदेश तक तीन कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है| कोर्ट के अगले आदेश तक ये कानून लागू नहीं होंगे| शीर्ष अदालत ने इन कानूनों पर चर्चा के लिए एक समिति का गठन भी किया है|। इस कमेटी में कुल 4 लोग शामिल होंगे, जिनमें भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल धनवत (शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र) शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर एक समिति गठित करने के फैसले पर किसान नेता डॉ दर्शनपाल सिंह ने कहा कि,''हमने कल रात एक प्रेस नोट जारी किया था जिसमें कहा गया था कि हम मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किसी भी समिति को स्वीकार नहीं करेंगे। हमें भरोसा था कि केंद्र को अपने कंधों से बोझ हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से एक समिति का गठन किया जाएगा|
किसान नेता डॉ दर्शनपाल सिंह ने कहा,''कल हम लोहड़ी मना रहे हैं जिसमें हम तीन कृषि क़ानूनों को जलाएंगे, 18 जनवरी को महिला दिवस है और 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश उत्सव है|
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि,'सरकार अपने ऊपर से दबाव कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जरिए कमेटी ले आई, इसका हमने कल ही विरोध कल दिया था। हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कमेटी को नहीं मानते हैं, कमेटी के सारे सदस्य कानूनों को सही ठहराते रहे हैं| राजेवाल ने कहा कि,''हमने कल ही कहा था कि हम ऐसी किसी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे। हमारा आंदोलन हमेशा की तरह आगे बढ़ेगा। इस समिति के सभी सदस्य सरकार के समर्थक हैं और सरकार के कानूनों को सही ठहरा रहे हैं|
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि,;;हमारा 26 जनवरी का प्रोग्राम पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा, जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है जैसे किसी दुश्मन देश पर हमला करना हो, ऐसी गैर ज़िम्मेदार बातें संयुक्त किसान मोर्चा की नहीं हैं। 26 जनवरी के प्रोग्राम की रूपरेखा हम 15 जनवरी के बाद तय करेंगे|