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कांग्रेस छोड़कर गुलाम नबी के साथ गए नेताओं का चार महीने में ही भंग हुआ आजाद की पार्टी से मोह, J&K के पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद समेत 17 नेताओं ने की घर वापसी; किसी की दोस्ती में आकर उठा लिए गलत कदम ..

  • by: news desk
  • 06 January, 2023
कांग्रेस छोड़कर गुलाम नबी के साथ गए नेताओं का चार महीने में ही भंग हुआ आजाद की पार्टी से मोह, J&K के पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद समेत 17 नेताओं ने की घर वापसी; किसी की दोस्ती में आकर उठा लिए गलत कदम ..

नई दिल्ली: DAP प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद को बड़ा झटका लगा है। गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) से थोड़े समय के जुड़ाव के बाद जम्मू और कश्मीर उपमुख्यमंत्री रहे तारा चंद समेत 17 नेताओं ने गुलाम नबी आजाद की पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस (Congress) में लौट आए। पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद के अलावा पीरजादा मो. सईद, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष ठाकुर बलवान सिंह (पूर्व विधायक और पूर्व महासचिव डीएपी), मो. मुजफ्फर र्पे, पूर्व एमएलसी और वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट, मोहिंदर भारद्वाज (सीनियर एडवोकेट जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय, तीन बार अध्यक्ष बार एसोसिएशन जम्मू, पूर्व सदस्य कार्य समिति, डीएपी) और अन्य नेता कांग्रेस में शामिल हुए।


कांग्रेस में दोबारा शामिल होने के बाद ताराचंद ने कहा कि,'' मुझ जैसे गरीब आदमी को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दी, विधायक बनाया, CLP लीडर बनाया। हमसे जज्बात में आकर गलती हुई, इससे पार्टी का नुकसान हुआ। हम कांग्रेस पार्टी में वापस आए हैं|  पीरजादा मोहम्मद सैयद ने कहा''मैं 50 साल कांग्रेस में रहा हूं, विभिन्न पदों पर काम किया, 4 बार मंत्री रहा हूं। मुझसे भूल हुई थी, मैं जज्बात में आ गया था और तकरीबन दो महीने मुझे नींद नहीं आई थी|


आपको बता दें कि 26 अगस्त, 2022 को गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दिया था। 30 अगस्त, 2022 को गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पूर्व उप मुख्यमंत्री तारा चंद सहित जम्मू-कश्मीर के 70 से अधिक कांग्रेस नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। 



आज  जनवरी 06, 2023 को तारा चंद समेत 17 नेताओं ने AICC HQ में पुनः कांग्रेस (Congress) ज्वाइन कर ली। AICC HQ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि ये पार्टी नहीं छोड़े थे, ये छुट्टी के लिए बाहर गए थे और ये छुट्टी के बाद वापस आए हैं। मैं अभी रजनी पाटिल जी से गुजारिश करूंगा कि असली में 19 लोग वापस लौट रहे हैं छुट्टी के बाद, पर आज 17 लोग यहाँ मौजूद हैं, दो आ नहीं पाए, पर 19 लोग... और ये पहला चरण है, और भी आने वाले हैं। मैं रजनी जी से गुजारिश करूंगा कि इनका परिचय कराइए और इस प्रेस वार्ता के विशेष महत्व के बारे में कुछ और जानकारी आपको दें।



 रजनी पाटिल ने कहा कि,''राहुल जी का जो जन सैलाब निकला हुआ है। उस जनसैलाब में शामिल होने के लिए, डीएपी के लीडर हमारी पार्टी में शामिल हो रहे हैं और सुबह का भूला शाम को घर आता है, तो उसे भूला नहीं कहते। ऐसे सब लोग, उनको रियलाइज हुआ है कि हमारी पार्टी हमारी पहचान कांग्रेस ही है, इसलिए कांग्रेस उन्होंने ज्वाइन करने का फैसला किया है।



इन नेताओं ने की घर वापसी

1.ताराचंद (कांग्रेस के पूर्व उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और नेता सीएलपी, जम्मू-कश्मीर)

2. पीरजादा मो. सईद (पूर्व जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष, 3 बार जम्मू-कश्मीर के मंत्री)

3. ठाकुर बलवान सिंह (पूर्व कांग्रेस MLA )

4. मो. मुजफ्फर पर्रे (पूर्व कांग्रेस एमएलसी और सीनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट)

5. मोहिंदर भारद्वाज (वरिष्ठ अधिवक्ता जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय, 3 बार अध्यक्ष बार एसोसिएशन जम्मू)

6. भूषण डोगरा ( पूर्व उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति सलाहकार बोर्ड जम्मू-कश्मीर सरकार, मंत्री पद का दर्जा)

7. विनोद शर्मा (पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस सेवादल जम्मू-कश्मीर, पूर्व महासचिव पीसीसी जम्मू-कश्मीर)
8. नरिंदर शर्मा (पूर्व सचिव पीसीसी जम्मू-कश्मीर)
9. नरेश शर्मा (2 बार पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद कठुआ, पूर्व सचिव पीसीसी-प्रदेश कांग्रेस कमेटी)
10. अंबरीश मगोत्रा (पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद कटरा, पूर्व सचिव पीसीसी जम्मू और कश्मीर)
11. सुभाष भगत (पूर्व अध्यक्ष डीसीसी सांबा)
12. श्रीमती संतोष मन्हास
13.बद्री नाथ शर्मा
14. वरुण मगोत्रा (पूर्व महासचिव युवा कांग्रेस)
15. श्रीमती अनुराधा शर्मा (वरिष्ठ महिला नेता)
16. विजय तारगोत्रा (प्रखंड विकास अध्यक्ष हीरानगर)
17. श्रीमती चंदर प्रभा शर्मा (वरिष्ठ महिला नेता)



श्रीमती पाटिल ने कहा कि,''तो ये सब लोग आज हमारी पार्टी में सम्मिलित हो रहे हैं। जैसे कि हमारे वेणुगोपाल सर ने कहा कि ये छुट्टी लिए गए थे और दो महीने के बाद, तीन महीने के बाद वापस आ गए हैं, इनका हम तहे दिल से स्वागत करते हैं और मुझे पूरी आशा है कि जिस तरह से वातावरण..., क्योंकि मैं हर चार दिन के बाद जाती हूं जम्मू-कश्मीर, एकदम वहाँ पर माहौल चेंज हुआ है क्योंकि वहाँ उन्होंने डिक्लेयर कर दिया है, जैसे हमारे लोगों ने संपर्क किया, तो फारूक अब्दुल्ला साहब भी ज्वाइन करेंगे यात्रा, परसों भी उन्होंने यूपी में ज्वाइन करी थी। उमर अब्दुल्ला भी श्रीनगर में उनका स्वागत करेंगे। हमारे तारिगामी, कम्युनिस्ट पार्टी के, वो भी करेंगे, महबूबा मुफ्ती जी ने भी सहमति दी है और बहुत आनंद से बोला है कि सम्मिलित होंगे और मुजफ्फर शाह जो, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के, तो वो भी शामिल होंगे। तो लाइकमाइंडेड सभी लोग इसमें शामिल होंगे और आप सोच भी नहीं सकते शुरुआत वहाँ से ( कन्याकुमारी से ) हुई, उस तरह से शानदार प्रोग्राम हमारा श्रीनगर में हो जाएगा और श्रीनगर का प्रोग्राम पूरा हिंदुस्तान याद रखेगा। इतना ही मैं आपको आज कहती हूं और आप सबको सादर आमंत्रित करती हूं कि आप भारत जोड़ो यात्रा में सम्मिलित हूं होकर वहाँ पर आ जाइए।



जल्दबाजी में जज्बाती होकर हमने गलत कदम उठा लिए...: ताराचंद
पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद ने कहा कि,'' श्री वेणुगोपाल जी ने और मैडम रजनी पाटिल जी ने आपको सारा बता दिया। जहाँ तक हमारा ताल्लुक है, जितने भी साथी हमारे बैठे हैं, हमारी पूरी उम्र जो है वो कांग्रेस में ही बीती है। हमने कांग्रेस के लिए काम किया है। बीच में हालात कुछ ऐसे बने कि जल्दबाजी में जज्बाती होकर हमने कोई गलत कदम उठा लिए, मैं समझता हूं कि एक बहुत बड़ा गलत कदम हमने उठाया। जिस पार्टी ने ताराचंद जैसे एक गरीब आदमी को, गांव के रहने वाले को टिकट दिया, एमएलए बनाया, सीएलपी लीडर बनाया, एक पहचान दी। दूसरी दफा मैं जीता तो 6 साल स्पीकर जम्मू-कश्मीर एसेंबली का रहा, ये भी पार्टी की दी हुई पहचान थी ।


किसी की दोस्ती में आकर गलत कदम उठा लिया...

ताराचंद ने कहा कि,''श्रीमती सोनिया गांधी ने मुझे खुद बुलाकर कहा था कि मैं आपको स्पीकर बना रही हूं और 6 साल के लिए| , मैं डिप्टी चीफ मिनिस्टर रहा, ये भी कांग्रेस की देन थी। मैं समझता हूं कि हम सबकी जिंदगी में अगर कोई सबसे बड़ा ब्लंडर हमसे हुआ है, सबसे बड़ी भूल हुई, हमने जज्बात में आकर, किसी की दोस्ती में आकर गलत कदम उठा लिया, जिस वजह से हमें और हमारी पार्टी को नुकसान, अगर पार्टी का नुकसान है तो हम सबका नुकसान है, ये हम सबको नुकसान उठाना पड़ा।



तो आज हम फिर वापस आए हैं, हम पार्टी के बहुत ही शुक्रगुजार हैं। श्री राहुल गांधी, खरगे साहब जो हमारे प्रेसीडेंट हैं, उनके एहसानमंद हैं, श्रीमती सोनिया गांधी के एहसानमंद हैं, जिन्होंने हमें वापस शामिल होने की इजाजत दे दी। श्री वेणुगोपाल जी, मैडम जी, इनके भी हम शुक्रगुजार हैं कि इन्होंने साथ मिलकर हमें फिर से पार्टी में शामिल होने का मौका दिया।


मैं 50 साल कांग्रेस में रहा हूं,चार दफा मैं मिनिस्टर रहा... : पीरजादा मोहम्मद सईद
पीरजादा मोहम्मद सईद ने कहा कि , जैसे आपने सुना कि मैं 50 साल कांग्रेस में रहा हूं, यूथ कांग्रेस का प्रेसीडेंट भी रहा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रेसीडेंट रहा और चार दफा मैं मिनिस्टर रहा। पूरी जिंदगी कांग्रेस में बिताई और मुझसे एक भूल हो गई कि मैं जज्बातों में आ गया और दो महीने के लिए जैसे वेणुगोपाल जी ने कह दिया है कि ये छुट्टी थी। मैं उनका बहुत ही आभारी हूं और मैं माफी मांगता हूं कश्मीर के लोगों से, पूरे हिंदुस्तान के लोगों से और अपनी पार्टी से और तकरीबन ये दो महीने मुझे नींद नहीं आई है और ऐसा मुझ पर दबाव था, ना सिर्फ लोगों का, बल्कि अपने परिवार का भी । 



...क्योंकि एक वालिहाना मोहब्बत है, गांधी फैमिली से और जम्मू-कश्मीर के लोगों से और आज भी प्यार करते हैं, रियासत जम्मू-कश्मीर के लोग गांधी फैमिली से। जिस तरह से उन्होंने हमारे लोगों के साथ हमदर्दी और तरक्की की राह पर साथ दिया, वो रियासत जम्मू- कश्मीर के लोग कभी भूल नहीं पाएंगे। 



उन्होंने कहा,''जरूरत है इस बात की ... पूरे मुल्क में और जम्मू-कश्मीर में जहाँ आजकल आतंकवाद पल रहा है और कोई कमी नहीं आई है पिछले 8 सालों में। 



आतंकवाद में कमी नहीं आई है....

श्री सईद ने कहा कि ,मैं समझता हूं कि आतंकवाद बढ़ गया है, कमी नहीं आई है। ये सेक्युलरिज्म, मुल्क में सेक्युलरिज्म और जम्मू-कश्मीर में सेक्युलर ताकतें मजबूत होने की जरूरत है। इसमें हमारी पार्टी का अहम रोल है और जितनी मजबूत हमारी रियासत में कांग्रेस होगी, उतने वहाँ के जो हालात हैं, वो ठीक हो जाएंगे और अब हमारे लीडर राहुल जी की पदयात्रा वहाँ है और उसमें जमकर लोग आ जाएंगे और उसमें पार्टिसिपेट करेंगे। हम आजकल बड़े परेशान थे एक पार्टी में रहकर कि क्या करना है, लेकिन खुदा का शुक्र है कि जितनी भी सियासी पार्टियां हैं सेक्युलर नजरिया रखने वाली, वो सब इस पदयात्रा में शिरकत करेंगी ताकि जम्मू-कश्मीर में भी अच्छा वातावरण पैदा हो, अच्छे हालात पैदा हों और सेक्युलरिज्म और जम्हूरियत का बोलबाला हो ।



सुबह का भूला शाम को घर आए, तो उसे भूला नहीं कहते...

कांग्रेस में दोबारा शामिल होने पर श्री सईद ने कहा कि ,मैं ये समझता हूं कि दो महीने बाहर रहकर फिर अपने घर में वापस आता हूं। एक मिसाल है कि सुबह का भूला शाम को घर आए, तो उसे भूला नहीं कहते। मैं इनका भी बड़ा शुक्रगुजार हूं कि इन्होंने हमारी गलती माफ की है और हमें फिर एडमिशन दिया है | इस पार्टी में और मैंने उस वक्त भी कहा था कि मैं पार्टी छोड़ रहा हूं लेकिन 50 साल से कांग्रेस का नजरिया मेरे जेहन में है और उस पर काम करूंगा और कंफर्टेबल भी नहीं थे, वहाँ पर। हमें सेक्युलरिज्म के, जम्हूरियत के नजरिए को आगे ले जाना है।



गुलाम नबी आजाद ने किन कारणों से पार्टी छोड़ी, वो वही बता सकते हैं..: ताराचंद

एक अन्य प्रश्न (गुलाम नबी आजाद को लेकर) के उत्तर में श्री ताराचंद ने कहा कि देखिए गुलाम नबी आजाद साहब कांग्रेस के बहुत ही सीनियर लीडर रहे हैं और काम करने का तजुर्बा भी उनका अच्छा रहा है। अब न जाने ये हाई लेवल की बात है, कहाँ क्या कमी हुई? क्यों उन्होंने पार्टी छोड़ी? हमारा उनके साथ जो रिश्ता था, लगभग पिछले 40 साल से रहा, एक दोस्त की तरह और हम सीनियर होने के नाते उनको लीडर भी मानते थे, उन्होंने किन कारणों से पार्टी छोड़ी, वो वही बता सकते हैं, क्यों छोड़नी पड़ी, हमें तो ये मालूम नहीं।



दोस्ती की वजह से हम जज्बात में आ गए: ताराचंद

दूसरा जो आपने पूछा है कि हमें क्यों छोड़नी पड़ी - क्योंकि दोस्ती की वजह से हम जज्बात में आ गए कि आज ये (गुलाम नबी आजाद) अकेले पड़ गए हैं, हमें इनका साथ देना चाहिए, वो जल्दबाजी में हमने ये फैसला ले लिया और अब जब वो जज्बात ठण्डे हुए तो हमें याद आया कि नहीं जिस पार्टी ने हमें सब कुछ दिया है, जिस पार्टी ने इस देश को बनाया है, उस पार्टी के लिए ही हमें काम करना चाहिए। आज पूरे हिन्दुस्तान को और खासकर जम्मू-कश्मीर में जो सेक्युलर फोर्सेज़ हैं, उनको मजबूत करने की जरूरत है, उनको यूनाईट होने की जरूरत है| जब हमें लगा कि जहां कुछ गड़बड़ी लग रही है, भूलभुलैया में डालकर गलत जगह ले जाने की कोशिश जा रही है, सेक्युलर फोर्सेज़ को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है, तो हम फिर अपने घर वापस आ गए।



एक अन्य प्रश्न के उत्तर पर श्री ताराचंद ने कहा कि देखिए जब हमारे पीसीसी प्रेसिडेंट साहब नए बने थे तो मेरी लीडरशिप में जम्मू में मीटिंग हो रही थी कि इनकी रिसेप्शन कैसी हो? जनरल सेक्रेटरी साहिबा हैं, इनकी रिसेप्शन अच्छी होनी चाहिए, लेकिन रात को हम मीडिया के जरिये सुनते हैं कि गुलाम नबी आजाद जी ने इस्तीफा दे दिया, हमारे से कोई इस बारे में शेयर नहीं हुआ था, हमसे कोई सलाह इस बारे में नहीं ली गई थी।



एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री ताराचंद ने कहा कि पीरजादा साहब ने भी आपको बताया अपनी स्पीच में, जो साथी स्टेज पर आज हमारे साथ बैठे हैं, अपने-अपने एरिया में हर एक की पकड़ है, अपने लोगों में ये सारे साथी मजबूत हैं और उनकी अगर अच्छी रैलीज़ होती थीं तो लोग हम जमा करते थे, अगर इलेक्शन में लोग वोट डालते थे तो काम फील्ड में हम करते थे तो इसलिए कांग्रेस पार्टी का वर्कर मजबूत रहेगा, कांग्रेस मजबूत होकर इलेक्शन में उभरकर आएगी, जम्मू-कश्मीर के अन्दर । एक बन्दे के जाने से या एक बन्दे के रहने से पार्टी कमजोर नहीं पड़ जाएगी।


वो हमने किया जो हमें अच्छा लगा : ताराचंद

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री ताराचंद ने कहा कि हम थोड़े छोटे वर्कर थे, वो बड़े (गुलाम नबी आजाद) लीडर हैं। अपना फैसला वो खुद ही ले सकते हैं, हम कौन होते हैं उनको गाईड करने वाले, लेकिन हमें लगा कि हम गलत रास्ते पर चल पड़े, हमें फिर से सही रास्ते पर वापस जाना चाहिए। वो हमने किया जो हमें अच्छा लगा।


एक अन्य प्रश्न के उत्तर पर श्री ताराचंद ने कहा कि जब सेक्युलर वोट 2-3-4 जगह डिवाईड होगा तो सेक्युलर फोर्स, जो मेन सेक्युलर फोर्स है- कांग्रेस, वो कमजोर होगी। तो उसका फायदा तो नेचुरली किसी एक पार्टी को जाएगा।


कांग्रेस लीडरशिप गठबंधन के लिए निर्णय लेगी: पाटिल

एक अन्य प्रश्न (गठबंधन) के उत्तर में श्रीमती रजनी पाटिल ने कहा कि एलायंस की बात तो अभी नहीं है, क्योंकि अभी भारत जोड़ो यात्रा की हम तैयारी कर रहे हैं। तो लीडरशिप इसके लिए निर्णय लेगी।




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