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किसान बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में हंगामे के चलते डेरेक ओ'ब्रायन, संजय सिंह सहित आठ विपक्षी सांसद निलंबित

  • by: news desk
  • 21 September, 2020
किसान बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में हंगामे के चलते डेरेक ओ'ब्रायन, संजय सिंह सहित आठ विपक्षी सांसद निलंबित

नई दिल्ली: किसान बिल को लेकर राज्यसभा में रविवार को हुए हंगामे के चलते तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ'ब्रायन सहित आठ विपक्षी सांसदों को सोमवार को निलंबित कर दिया गया है |  सरकार की ओर से विपक्षी सांसदों को निलंबित करने के प्रस्ताव पेश किया गया था|



राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि ''डेरेक ओ'ब्रायन, संजय सिंह, राजीव सातव, के.के. रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलामरम करीम को एक सप्ताह के लिए सदन से निलंबित किया जाता है| 



आज सोमवार को भाजपा के राज्यसभा सांसदों ने कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान राज्यसभा उपाध्यक्ष हरिवंश की उपस्थिति में कल सदन में हंगामा करने वाले विपक्षी सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी|



राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि ''मैं डेरेक ओ'ब्रायन का नाम लेता हूं कि सदन से बाहर जाएं। अगर कल मार्शल्स को सही समय पर नहीं बुलाया जाता तो उपाध्यक्ष के साथ क्या होता ये सोचकर मैं परेशान हूं|



उन्होंने कहा, विपक्ष के जिन आठ सांसदों को निलंबित किया जा रहा है, उसमें तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा और सैयद नजीर हुसैन शामिल हैं। इसके अलावा, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम) के एलमरन करीम और केके रागेश को भी सदन से निलंबित किया जाता है।


नायडू ने कहा, इन सांसदों को उपसभापति के साथ दुर्व्यवहार करने की वजह से एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है। वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद वी मुरलीधरन ने कहा, निलंबित सदस्यों को सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं है। सदन गैर-सदस्यों की उपस्थिति के साथ काम नहीं कर सकता|



टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे सांसदों के निलंबन पर कहा, कई सदस्यों द्वारा कृषि विधेयक में संशोधन पर विचार नहीं किया गया और तथाकथित ध्वनि मत के जरिए इसे पास कर दिया गया। इस मामले में अध्यक्ष की भूमिका पूर्ववर्ती 'पक्षपातपूर्ण', अभूतपूर्व और गैरकानूनी थी। यदि संवैधानिक प्राधिकारी राज्यसभा अध्यक्ष नियमों के अऩुसार कार्य नहीं करेंगे तो देश फासीवाद की तरफ भले ही न बढ़े, लेकिन इसका बहुसंख्यकवाद का शिकार होना तय है।




भुवनेश्वर कालिता ने निलंबित सदस्यों को सदन छोड़ने के लिए कहा।  उन्होंने कहा, "पहले LoP बोलेंगे, कृपया सदन के नियमों का पालन करें। निलंबित सदस्यों को इस सदन से बाहर जाना चाहिए।"विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ लगातार विरोध के बीच, राज्यसभा सुबह 11.07बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।




उप सभापति हरिवंश ने कहा,''मेरा आग्रह है कि माननीय सदस्य जो 256 के तहत नामित किए गए हैं वो सदन की कार्यवाही में न रहें|विपक्ष के नेताओं के लगातार विरोध के चलते राज्यसभा सुबह 11.07 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।






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